सिद्धार्थ की बात सुनकर जहां तपस्या के अंदर का गुस्से का लेवल बस खतम ही होने वाला था। वहीं विराट उसकी घूरती नजर को खुद पर महसूस कर तिरछा मुस्कुरा कर अपना चेहरा दूसरे और कर देता है।
तपस्या गुस्से से सेल्स गर्ल के हाथों से सारे कपड़े छीन ते हुए सिद्धार्थ के पास आती है। और उसके चेहरे को देख एक जबरदस्ती की स्माइलिंग फेस करते हुए बोलि,
"कोई ज़रूरत नहीं दादू से शिकायत करने की.....see I am so happy।"
तपस्या कहते हुए तिरछी नजर से विराट के और देख ने लगी।
विराट दोनों हाथ पॉकेट में डालकर फर्श को घूरे जा रहा था। और चेहरे पर हल्की न दिखने वाली स्माइल भी थी।
तपस्या उसे घूर कर अपने शब्दों को खिंच ते हुए
"कुछ ज़्यादा ही एंजॉय कर रहे हैं हम अपने ब्राइडल शॉपिंग को। ऐसे ही नहीं खरीदेंगे कुछ भी।अब तो सारे के सारे ही ट्राई करेंगे।"
सिद्धार्थ को कहते हुए तपस्या अपना चेहरा विराट की ओर करती है और विराट को देखते हुए ही दो-तीन बार अपनी पलकें झपका ते हुए आदतन चेहरे पर पड़े बालों को blew करते हुए पैर पटक कर वहां से जाने लगीं । विराट ने सेल्स गर्ल को इसरों में उसके साथ जाने केलिए कहा। सेल्स गर्ल अपना सिर" हां"में हिलाते हुए तपस्या के पीछे पीछे चली गईं।
विराट उसके हर अदा को देख कर और उसके गुस्से जलन भरी नजर खुद पर महसूस कर के कुछ पल केलिए उसी में ही खोए हुए मुस्कुराने लगा। तपस्या के अंदर इस बक्त वो उस छोटी सी बच्ची को ही देख रहा था।
तपस्या विराट पर एक गुस्से भरी नजर डालकर पैर पटकते हुए ट्रायल रूम के और जाने लगी। सिद्धार्थ उसके तरफ एक तिरछी शरारत भरी नजर डालकर हल्के दबी हुई आवाज मैं बोला
"कुछ मदद कर दूं?"
तपस्या उसके ऊपर एक जलती हुई नजर डालकर"जरूरत नहीं है सिद्धार्थ हम बचपन से कपड़े खुद ही पहनते हैं ,मदद की जरूरत नहीं पड़ती है हमें।"
सिद्धार्थ शरारती अंदाज में बोला
"होने वाले हस्बैंड है आप के। इतना तो हक बनता ही है।"
तपस्या उस पर एक तीखी नजर डालकर तेज आवाज में
"होने वाले हैं ,हुए तो नहीं है ना ,अभी भी 8 दिन बाकी है ।तब तक हम बस तपस्या रायचंद ही रहना चाहते हैं ।"
कहते हुए वो सिद्धार्थ को ऊपर से नीचे तक देखकर ट्रायल रूम की ओर चली गई।
सिद्धार्थ वहीं पर खड़ा शरारत से मुस्कुरा रहा था। अचानक से उसे अपने ऊपर किसी की जलती हुई नजर महसूस हुई। उसने मुड़कर देखा तो विराट उसे आग उगलती नजरों से देख रहा था ।उसकी नजरों को देख सिद्धार्थ भी कुछ पलों के लिए सहन गया और खुद को संभालते हुए विराट के पास आकर मुस्कुराते हुए बोला
"अरे मिस्टर अग्निहोत्री लगता है आप अभी तक नाराज है मुझसे??चलिए दोबारा सॉरी बोल देता हूं।"
कहते हुए उसने विराट के कंधे पर हाथ रखा । और थपथपा ते हुए कहा,
"लेट्स बी फ्रेंड्स बोथ पर्सनली एंड प्रोफेशनली।"
विराट एक तिरछी नजर अपने कंधे पर रखे सिद्धार्थ के हाथ के तरफ डालता है और फिर हल्के हाथ से उसके हाथ को हटाते हुए एटीट्यूड के साथ बोला,
"दोस्त बनाने की आदत नहीं है मुझे , दुश्मन बनाने का शौक रखता हूं क्योंकि प्यार से नहीं नफरत से प्यार है मुझे।"
कहते हुए उसकी जलती नज़रें बस सिद्धार्थ की नजरों पर ही टिकी हुई थी।
सिद्धार्थ सवालिया नजरों से उसे देखकर
"मैं कुछ समझा नहीं ।"
सिद्धार्थ ने कहा और एक फीकी सी स्माइल लिए विराट की तरफ देखने लगा और उसके दिमाग को पढ़ने की कोशिश कर रहा था।
विराट उसे देखकर एक बनावटी मुस्कुराहट लेकर कुछ देर उसे वैसे ही देखने लगा। फिर टशन के साथ बोला,
"अपने दिमाग पर ज्यादा जोर मत डालिए और मेरे बारे में अंदाज से लगाना छोड़ दीजिए। मैं गहरा समंदर हूं खुला आसमान नहीं। ज्यादा गहराई में जाएंगे तो डूबने का खतरा है मिस्टर ओबरॉय संभलकर।"
दूसरे ओर....
