विराट तपस्या को सिद्धार्थ के इतने क़रीब देख दांत पीसते हुए अपनी आंखें बंद कर देता है। और अपने हाथों की मुट्ठियां भिंज ते हुए एक ही पल में शिल्पा को खुद से दूर धकेलते हुए बोला,
"एक्सक्यूज मि ।"
बोलकर वो कुछ पल के लिए गायब हो गया। और शिल्पा वहीं खड़े उसे इधर-उधर ढूंढने लगी ।जब वो वापस आया और शिल्पा के कंधे पर टैप करने लगा उसके फेस पर एक सुकून और सनक से भरी स्माइल थी । अचानक से हाल की लाइट इतनी डिम हो गई कि अपने पार्टनर के चेहरे भी साफ ना दिखाई दे ।और उसके साथ ही म्यूजिक भी बदल गई ।और एक टर्न के साथ पार्टनर्स भी।
सासों को सासों में ढलने दो जरा
धीमी सी धडकन को बढ़ने दो जरा।
लम्हों की गुजारिश हे ये पास आजाए,
हम... हम तुम .....
तुम.... हम तुम.
तपस्या भी रोल होते हुए किसी के गर्म मजबूत बाहों में समागई ।जैसे ही संभल कर उसने अपने घने पालकोंको उठाकर देखा, उसकी काली गहरी नजरे एक नशीली नीली आंखों से जा टकराई ,जो उसे अजीब सी बहकी नजरों से देख रहा था। उस सक्स के नजरों को तपस्या अपने रूह तक महसूस करने लगी।
आंखों में हमको उतरने दो जरा
बाहों में हमको पिघलने दो जरा
लम्हों की गुजारिश हे ये पास आजाए
हम... हम तुम..
तुम... हम तुम..
तपस्या की एक हाथ विराट के सीने पर थी ।और दुसरी उसके हाथों में जकड़े हुए। जो विराट ने कसकर धाम रखा था ।विराट का दूसरा हाथ तपस्या की खुले पीठ पर थी ।दोनों की नजरे एक दूसरे में ही उलझे हुए थी ।
तपस्या उसके तेज़ धडकनों को महसूस कर पा रही थी। और उसके उन नीली आंखों में पूरी तरह डूब चुकी थी।विराट की नजरे उसकी आंखों से होते हुए उसकी सुर्ख गुलाबी होंठ उसके गर्दन से होते हुए उसके सीने तक फिसलने लगी । जेसे वो बस अपने नज़रों के तपिश से ही उसकी हर एहसास को पिघला रहा हो। विराट उसके और झुकते हुए अपनी बहकती हुई गर्म सासें तपस्या के चेहरे पर छोड़ ने लगा। और घिरे से उसे अपने आगोश में भरने लगा। तपस्या के अन्दर कुछ अजीब से एहसास पनप ने लगी थीं।
सलवटें कहीं ,करवटें कहीं
फेल जाए काजल भी तेरा ।
नजरों में हो गुजरता हुआ
खावों का कोई काफिला।
जिशमो को, रूहों को जलने दो जरा ,
सरमों हया को मचलने दो जरा।
लम्हों की गुजारिश हे ये पास आ जाए
हम... हम तुम।
तुम... हम तुम।
तपस्या विराट के सासों को अपने ऊपर महसूस कर उसके सीने से अपना हाथ हटाकर उसके गर्दन के चारों ओर उलझाने लगी। और हल्के से उसके और झुकने लगी।उस हल्की सी रोशनी में उसे विराट का चेहरा साफ दिख नहीं रही थी। लेकिन उसकी नजरों की तपीश को खुद के जिस्म पर वो महसूस कर पा रही थी । और सायद उसके बाहों में पिघलने लगी थी। तभी विराट ने उसे म्यूजिक के ताल पर गोल घुमाते हुए खुद से सटा लिया । जिससे तपस्या के पीठ उसके सीने से जा लगी ।और तपस्या पूरी तरह से विराट के बाहों में थी । अब विराट के बाहों के गर्माहट वो पुरी तरह से महसूस कर पा रही थी।
विराट अपने दोनों हाथों से उसके कमर को कसकर थामे हुए था। और उसकी गर्म सासें तपस्या के गर्दन पर गहराई से छोड़ रहा था। उसके परफ्यूम की वो भीनी सी खुशबू से मदहोश होकर वो विराट के बाहों में कसमसाने लगी ।
तभी विराट अपने चेहरे को उसके गर्दन के और करीब लाते हुए उसके कानों को हल्का चूम कर मदहोश कर देने वाली आवाज में सरघोषी के साथ बोला,
"अगली बार से अपने इस संगेमरमर सा खूबसूरत बदन को ढक कर रखना ।वरना शहर में अंधों की तादाद कुछ ज्यादा ही बढ़ जाएगी ।और उनमें से सबसे आगे आपका होनेवाला हस्बैंड होगा, मिस रायचंद।"
कहकर पीछे उसके खुले पीठ को अपनि उंगलियों से एक बहकी अदा से छू ते हुए, उसके गर्दन और कंधे को छू कर उसके बालों तक ले जाता है ।उसके हर छुअन से तपस्या उसके बाहों में ही पिघल रही थी।
