Ishq da Mara - 35 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 35

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इश्क दा मारा - 35

गीतिका की बात सुन कर उसकी बुआ जी बोलती है, "बेटा परेशान क्यों ना हु, आखिर इस गांव में मैं भी रहती हूं, और जिस तरह से यहां की लड़कियों भाग रही हैं, तो इसमें इस गांव की ही बदनामी होगी ना, और हमारी बेटी और बहुएं भी यही पर रहती हैं"।

तब गीतिका बोलती है, "आपकी बहु भी है "।

तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "हा मेरे दो बेटे हैं और एक बेटी, एक बेटे की शादी हो चुकी हैं और एक बेटा और बेटी की शादी होनी बाकी है"।

तब गीतिका बोलती है, "मगर आपके घर में तो आपके और फूफा जी के अलावा कोई नजर नहीं आ रहा है "।

तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "वो बहु के यहां शादी है ना तो सब वही पर गए हैं, और अगले हफ्ते मेरी बेटी की भी मांगनी है "।

तब गीतिका बोलती है, "ओह.... तो मैं सही टाईम पर आई हूं, चलिए अब ये सब छोड़िए और मुझे वो बताइए जो मैं जानना चाहती हूं "।

तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "तुम्हारे बाप को मेरी मां ने पढ़ने के लिए शहर भेजा था, मगर वो तो वहां पर अपना दिल ही लगा बैठा तुम्हारी मां से, और इस बारे मे हमे कुछ बताया भी नहीं, मेरे बाबू जी तो तुम्हारे बाप को भेजना भी नहीं चाहते थे, मगर मेरी मां की जिद के आगे हार गए, और मेरी मां को अपने बेटे से कुछ ज्यादा ही प्यार था, वो अंधी थी अपने बेटे के प्यार में "।

तब गीतिका बोलती है, "तो डैड ने आप लोगों को बिना बताए ही शादी कर ली थी "।

तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "हा.... जिसका सदमा मेरी को लग गया था, की जिस बेटे के लिए उन्होंने सबसे लड़ाई की, उसी बेटे ने उन्हें धोखा दे दिया, और ये खबर सुनते ही मेरी को हार्ट अटैक आ गया था, और ये सदमा मेरे बाबू जी भी सह नहीं पाए, और उन्हें भी हार्ट अटैक आ गया था, एक ही दिन में दो दो आर्थियां निकली हमारे घर से, सोचो क्या हाल हुआ होगा हमारा "।

तब गीतिका बोलती है, "मगर मॉम ने तो मुझे कुछ और ही बता रखा है "।

तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "वैसे क्या बताया है तुम्हारी मां ने "।

तब गीतिका बोलती है, "मॉम बोल रही थीं कि, शादी के बाद आप लोगों ने उन्हें एक्सेप्ट नहीं किया था, और उन्हें घर से निकाल दिया था"।

तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "जब तुम्हारी मां यहां पर आई ही नहीं थी तो उन्हें भगाया किसने "।

तब गीतिका बोलती है, "तो फिर मुझे डैड ने यहां पर क्यों भेज दिया "।

तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "तुम्हारी मां के कहने पर ही भेजा होगा"।

तब गीतिका बोलती है, "आप ऐसा कैसे कह सकती हो कि, मॉम ने ही मुझे यहां पर भेजा है "।

तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "क्योंकि तुम्हारी मां का अलग ही अंदाज है और वो नहीं चाहती थी कि उसके घर वालों के आगे उसकी बेइज्जती हो, और वो तुम्हे घर पर भी रखना नहीं चाहती थी, तो उनके पास इसके अलावा और कोई चारा नहीं था "।

तब गीतिका बोलती है, "तो आपने मुझे यहां पर रखने से मना क्यों नहीं किया "। 

तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "मेरी भाई की बेटी हो न, इसलिए, मेरी दादी अम्मा सब कुछ जान लिया या और कुछ भी बाकी हैं"।

तब गीतिका बोलती है, "अभी के लिए बस इतना ही ""।

उधर यूवी को कॉल आती हैं और जल्दी से चला जाता है।

यूवी की मां बोलती है, "अब इस लड़के को क्या हुआ, जो इतनी जल्दी जल्दी में चला गया"।

तब रानी बोलती है, "काकी अगर चाहती हो कि आपका बेटा घर में रहे तो उसकी शादी करवा दो.........