तपस्या ट्रायल रूम में मिरर के आगे एक एक ड्रेस ट्राई किए जा रही थी। जिसमे से एक भी ड्रेस उसे पसंद नहीं आ रही थी। उसने भी कहां ड्रेस्ड को देख कर पसंद किया था। उसने तो बस विराट के ऊपर आ रही गुस्से के बजे से यूं ही कुछ भी उठा लिया था।
आखिर में 10 /15 ड्रेस इधर-उधर फेंकने के बाद एक बॉटल ग्रीन कलर की स्टोन वर्क से भरी हुई बेहद खूबसूरत ड्रेस को पहन कर उसके चेहरे पर थोड़ी संतुष्टि के भाव दिखे ।उस ड्रेस को पहन के वो खुद को मिरर में देखने लगे और हल्के मुस्कुराहट के साथ बोली
नॉट bad तपस्या यू आर लुकिंग गॉर्जियस ।"
बोलकर वो खुद को ही मिरर में निहार ने लगी थी ।अचानक से कुछ याद आते ही उसकी चेहरे की खुशी पल भर में गायब होकर वापस गुस्से से भर जाती है ।गुस्से से ही बडबडाते हुए
"समझते क्या है आखिर खुद को ?पहले तो खुद हमसे एयरपोर्ट पर टकराए फिर खुद हमारे वेलकम पार्टी में आए और हमारे साथ डांस करने लगे फिर खुद ही हमारे बिना इजाजत हमारे यादों में भी कब्जा कर लिया और इतना सब कुछ करने के बाद आज हमें देखकर भी यूं इग्नोर कर रहे हैं जैसे हम इस दुनिया में एक्जिस्ट भी नहीं करते हैं।"
बोलते बोलते वो अपने चेहरे पर बालों को ब्लू करने लगी। और अपनी गहरी पलकों को दो-तीन बार झपका कर मुंह फुलाए फिर से बोलि
"हाउ डेयर ही??हमे, मतलब तपस्या रायचंद को इगनोर किया। हिम्मत भी कैसे किया उन्होंने। दुबारा कभी हमारे सामने क्या अगर हमारे सपनों में भी आनेकी कोशिश की छोड़ेंगे नहीं उन्हे हम।"
अपने पहने हुए सूट की डोरी से उलझ ते हुए वो ख़ुद से ही बडबडा रही थी। तभी उसकी नजर सामने मिरर पर टिक गईं जहां विराट दीवार से टिक कर हाथ बांधे खड़ा उसे ही एक टक देखे जा रहा था ।उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान थी । उसे देखकर कुछ पल के लिए तो तपस्या सहम गई फिर खुद को नॉर्मल करते हुए बोली
"इस बार हम बिल्कुल धोखा नहीं खाएंगे । बार-बार आपके झांसे में भी नहीं आएंगे । हमें पता है कि आप बस हमारी इमेजिनेशन है। सच में थोड़ी ही है।"
कहकर वो चेहरा झटक कर अपने सूट की डोरी बांधने लगे। उसके सूट का गला काफी डिप था और सूट के तीनों डोरियां खुली हुई थी जिससे कि उसका पूरा गला और पीठ साफ दिखाई दे रहा था।