विराट अपने उंगलियों को उसके बालों तक लेजाकर उसके बालों में लगे पिन को खोल देता है। तपस्या के घने सिल्की बाल खुलकर उसके पीठ के चारों ओर बिखर जाते हैं ।साथ ही साथ उसकी रिवीलिंग बॉडी को ढक देते हैं।
छूं लो बदन मगर इस तरह
जेसे सुरीला साज हो
हम हे रे छुपे तेरे जुल्फ में
खोलें के हम आजाद हो।
आंचल को सीने से ढलने दो ज़रा
सबनम के बूंदों को फिसलने दो ज़रा,
लम्हों की गुजारिश हे के पास आ जाए।
हम... हम तुम।
तुम... हम तुम।
बालों को खोलते हुए उसने अपनी चीन तपस्या के कन्धे पर रखदिया ।और अपने हाथों को उसकी कमर पर और भी कस लिया । जिससे तपस्या की दर्द से हलकी आह निकल गईं । विराट उसकी आवाज को रोकते हुए उसके गर्दन पर अपने होंठ रख देता है । तपस्या अपनी होठों को दांतों तले दबाए ,आंखें कसकर बंद कर लेती है।
विराट अपने होठों को उसके गर्दन और कंधे पर सहला कर गेहरी सांस लेते हुए हल्की आवाज में कहने लगा,
"आपने ही तो उस दिन एयरपोर्ट पर विश किया था ना , मूझसे एक बार और मुलाकात हो जाए ,तो देखिए आपकी विश पूरी हुई ।"
कहते हुए ही वो आंखें बंद कर तपस्या को खुद के क़रीब महसूस करने लगा । और उसके घने बालों में अपना चेहरा चुपालिया।।
"कुछ बोलने वाली हैं या आज रातभर बस यूं ही मेरी बाहों में रहने का इरादा है?"
विराट ने अपने गर्म होठों को तपस्या के कानों के करीब रखते हुए दबे लफ्ज़ों में कहने लगा।
"अ..आ...आप यहां कैसे ?"
कांपती मदहोशी भरी आवाज में तपस्या मुश्किल से इतना ही पूछ पाई थी कि hall की लाइट्स अचानक से जल उठी। और उसके साथ ही विराट ने तपस्या को एक ही झटके में खुद से दूर कर दिया। और एक सर्द नजर चारों और दौड़ाने लगा। तपस्या अभि खुद में सिमटी हुई विराट में ही खोई हुई थी ।
चारों ओर तालियों की आवाज गूंजने लगीं। उसी के साथ ही एक एक्साइटमेंट से भरी आवाज सब को सुनाई पड़ती है। सबने आई हुई आवाज के ओर नजर घुमा कर देखा। यशवर्धन अपने हाथों में माइक पकड़े सबकी अटेंशन अपनी और खींचते हुए बोले,
"एक्सक्यूज मी लेडीज एंड जैंटलमैन ,हॉपफुली आप सब पार्टी इंजॉय करही रहे होंगे। सबकी एंजॉयमेंट को थोड़ा और बढ़ाने के लिए हम इस पार्टी की असली वजह आपको बताना चाहते हैं ।"
कहते हुए वो तपस्या और सिद्धार्थ को अपने पास आने का इशारा करते हैं ।सिद्धार्थ तपस्या के करीब आकर उसकी और हाथ बढ़ाता है । तपस्या सिद्धार्थ की तरफ हाथ बढ़ाने से पहले एक नजर विराट की ओर देखती है ,जो इंटेंस नजरों से उसे देख रहा था ।फिर एक नजर यशवर्धन जी की ओर देख अपना हाथ सिद्धार्थ के और बढ़ा देती है ।सिद्धार्थ भी उसका हाथ थाम कर आगे बढ़ जाता है ।
यशवर्धन जी दोनों को अपने सामने खड़ा कर देते हैं। और किसी को कुछ इसारा करने लगे। एक खूबसूरत सी लड़की हाथों में गुलाब की पंखुड़ियों से भरी हुई एक सोने की थाल में सजी दो डायमंड रिंग लेकर यशवर्धन जी की ओर बढ़ा देती हैं।थाली में सजे दो रिंग को देखकर किसी को भी और कुछ समझने की जरूरत नहीं पड़ती ।और बाकी बचे थोड़े बहुत कंफ्यूजन दूर करते हुए यशबर्धन माइक पकड़ कर अपनी खुशी जताते हुए बोले,
"हम जानते हैं ये अचानक से किया गया अनाउंसमेंट सबके लिए शॉकिंग होगा।"
कहते हुए वो अनिरुद्ध जी और चित्रा जी के ओर देखने लगे। और वो दोनों अपनी नज़रें नीचे कर लेते हैं । क्योंकि ये तो उन्हें भी पता था कि यशवर्धन जी के सामने किसी की कुछ कहने की नाहीं हिम्मत है और नाहीं कोई फायदा।
तपस्या थोडा झिझक कर यसबर्धान के और देख हल्की आवाज में बोली,
"दादू ,कल ही तो हम आए हैं ।अचानक से यून इंगेजमेंट?"
