दोपहर का समय
फास्टट्रैक एडवर्टाइजमेंट एजेंसी का माहौल हमेशा व्यस्त और चुनौतीपूर्ण रहता था। लेकिन आज का दिन कुछ खास था। कंपनी के कॉन्फ्रेंस रूम में असामान्य हलचल थी। मनीषा, जो एजेंसी की मैनेजर थी, अपनी कुर्सी पर आत्मविश्वास से बैठी हुई थी। उसके ठीक सामने प्रोजेक्ट डिपार्टमेंट की हेड शालिनी राठौर और क्रिएटिविटी डिपार्टमेंट की हेड अनीता मिश्रा अपने-अपने नोट्स के साथ तैयार थीं।
उनके सामने कुर्सियों पर दो लोग बैठे थे। पहला व्यक्ति, यश कपूर, एक आईटी कंपनी "यश टेक्नोलॉजीज़" का मालिक था। 50 के आसपास उम्र, काले-सफेद बाल, और चेहरे पर एक परिपक्वता जो उसकी सफलता की गवाही दे रही थी। उसके साथ पीयूष सैनी, एक उत्साही और जुझारू एम्प्लॉई था, जिसकी उम्र लगभग 30 साल थी। दोनों का उद्देश्य था—फास्टट्रैक एजेंसी से उनकी नई स्मार्ट वॉच के लिए एक ऐसा प्रचार अभियान तैयार करवाना, जो बाजार में धूम मचा दे।
"तो, मिस्टर कपूर," मनीषा ने शांत लेकिन प्रभावशाली स्वर में कहा, "आपकी कंपनी की नई स्मार्ट वॉच के बारे में हमने प्राथमिक जानकारी देखी है। लेकिन हम आपकी अपेक्षाओं को बेहतर समझना चाहते हैं। आप हमें विस्तार से बताएं कि आपको इस प्रोडक्ट के लिए किस तरह का कैंपेन चाहिए।"
यश कपूर ने मुस्कुराते हुए कहा, "धन्यवाद, मनीषा। हमारी वॉच 'गियरपॉड' एक स्मार्ट वॉच है, जो न सिर्फ टेक्नोलॉजी में नई ऊंचाइयों को छूती है, बल्कि यह उपयोगकर्ता की जीवनशैली को भी बदलने का दावा करती है। हम इसे सिर्फ एक गैजेट नहीं, बल्कि एक जीवन का साथी बनाना चाहते हैं।"
पीयूष सैनी ने तुरंत बातचीत में हिस्सा लिया, "हम चाहते हैं कि एडवर्टाइजमेंट ऐसी हो, जो युवाओं और प्रोफेशनल्स दोनों को अपनी ओर आकर्षित करे। एक ऐसी कहानी हो, जो हमारी वॉच की खूबियों को बड़े प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करे।"
शालिनी, जो हमेशा बातचीत में सीधे मुद्दे पर आने में विश्वास रखती थीं, बोलीं, "यह एक अच्छी सोच है। लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि आपके लक्षित ग्राहक कौन हैं। क्या आप केवल उच्च वर्ग और टेक-सेवी लोगों को ध्यान में रख रहे हैं, या आप इसे सभी के लिए सुलभ बनाना चाहते हैं?"
यश कपूर ने गंभीरता से जवाब दिया, "हमारे प्रोडक्ट की कीमत प्रीमियम है, लेकिन यह हर उस व्यक्ति के लिए है, जो अपने जीवन को बेहतर बनाने की सोचता है। हमारे ग्राहक टेक-सेवी युवा, फिटनेस एंथुज़ियास्ट, और बिज़नेस प्रोफेशनल्स हैं।"
अनीता मिश्रा, जो क्रिएटिविटी डिपार्टमेंट की हेड थीं, ने अपने विचार साझा किए। "तो, हमारे पास तीन प्रमुख फीचर्स हैं—फिटनेस ट्रैकिंग, बिज़नेस-फ्रेंडली टूल्स, और एक प्रीमियम डिजाइन। हमें एक ऐसा कैंपेन तैयार करना होगा, जो इन तीनों पहलुओं को प्रभावी ढंग से कवर करे। लेकिन सवाल यह है कि हम इसे किस एंगल से पेश करें?"