विराट बिना पीछे मुडे अंदाजे से ट्रायल रूम का लॉक चेक करने लगा। और धीरे-धीरे तपस्या के तरफ़ बढ़ने लगा। उसकी नजर तपस्या की खुले पीठ पर टिकी हुई थी। तपस्या उसके तपिश भरी नजर खुद पर महसूस करने लगी। और विराट के हर एक कदम के साथ-साथ ही उसके दिल की धड़कन भी जोरों से बढ़ने लगती है। उसने पीछे मुडकर देखा जहां विराट बस कुछ कदम के दूरी पर खड़ा उसे इंटेंसे नजर से देख रहा था।
तपस्या के कदम हल्के पीछे की तरफ बढ़ने लगे। ये देखकर विराट के चेहरे की हल्की सी मुस्कान उसके होठों पर थोड़ी और फैल गई।
कुछ सोच कर उसने अपने कदम रोक लिऐ।और तपस्या के चेहरे के भाव देखने लगा।
जहां तपस्या बहके हुए बस खुद के सांसों को और धड़कनों को संभाल रही थी । विराट ने अपने कदम रोक लिऐ तो तपस्या ने भी अपने कदम रोक लिऐ ।
विराट मुस्कुराया और वापस से अपने कदम आगे की और बढ़ा दिया। तपस्या भी पीछे की ओर बढ़ने लगी । लेकिन बस दो कदम के बाद वो रुक गई ।क्योंकि पीछे मिरर होने की वजह से जगह ही नहीं बची थी।
जिसे ही विराट उसके करीब आने लगा तपस्या की दिल की धड़कन और भी तेज होने लगी ।विराट उसकी एकदम पास आकर खड़ा हो गया । उसने कस कर अपनी आंखें बंद करली और खुद से ही फूसफुसाने लगी,
रिलैक्स तपस्या कोई नहीं है । बस आपकी इमेजिनेशन है। अभी बस पलक झपकाए हैं गुम हो जाएंगे। डोंट वरी। थोड़ी ही वो ट्रायल रूम में आ सकते हैं ।"
तपस्या ने खुद को समझाते हुए कहा और एक आंख खोलते हुए सामने देखने लगी ।विराट इंटेंस नजरों से उसे एक टक निहार रहा था।
उसने अपने कांपते हुए होठों को हल्के से खोला और सहमे हुए आवाज में पुछा,
"आप सच में तो नहीं हो सकते हैं ना ?आप हमारी इमेजिनेशन ही है ना??"
कहते हुए वो विराट के इंटेंस नजरों को दिखने लगी। जो अभि तक तपस्या के नजरों में ही डूबा हुआ था।
विराट उसकी आंखों में देखते हुए ही उसका एक हाथ अपने हाथों में भरकर अपने गालों पर रखा ।और उसे अपने चेहरे पर चलाते हुए पैशन से भरी आवाज में बोला,
"अभी यकीन है कि मैं हूं या फिर कुछ और करूं?"
तपस्या ने कुछ नहीं कहा बस एक टक उसे देखती रही। विराट उसके हाथों की उंगलियों को अपने होठों पर सहलाते हुए अपने दांतों में दबा देता है । जिसकी वजह से तपस्या की हल्की सी आह निकलती है। लेकिन दूसरे ही पल वो चौंक कर विराट को देखने लगी और चीख कर हुए बोली
"आप सच में कैसे?"
