Swar: Ek Sangam Ya Jung - 1 in Hindi Drama by Shruti Sharma books and stories PDF | स्वर : एक संगम या जंग - 1

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स्वर : एक संगम या जंग - 1

एक लड़की पीले रंग का कुर्ता और सलवार पहने माता सरस्वती के मन्दिर में पूजा की थाल लेकर आरती करती हुई उनकी स्तुति गा रही थी, " या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृताया वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा। या कुन्देन्दु तुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता। या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।।"

तभी तीन लड़कियों का एक झुंड था। जिसमें से एक ने piano, एक ने गिटार और एक ने तबला लिया हुआ था। उसमें से बीच वाली लड़की जिसने हाथ में गिटार लिया हुआ था वह बोली, "यार कोई इस पायल के सिर पर नारियल फोड़ दो। तब जाकर इसे यह एहसास होगा कि यह 1950s का जमाना नहीं हैं।"

और वही सब लड़कियां खिलखिलाकर हंसने लगती हैं।

तभी एक औरत आती हुई बोली, "हां,तो 2024 की छोरियों।"

उस औरत का इतना कहते ही सभी के हाथो से उनके musical instrument गिर जाते हैं। वह सभी लड़कियां कांपने लगती हैं।

वह औरत उन इंस्ट्रूमेंट्स को उठाकर उन लड़कियों को देते हुए कहती हैं, "यूं पत्तों की तरह क्यों कांप रही हैं छोरी?"

"पायल की दादी सा हूं मैं। आज अपनी पोती पायल को देख मेरी छाती आज फूल कर चौड़ी हो रही हैं कि पायल तुम्हारे जैसे नहीं हैं। यह ले। यह देख, कपड़े शरीर से गिर रहे हैं।"

यह कहकर उसके कपड़ो को यानी कि शोल्डर कट टॉप को ऊपर करते हुए बोली, "संगीत साधना से आवे हैं। ऐसे बेढ़ंगे कपड़े पहनने से नहीं। और कल जब ससुराल जाओगी, तब सास दूसरे ही दिन लात मारकर घर से बाहर फेक देगी।"

तभी पायल उस औरत के पास आकर बोली, "दादी मां! जाने दीजिए न। Competition...."

वह औरत तेज़ आवाज में बोली, "क्या?"

पायल डरते हुए बोली - दादी हमारा मतलब हैं कि प्रतियोगिता शुरू होने वाली हैं तो आप भी जाकर अपना स्थान ले लीजिए।"

पायल की दादी रोबीली आवाज में पायल को देख बोली, "हां चल छोरी ।"

यह कहकर वह दोनो चली जाती हैं।

वही दूसरी ओर स्टेज़ पर बहुत सुन्दर डेकोरेशन और लाइटिंग हो रही होती हैं। तभी वहां होस्ट की आवाज़ आती हैं - आज हमारे musical institute सुर संगम समिति का सलेक्शन डे हैं। यानी आज जो भी सेलेक्ट होगा, वह सीधा हमारे institute को represent करेगा। तो चलिए कंपटीशन को शुरू करते हैं। सबसे पहले मैं बुलाना चाहूंगा भावना बनर्जी को।"

तभी वहां सफेद रंग की साड़ी bengali style में जिसपर लाल रंग का बॉर्डर था, उसे पहनकर एक लड़की आती हैं। उसने सोलह शृंगार किए हुए थे।

वही दूसरी ओर इंस्टीट्यूट के बाहर पायल की दादी मां लाल मिर्ची से सात बार वारकर उसकी नजर उतारती हुई जला देती हैं।

तभी एक आदमी आकर उस आग को भुजाते हुए बोला, "आंटी जी, यह आप क्या कर रही हैं? आग लगाएंगी क्या?"

दादी गुस्सा करती हुई बोली, "अब अपनी पोती की नज़र भी न उतारू। इसमें थारी नज़र क्यों फूट रही हैं?"

वह आदमी उस औरत को देखते हुए बोला, "देखिए, आपको जो भी करना हैं आप इस इंस्टीट्यूट के बाहर जाकर करिए। यहां यह सब allowed नहीं हैं।"

फिर पायल की तरफ देखते हुए बोले, "Miss पायल आप भी तयार हो जाइए। अब आपकी ही बारी हैं।"

तभी उसकी दादी मां गुस्सा करते हुए बोली, "कौन हैं यह? और तेरा नाम कैसे जाने हैं? तू संगीत सीखने आवे हैं या दोस्ती करने आवे हैं?"

