You Are My Choice - 42 in Hindi Short Stories by Butterfly books and stories PDF | You Are My Choice - 42

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You Are My Choice - 42

काव्या जय के केबिन में बैठी हुई थी। वह कबसे जय के आने का इंतजार कर रही थी।

थोड़ी देर बाद जय वहां आया। "हाई। आप कबसे वेईट कर रही है?"

"बहु.....त देर से। आपको पता है.. इतना इंतेज़ार किसीने नहीं करवाया मुझसे।" काव्या ने मस्ती में कहा।

"खास लोगों के लिए वेइट करना पड़ता है।" जय ने काव्या की नकल करते हुए जवाब दिया।

"खास.. FYI.. यू आर नॉट धात खास। में बी, अ खास डॉक्टर ओनली।" काव्या ने कहा।


"में भी.. खास डॉक्टर की ही बात कर रहा था। आपने क्या समझा? मिस सेहगल।" जय ने उसे चिड़ाते हुए कहा।

काव्या के गाल पे हल्का सा शर्म सा लाल रंग जय देख पा रहा था।

जय 

"हाय! इतना अच्छा एहसास मुझे कभी नहीं हुआ। पता नहीं पर मुझे आज इनकी मुस्कुराहट बहुत प्यारी लग रही है।" में अपने ख्यालों में ही खोया था कि मिस सेहगल ने कहा, "डॉक, कम ऑन.. हम लेट हो रहे है। 78 मिनिट्स लेट है आप।" 

"हा। चलिए।" आखिर आपको इंतजार कैसे करवा सकते है...

हम कार में थे। वो मेरी कार के म्यूजिक सिस्टम की बैंड बजा रही थी। पता नहीं क्या कर रही है.. पर पिछले पंदरा मिनट से कोनसा गाना याद कर रही है, अभी तक नहीं मिला इन्हें। 

"मुझे बताइए में ढूंढ देता हु।" मेने पीछा बिकॉज आई वास कंसर्न्ड अबाउट हर। में बी मोर अबाउट माई कार। पर ये लड़की...

"आप ड्राइव करिए ना ध्यान से। मुझे फिरसे नहीं जाना हॉस्पिटल।" उनकी आवाज में दर्द था। आई कैन फील धात। भले उन्होंने मजाक करने की कोशिश की हो।

"फाइनली..!" बाप रे.. आज शायद ये मुझे हार्ट अटैक दे ही देगी।

"मिल गया?" मेने उनकी एक्साइटमेंट देखके ताना मारा। बहुत मजा आ रहा था मुझे।

"हा। सुनिए अब चुपचाप। तब तक हम पहुंच भी जाएंगे।"
"हाय यह आंखे। शट अप जय। क्या सोच रहा है? पागल हो गया है?" 

और उनके सॉन्ग के लिरिक्स स्टार्ट हो गए।


तेन्नु की दस्सा, मेरे लाई क्या तू?
मेरे लाई धड़कन, मेरे लाइ साह तू
तेन्नु की दस्सा, मेरे लाई क्या तू?
मेरे लाई धड़कन, मेरे लाइ साह तू

हाय, दिल तू, जा तू, दर्द दी दवा तू
जद तक मैं जीना, मेरे जीने दी वजह तू
दिल तू, जा तू, दर्द दी दवा तू
जद तक मैं जीना, मेरे जीने दी वजह तू

सागर वर्गीया गहरिया अंखियां 
सूरज वर्गा निग तेरा

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काव्या गाना गा रही थी। जय का ध्यान रोड पे था। अब तक काव्या के साथ बिताए सारे पल जय के मन में चल रहे थे। उसकी यादों से साथ उसके चेहरे के भाव भी बदल रहे थे। जब वह पहली बार रेस्टोरेंट में मिले, काव्या ने उसे कोई रिपोर्टर समझ लिया था। दूसरी बार उनकी मुलाकात एक डिबेट में हुए। जो जय के लिए शॉकिंग था। जय के चेहरे की मुस्कुराहट अचानक से उदासी में बदल गई, जब उसे काव्य का चेहरा याद आ गया था जो उसने सर्जरी के दौरान देखा था। खून से सना हुआ। जिसे वह एक बार में पहचान भी नहीं पाया था। नर्सेस उसकी चोट में पति लगा रही थी, पर जय का ध्यान सर्जरी पर होने की वजह से फिरसे उसने पेशेंट के चेहरे पर ध्यान नहीं दिया था।

अचानक से जय के चेहरे का भाव बदलता देख काव्या ने पूछा, "आर यू ओके, डॉक?" काव्या की आवाज में 

"हुह... हा, हा में ठीक हु।" उसे शांति और सुकून सा एहसाह हुआ काव्या का चेहरा देखकर, जो अभी उसके लिए परेशान हो रही थी। 

इससे पहले कि जय और कुछ पूछ पता, काव्य का फोन बजा। उसने फोन रिसीव किया जो कार से कनेक्टेड था। जय उसकी बात साफ सुन पा रहा था। 

दानिश: बॉस.. लोचा हो गया है। जल्दी ऑफिस आइए।
काव्या: क्या हुआ दानिश?
दानिश: कोई हमारे सिस्टम में एंटर होने की कोशिश कर रहा है...
काव्या: तो हमारी टेक टीम क्या कर रही है? सैलरी क्या मेरी BP बढ़ने के लिए देती हु में उन्हें...
दानिश: बॉस...
काव्या: ऑन माई वे।
दानिश: जल्दी, प्लीज... ।