सिद्धार्थ उसे बीच में ही टोक ते हुए
"तपस्या बस 9 दिन बाद शादी है हमारी। दादू ने बिल्कुल सही फैसला लिया है ।आज तो मौका भी है और सारे लोग मौजूद भी हैं ।"
कहते हुए तपस्या के उतरे हुए भाव को देखकर कन्फ्यूजन से भरे आवाज में बोला ,
"आप इस शादी को लेकर sure तो है ना?"
सिद्धार्थ जानबूझकर यशवर्धन जी के सामने पूछा ,ता कि तपस्या को ना कहने का कोई मौका ना मिले। तपस्या यशवर्धन जी के और देखती है।जो यकीन भरे नजरों से उसे ही देख रहे थे । और एक फीकी स्माइल चेहरे पर लाते हुए बोली ,
"ऐसी कोई बात नहीं है ,हम बस चाहते थे कि एक-दो दिन के बाद अगर फंक्शन की शुरुआत हो ती ताकि हम भी थोड़ा प्रिपेयर हो जाते।"
उसकी बात सुनकर यशवर्धन जी उसके माथे को सहलाते हुए बोले ,
"आपको तो हमेशा से ही पता था ना प्रिंसेस की आपकी शादी सिद्धार्थ से तय हुई है ,फिर सोचना कैसा?"
बोलकर वो रिंग की थाल उसकी तरफ़ बढ़ा देते हैं। तपस्या कुछ पल हिचकिचा कर रिंग के और देखने लगी । फिर उसके परिवार के और यशबर्धन जी को ओर एक नजर डालकर रिंग उठाकर सिद्धार्थ के उंगलियों में पहना देती है ।और उसी के साथ ही वो एक नजर पूरे हॉल में घुमाकर किसी को ढूंढने लगती हैं ।उसकी नजर बार के पास खड़े विराट के ऊपर पड़ती है । जो उसे सर्द नजरों से घूरे जा रहा था। और एक एक कर कांउटर पर रखा हुआ ड्रिंक का ग्लास खत्म कर रहा था। उसे तपस्या एक बेबसी भरी नजरों से देखती है।
वो विराट के नजरों को एक टक देखते हुए मन ही मन बोली,
"क्यों हम यूं अजीब सा फील कर रहे हैं? जब हमे पहले से ही पता है कि हमारी शादी सिद्धार्थ के साथ होने वाली है? हम किसी और के लिए कुछ कैसे महसूस कर सकते हैं ,और वो भी उस इंसान के लिए जिससे हम बस एक दिन पहले ही मिले हैं और वो भी बस एक पल के लिए।"
सोचते हुए वो अपना चेहरा विराट के चेहरे पर से हटा देती हे। और खुदको ही समझाते हुए बोलि,
"नहीं ....,हमें खुद को संभालना होगा । "
खुद से ही कहते हुए वो अपना हाथ सिद्धार्थ की ओर बढ़ा देती है ।और इस बीच वो दुबारा मुड़कर विराट को दिखती भी नहीं ।
वहीं विराट हाथों में शराब का गिलास पकड़ कर एक टक बस उसे ही देखे जा रहा था ।और जैसे ही सिद्धार्थ ने तपस्या को रिंग पहनाया पूरे हॉल में तालियों की गूंज सुनाई देने लगी। ।
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