पायल डरते हुए बोली, "नहीं, दादी मां! मैं उन्हें जानती भी नहीं। वह इस प्रतियोगिता के आयोजक समिति में से ही कोई एक हैं।"

तभी उसकी दादी उसके chin पर हाथ रखते हुए बोली, "मने सब पता हैं । शुरुवात ऐसे ही यारी दोस्ती से होवे हैं लाडो। पर तू भी म्हारी एक बात कान खोलकर सुन ले, "आज इस प्रतियोगिता में तुझे जीत कर ही आना हैं। अगर आज तू हारकर आवेगी, तो मैं तुझसे बात नहीं करूंगी।"

यह सुनकर ही पायल के माथे पर परेशानी की लकीरें उभरने लगती हैं।

उसकी दादी फिर अपनी बात बढ़ाते हुए बोली, "अगर आज किसी और के साथ तेरी जुगलबंदी होती तो मैं इतनी सख्ती न दिखाती। पर आज बात उस बंगालन की हैं।उससे हारना, जिसे मैं हरगिज़ बर्दाश्त नहीं करूंगी।"

तभी अनाउंसमेंट होती हैं कि मिस पायल घटोदिया और स्वरा बॉस अब आपकी बारी हैं।

तभी पायल परेशान होकर अपनी दादी से बोली, "दादी मां! अब हमारी बारी हैं। मैं चलती हूं।"

यह कहकर जाने लगती हैं, तभी उसकी दादी उसे रोकते हुए बोली, " रुक! यह देख तेरा दुपट्टा कहां जा रहा हैं? आज तू पिन लगाकर न आई?"

पायल डरते हुए बोली - दादी मां! वो वो मैं आज भूल गई।"

वह औरत पायल का दुपट्टा ठीक कर बोली, " भगवान करे आज तेरी जीत हो, और उस बंगालन की हार हो। जा और पूजा की थाल इधर देकर जा।"

पायल स्टेज की ओर चली जाती हैं।

तभी स्टेज से होस्ट की आवाज़ आती हैं, " आपने परफॉर्मेंस का लुफ्त तो उठा लिया, लेकिन अब बारी हैं जुगलबंदी की। जिसके लिए मैं आमंत्रित करना चाहूंगा हमारे दो पार्टिसिपेंट्स पायल घटोदिया और स्वरा बॉस का जोरदार तालियों से स्वागत करे।"

सभी तालियां बजाते हैं।

तभी पायल अपनी वीणा को हाथ में ले माता शारदा का ध्यान कर हाथ जोड़ उनसे प्राथना करती हैं।

वही उसकी दादी खुश होते हुए बोली, "भाग गई डर कर बंगालिन की नातिन।"

तभी एक औरत पीछे से नीली साड़ी बंगाली स्टाइल में पहने हुए आई और बोली, "डरे तो वह हुए हैं, जिन्हे अपने टैलेंट पर भरोसा नहीं हैं। हमारी स्वरा तो टैलेंट से भरी हुई हैं। साक्षात माता दुर्गा का रूप ही हैं। समझी?"

तभी पायल की दादी बोली, " शैतान का नाम लिया और शैतान हाज़िर। वैसे आयोजन वालो ने सही जगह दी हैं तुझे, महारे पीछे और जीवन भर वही रहेगी तू और थारी नातिन।"

वह औरत भी गुस्से से बोली, " मात भवानी की कृपा से पीछे नहीं तेरे ऊपर रहूंगी जैसे विक्रम के ऊपर बेताल।"

तभी होस्ट की आवाज़ आई, "स्वरा बॉस यह आपके लिए फाइनल कॉल हैं।आप जल्दी से मंच पर आइए।"


तभी पायल की दादी खुश होकर बोली, "मरघटी, अब चाहे जितना बोल ले। थारी नातिन म्हारा सिर ऊंचा कर रही हैं। जाकर देख थारी नातिन कही डर से छिपकर तो नहीं बैठी।

तभी स्वरा की नानी वहां से जाकर स्वर को ढूंढने निकल जाती हैं।

वही एक लड़की लाल रंग का sleeveless टॉप और white colour की लॉन्ग skirt पहने, हाथो में लाल चूड़ियां, कानो में इयरिंग्स पहने और खुले बालो में कमाल की खूबसूरत लग रही थी।

वह किसी गरीब बच्चे और बच्चियों को खाना तथा icecream 🍦 खिला रही थी। और संगीत के सुर को छेड़ रही थी। बसंत ऋतु थी, जिससे पेड़ो से फूल झड़ रहे हो। ऐसा लग रहा था वह स्वरा के स्वरों से प्रभावित होकर उस पर बारिश कर रहे हैं।

तभी नानी अपना सिर पिटते हुए बोली, "स्वरा! यहां क्या कर रही हैं ? वहां तेरी प्रतियोगिता शुरू होने वाली हैं।"

स्वरा पीछे मुड़कर देखती हैं तो वहां उसकी नानी मां खड़ी थी।

वही दूसरी ओर स्टेज़ पर होस्ट announce करता हैं कि, "पायल! अब आप शुरू कर सकती हैं।"

तभी तालियों की गूंज होती हैं। और लाइट पायल पर पड़ती हैं। और music बजना शुरू हो जाता हैं। पायल अपनी वीणा के स्वरों को छेड़ती हैं।

आपको क्या लगता हैं क्या स्वरा प्रतियोगिता में भाग ले पाएगी या फिर पायल जीत जाएगी?

और स्वरा की नानी मां व पायल की दादी में इतनी दुश्मनी क्यों हैं जो एक दूसरे का चेहरा नहीं देखना पाती? आखिर क्या वजह हैं?

जानने के लिए पढ़ते रहे " स्वर : संगम या जंग " और करते रहे भगवान को याद।

हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।