विराट उसके होठों पर अपनी उंगली रखते हुए धीमी आवाज से
"Shhhh"
कहकर वो तपस्या के चेहरे के काफी नजदीक आ गया था। तपस्या दूर हटने की कोशिश करने लगी तो विराट ने उसका हाथ पकड़ लिया । तपस्या अपने तेज चलते सांसों को संभालते हुए अपनि आंखे चुराने की कोशिश करने लगी। विराट ने शरारत से मुस्कुराते हुए उसका हाथ छोड़ दिया और उसके कमर को पकड़ अपने करीब खींच लिया। एक झटके के साथ तपस्या के हाथ विराट के सीने को थाम लेती है।
अब तपस्या विराट के बढ़ती धड़कनों को साफ़ महसूस कर पा रही थी। वो एकदम से झुकी नज़रों के साथ शांत खड़ी हो गईं ।विराट अपना सिर टेढ़ा कर उसके चेहरे को करीब से देखने लगा। और उसके हाथ तपस्या के कमर से होते हुए उसके पीठ पर चलने लगी। और नजरे चेहरे से हटकर मिरर पर चली गई। जिससे उसकी पीठ साफ दिखाई दे रही थी।
विराट की उंगलियां अपने पीठ पर महसूस करते ही तपस्या बहक ने लगी। वो कुछ बोलना चाहती थी शायद विराट को रोकना भी चाहती थी लेकिन नाहीं उसे शब्द मिल रहे थे और ना ही वो खुद ही खुद के काबू में थी। विराट ने उसे अपनी बाहों में भर लिया। और अपने होठों को उसकी गले के पास रख दीया ।तपस्या बस चुपचाप खुद को विराट के बाहों में महसूस करने लगी ।उसकी पकड़ विराट के सीने पर सख्त होने लगी ।उसकी इस हरकत से विराट के चेहरे पर स्माइल आगई और एहसासों में कुछ अलग ही कशिश थी।
विराट अपनी उंगलियां उसके कंधे से गर्दन तक सहलाने लगा। और अपने उंगलियों को उसके पीठ पर चलाते हुए एक-एक कर सूट के डोरिया बांधने लगा ।
तपस्या अभी भी आंखें बंद कीए सब महसूस कर रही थी।
विराट अपने होठों को उसके कंधे और गर्दन पर चलाते हुए उसके कानों तक पहुंचकर हल्का सा चूम कर इंटेंस voice में बोला
"वैसे मिस रायचंद मैं आपके ख्वाबों ख्यालों में आकर आप के साथ करता क्या हूं, आपने बताया नहीं?"
विराट की बात सुनकर तपस्या कुछ नहीं बोली और उसे खुद को छुड़ा कर भागने लगी।
विराट उसकी बाहों को पकड़ कर खुद के और खींच लिया और उसे पीछे से कमर से पकड़ कर उसके कंधे पर अपना चीन टिका कर धीरे से बोल,
"Okay fine , कम से कम ये तो पूछ लीजिए मुझे कि मेरी लाइफ में वो someone special है कौन जिस केलिए मेने वो डिज़ाइनर लहंगा बनवाया है।"
विराट की बात सुनकर तपस्या के अंदर के एहसास जलन में बदलने लगी थी। उसने एकदम से अपनी आंखें खोली खुद को संभाल कर विराट की ओर घूम कर सवालिया नजरों से देखते हुए
"कौन है वो someone special?"
उसे इतनी झट से रिस्पांस देता हुआ देख विराट भी उसे भोएं चढ़ा कर दिखने लगा।
तपस्या विराट के नजरों को घूरते हुए अपने सवाल वापस से पूछने लगी।
"कौन है वो बताया नहीं आपने?"
विराट अपने होठों पर हरकत करते हुए तपस्या को देखने लगा जैसे अभी अभी वो उसका नाम बता देगा।
तपस्या उसे उम्मीद भरी नजरों से देख रही थी।
कुछ समय यूं ही खेलते हुए विराट उसे खुद से दूर कर एक्सप्रेसलेस होकर बोला
"मिस रायचंद आपके होने वाले हस्बैंड काफी देर से आपका इंतजार कर रहे है ,आई थिंक उन्हें और वेट करवाना ठीक नहीं होगा।"
बोल कर वो साइड में पड़े कपड़ों के ढेर के ऊपर से एक सिल्वर कलर की चुनरी उठाकर उसके माथे पर डालते हुए उसे एक टक देखने लगा।
उसके चेहरे पर पड़े बालों को कानों के पीछे कर डीप इंटेंसर नज़रों से उसके आंखों में देखते हुए बोला
"आपकी शादी में अब बस 8 दिन बाकी है ।आई थिंक आप दोनों को कुछ क्वालिटी टाइम स्पेंड करना चाहिए। सो हरी अप।"
बोल कर वो अजीब सी स्माइल करने लगा जिस में ढेर सारे मिले-जुले भाव थे और बस जाने केलिए पलटा ही था के तपस्या ने उसका हाथ थाम लिया।
कहानी आगे जारी है ❤️ ❤️
पढ़ते रहें और मेरे मेहनत का मेहनताना जरूर दे दें ❤️ ❤️