Ishq da Mara - 26 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 26

Featured Books
Categories
Share

इश्क दा मारा - 26

MLA साहब की बाते सुन कर गीतिका के घर वालों को बहुत ही गुस्सा आता है। तभी गीतिका के डैड चिल्ला कर बोलते हैं , "MLA साहब आप ये कैसी बात कर रहे हैं मेरी बेटी के बारे मे"।

तब MLA साहब बोलते हैं, "क्यों बेटी का सच जान कर अच्छा नहीं लग रहा है, वैसे तो बड़े ही शरीफ बनते हैं आप लोग, और इस तरह के घटिया काम करवाते हैं आप अपनी बेटी से "।

तब गीतिका की मॉम बोलती है, "भाई साहब हम लड़की वाले है तो इसका ये मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि आपका जो जी चाहेगा आप आ कर हमे बोल देंगे "।

तब MLA साहब बोलते हैं, "जब आपकी बेटी को कोई सड़क छाप लड़का ही पसंद था तो फिर मेरे बेटे से रिश्ता करने की क्या जरूरत थी "।

तब गीतिका के डैड बोलते हैं, "आप ये किस तरह की घटिया बाते कर रहे हैं "।

तब MLA साहब बोलते हैं, "आपकी बेटी घटिया काम कर सकती हैं और मैं सच भी नहीं बोल सकता हूं "।

तब गीतिका का भाई बोलता है, "मेरी बहन बिल्कुल भी वैसी नहीं है जैसा कि आप कह रहे है और, वो तो आज घर से बाहर भी नहीं निकली है "।

तब गीतिका की भाभी बोलती है, "आप आपस मे क्यों इस तरह लड़ रहे हैं, आप गीतिका को बुला कर खुद क्यों नहीं पूछ लेते हैं "।

तब MLA साहब बोलते हैं, "हा बुलाओ उसे "।

तभी गीतिका की भाभी उसके कमरे में जाती हैं और उसे ले कर आती हैं। और गीतिका से बोलती हैं, "गीतिका ये तुम्हारे बारे मे कैसी बाते कर रहे हैं "।

तब गीतिका बोलती हैं, "मेरे बारे मे कैसी बात कर रहे हैं, मैं कुछ समझी नहीं "।

तब गीतिका की भाभी बोलती है, "ये बोल रहे हैं कि तुम्हारे बॉयफ्रेंड ने राजीव का ये हाल किया है"।

ये सुनते ही गीतिका चौक जाती हैं और बोलती है, "मेरा बॉयफ्रेंड....... मेरा तो कोई बॉयफ्रेंड ही नहीं है "।

तब राजीव बोलता है, "ज्यादा सती सावित्री बनने की जरूरत नहीं है, मैं सब जानता हूं तुम्हारे बारे मे "।

ये सुनते ही गीतिका के डैड को गुस्सा आ जाता है और वो बोलते हैं, "राजीव जबान संभाल कर बोलो, तुम ये कैसी घटिया बाते कर रहे हो मेरी बेटी बारे मे "।

तब राजीव बोलता है, "जब ये सब सुनने में इतना ही बुरा लग रहा है तो, आपको अपनी बेटी को सिखाना चाहिए था न कि ये सब गलत है "।

तब गीतिका बोलती हैं, "अब तुम मुझे सही और गलत के बारे मे बताओगे, जिसका खुद का कैरेक्टर इतना खराब है"।

तब गीतिका की भाभी बोलती है, "राजीव तुम सच सच बताओ कि तुम्हारा ये हाल किसने किया है "।

तब राजीव बोलता है, "मैं झूठ नहीं बोल रहा हूं मैं सच बोल रहा हूं, इसके बॉयफ्रेंड ने मेरा ये हाल किया है "।

तब गीतिका बोलती हैं, "डैड ये झूठ बोल रहा है, मेरा तो कोई बॉयफ्रेंड ही नहीं है, अगर आपको यकीन नहीं हो रहा है तो आप मेरे कॉलेज में किसी से भी जा कर पूछ लीजिए "।

तब MLA साहब बोलते हैं, "बकवास बंद करो, और याद रखना कि मैं तुम लोगों को शांति से जीने नहीं दूंगा और एक एक चीज का बदला लूंगा "।

ये बोलते ही वो वहां से चला जाता है। MLA के जाते ही गीतिका की मॉम गीतिका को एक थप्पड़ मारती है.....

उधर यूवी परेशान रहता है और अपने कमरे में बैठा रहता है तभी रानी उसके कमरे में चाय ले कर आती हैं। तब यूवी बोलता है, "तुम यहां पर क्या कर रही हो"।

तब रानी बोलती है, "मैं आपके लिए चाय ले कर आई हूं"।

तब यूवी बोलता है, "मगर मैने तो कोई चाय नहीं मांगी, तो फिर तुम चाय ले कर क्यों आई हो"।

तब रानी बोलती है, "मुझे आप परेशान परेशान से लग रहे थे तो मुझे लगा कि आपको चाय की जरूरत है "।

तब यूवी बोलता है, "तुम ये कैसी बात कर रही हो, देखो मेरा दिमाग वैसे भी बहुत खराब है, तुम जाओ यहां से अभी ................