तभी, सहदेव कमरे में दाखिल हुआ। उसके चेहरे पर हल्की घबराहट थी, लेकिन वह खुद को सहज दिखाने की कोशिश कर रहा था। मनीषा ने उसे एक तेज नजर से देखा और पूछा, "तुम्हें यहां किसने बुलाया?"
"मुझे लगता है कि मेरी टीम को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है, तो मैं अपडेट लेने आया हूं," सहदेव ने थोड़ा झिझकते हुए जवाब दिया।
"तुम्हें अपडेट मिलेगा, लेकिन तब जब जरूरत होगी। अभी इस बैठक का हिस्सा बनने की कोई आवश्यकता नहीं है," मनीषा ने सख्त स्वर में कहा।
सहदेव, जो अपनी स्थिति को समझ गया था, चुपचाप बाहर चला गया। लेकिन उसकी नजरें एक पल के लिए यश कपूर पर ठहर गईं।
बातचीत एक बार फिर ट्रैक पर आ गई। यश कपूर ने कहा, "हम चाहते हैं कि यह एडवर्टाइजमेंट सिर्फ एक प्रचार न होकर एक मूवमेंट बने। ऐसा कैंपेन जो लोगों को सोचने पर मजबूर करे कि वे इसे अपने जीवन का हिस्सा क्यों बनाएं।"
मनीषा ने मुस्कुराते हुए कहा, "आपका विज़न स्पष्ट और प्रेरणादायक है। लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी क्रिएटिविटी और आपकी अपेक्षाएं एक ही दिशा में काम करें।"
बैठक के दौरान, कई रचनात्मक विचार प्रस्तुत किए गए:
- एक कहानी जो एक युवा प्रोफेशनल की दिनचर्या को दिखाए, जहां स्मार्ट वॉच उसकी हर जरूरत को पूरा करती है।
- एक फिटनेस एंथुज़ियास्ट की यात्रा, जिसमें यह वॉच उसकी प्रेरणा बनती है।
- और अंत में, एक बिज़नेस लीडर, जो अपनी सफलता के लिए इसे एक जरूरी उपकरण मानता है।
करीब दो घंटे की गहन बातचीत के बाद, यश कपूर ने कहा, "हम आपके प्रस्तावित आइडियाज से प्रभावित हैं। हमें लगता है कि आप हमारी वॉच के लिए एक बेहतरीन कैंपेन तैयार कर सकते हैं।"
"तो, क्या हम इसे आपकी सहमति मानें?" मनीषा ने मुस्कुराते हुए पूछा।
"बिल्कुल," यश कपूर ने हाथ मिलाते हुए कहा।
जब यश और पीयूष कॉन्फ्रेंस रूम से बाहर निकले, तो दोनों के चेहरे पर संतोष और उत्साह था।
मनीषा ने अपने टीम मेंबर्स की ओर देखा और कहा, "यह प्रोजेक्ट हमारे लिए एक बड़ी जिम्मेदारी है। हमें इसे बेहतरीन तरीके से पूरा करना होगा। शालिनी और अनीता, मैं आप दोनों से उम्मीद करती हूं कि आप अपनी टीम को सही दिशा देंगी।"
"बिल्कुल," शालिनी और अनीता ने एक साथ जवाब दिया।
बाहर निकलते ही सहदेव ने अपनी सीट पर जाकर कुछ नोट्स लिखना शुरू किया। वह इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहता था।
"तुम जो सोच रहे हो, वह इतना आसान नहीं होगा," मनीषा ने अपनी केबिन से बाहर आते हुए कहा।
सहदेव ने उसकी ओर देखा, लेकिन कुछ नहीं कहा।
क्या मनीषा अपनी योजना में सफल होगी? क्या सहदेव यश कपूर के इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बन पाएगा? अगले अध्याय में जानिए, जब इस प्रोजेक्ट की पहली प्रस्तुति तैयार होगी और दोनों के बीच की प्रतिस्पर्धा अपने चरम पर पहुंचेगी।