"डॉक्टर, आईं आम सॉरी। पर क्या आप थोड़ा सा आगे तक मुझे ड्रॉप कर सकते है?" काव्या ने झिझकते हुए पूछा।

"इट्स फाइन। आई विल ड्रॉप यू। उसके बाद बात करते है। आप अपना काम खतम कर लीजिए। और थोड़ा गुस्सा भी कम करिए, प्लीज।"

"आईं रियली डोंट नो.. कितना टाइम लगेगा। आपको भी तो काम होगा। आप मुझे ड्रॉप करके चले जाना।" काव्या को अच्छा नहीं लग रहा था। वो जय को इस तरह परेशान नहीं करना चाहती थी।

" इट्स टोटली फाइन, मिस सेहगल। आज मेने हाफ डे लीव ली है। सुबह में ही सर्जरीज हो चुकीं है मेरी। नो वरीज। आई कैन वेइट। एझ आई सेड, सिर्फ खास लोगों का इंतजार करना चाहिए।" जय ने अपनी आखरी बात काव्या की आंखो में देखके बोली थी। इसका 2 सेकंड के लिए काव्या की तरफ देखना, भी काव्या को नर्वस करने के लिए काफी था।

"नेक्स्ट टॉवर। बेसमेंट पार्किंग।" काव्या को उसकी बात से अलग महसूस हो रहा था। जो वो समझ नहीं पा रही थी।

जय ने कार पार्क की और अपनी कार की डिक्की में रखी व्हीलचेयर निकाली। उसने काव्या को सपोर्ट देके चेयर पे बैठाया। 

"वैसे में चल सकती हु।" उसकी इस बात पे जय ने उसे गुर के देखा। जिस वजह से काव्या ने अपनी नजरे नीची करली।

"इसका मतलब तो यह हुआ कि जब आप घर पे होती होगी, तब चलती ही रहती होंगी। है ना?" जय ने उसे डांटते हुए पूछा।

"घर पे कहा कोई मेरी सुनता है..।" काव्या यह बोलते वक्त मासूम लग रही थी।

"ओह रियली?" जय ने उसे चिड़ाते हुए पूछा।

"अब चले हम?" काव्या के गाल जय की इन बातों से और उसके साथ बर्ताव से फिरसे लाल हो गए थे।



AURORA TECH. ऑफिस 
"माम... थैंक गॉड। यू अराइव्ड। चलिए। में ले चलता हु इन्हें। आपका धन्यवाद।" दानिश की बात सुन जय काव्या की तरफ देखने लगा जो पहले से उसकी तरफ देख रही थी।

काव्या ने बिना शब्दों के अपने चेहरे के भाव जताते हुए जय से माफी मांगी। जय उसके होठों की हलनचलन से समझ गया काव्य क्या कहना चाहती है। उसने काव्या की तरफ देख हल्का सा मुस्कुराया।

"दानिश... ही इस डॉक्टर जय राजशेखर। यू कांट टॉक टू हिम लाइक घिस।" दानिश काव्या को अंदर की तरफ ले जा रहा था और जय उनके पीछे पीछे अपने पैंट की पॉकेट में हाथ डालके चल रहा था।

दानिश ने एक बार पीछे मूड के उसकी तरफ देखा और कहा, "माफी, डॉक्टर राजशेखर। बट, अभी बॉस का यहा रुकना इंपॉर्टेंट है। और सिच्यूएशन थोड़ी क्रिटिकल है। वरना में आपकी खातिरदारी अच्छे से करता। थैंक यू आप इन्हें यहां सही सलामत ले आए।।" 

जय ने जब उनका मॉनिटरिंग रूम देखा तो उसकी आँखें आश्चर्य से चकित हो गई। वहां बहुत से कंप्यूटर्स एंड स्क्रीन थे। साथ में कुछ ऐसे मशीनें भी थे जो उसने आज तक मूवीज में ही देखे थे। 

"दानिश... डॉक्टर को मेरे केबिन में लेजा। और... अरेंज लंच फॉर हिम।" काव्या ने कीबोर्ड पे टाइप करते हुए कहा।

"नो नीड। मिस सेहगल। आम फाइन हियर।" जय ने पास की चेयर पे बैठते हुए कहा।

"शक्ति... व्हाट्स द स्टेटस?" काव्या ने टेक टीम के हेड से पूछा।

"माम.. लुक्स लाइक, मालवेयर इंस्टॉल किया गया है। प्रोबेबिलि नोट अ अटैक।" शक्ति के चेहरे पर मुस्कुराहट थी मानो वो जीत गया हो।

"पता है, आईं लॉस्ट। मिल जाएगा तुझे जो चाहिए वह।" 

उन दोनो की बात को बीच में काटते हुए दानिश अचानक से बोला, "वॉट... इसका मतलब तूने मुझसे झूठ बोला कि तुझसे नहीं होगा। जस्ट फॉर अ बेट.. कम ऑन मेन?"

"थैंक्स डॉक्टर। मेरी बॉस को बचाने के लिए। हम पहले हॉस्पिटल में मिले थे।" शक्ति ने जय के सामने अपना हाथ बढ़ाते हुएं कहा।

"वो मेरा काम है।" जय ने उससे हाथ मिलते हुए कहा।

"लंच। मुझे बहुत भूख लगी ही।" काव्या ने दानिश के सामने देखते हुए कहा।




Continues in the next episode.....


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