My Devil Hubby Rebirth Love - 32 in Hindi Love Stories by Naaz Zehra books and stories PDF | My Devil Hubby Rebirth Love - 32

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My Devil Hubby Rebirth Love - 32

रूही राहुल को जाते देख रही उसने जल्दी से रूद्र का हाथ छोड़ और अपने रूम में चली गई रूद्र जो रूही की बातों के बारे मे सुच रहा था उसने रूही को जाते देखा तो वो भी रूम में चला गया रूही जो नीचे बैठ कर रो रही थी रूद्र जैसे ही उसने रूही की रोने की आवाज सुनी तो वो जल्दी से रूही के पास आया और उसके कंधे पर हाथ रख 

                         
   







रूही रुद्र के सीने से लग गई रूही ऐसा क्यों होता है कि हम जिससे प्यार करते हैं वो हमें धोखा क्यों देते हैं हम कभी उनसे कुछ नहीं मांगते बस यही चाहते हैं कि वो हमें छोड़ कर कभी ना जाएं लेकिन वो हमारे होते होए भी किसी और लड़की के साथ रहते हैं ऐसा क्यों होता हमारे साथ क्यों क्यों वो हमे इतनी तकलीफ देते हैं 


क्यों उन्हें हमारी तकलीफ नहीं दिखाई देती जिसकी वजह से हम कभी आगे नहीं बढ़ पाते और नहीं किसी पर भरोसा कर पाते हमें यही डर लगा रहता है कि कहीं ये भी मुझे छोड़ कर चला गया तो क्या करेंगे क्यों होता है ऐसा क्यों यह कहकर रूही रोने लगी रोने की वजह से पूरा चेहरा लाल हो गया था रूद्र को रूही के रोने से बहुत तकलीफ हो रही थी उसने रूही का चेहरा  अपने हाथों में पकड़ा और आंसु पुंछे मेरी तरफ देखो और मूझे बताओ तुम किस कि बात कर राही हो


                                



रूही ने जैसे ही रूद्र की बात सुनी उसने रूद्र को गले लगा लिया रूद्र वाइफी मुझे बताओ वो कौन है जिसकी वजह से तुम्हारी आंखों में आसूं आए रूही रूद्र के सीने से  लगे हुए बोले वो मूझे रिया की याद आ गई थी रूद्र तुम रिया को कैसे जानती हो रूही ने हडवडा कर वोली में जब कश्मीर में रहती थी 


तब रिया से मुलाकात हुई थी उसने एक बार मेरी जान बचाई थी तब हमारी दोस्ती हो गई थी रिया ने अपने  बारे में मुझे सब बताया था मैं बहुत खुश होती थी उसके बारे में जान के उसकी फैमिली के बारे में में रिया  के पेरेंट्स मिलना चाहती थी

क्योंकि मैंने कभी अपने पेरेंट्स को नहीं देखा लेकिन रिया जैसे अपने मां पापा के बारे में बताती थी मुझे बहुत अच्छा लगता था हर बार मैं यही सोचती थी कि काश मेरे भी मोम डैड होते लेकिन मेरी शादी हो गई  और जब मैं इंडिया आई तो सबसे पहले रिया से मिलना चाहती थी 

लेकिन यहां उनके पता चला उसकी डेट हो गई है, जितना दुख मुझे उसके छोड़कर जाने का था उतनी  खुशी मुझे यह भी थी कि मुझे मेरे पेरेंट्स मिल गए रिया के मां पापा मुझसे बहुत प्यार करते हैं मैं भी उनसे बहुत प्यार करती  हूं 


कभी मुझे फैमिली का प्यार नहीं मिला लेकिन जब से मैं यहां आई हूं तब से मुझे एक पल भी नहीं लगा कि मैं एक अनाथ हूं  मै इनको छोड़कर नहीं जाऊंगी प्लीज तुम मुझे मेरे फैमिली से दूर मत करना यह कहकर रूही  रुद्र के सीने से लगकर रोने लगी

रूद्र को रूही की बातों से यकीन नहीं हो रहा था की रूही रिया को प्रिया की याद में रो रही है उसने तो यह सब पर हाथ फेरा और अपने मन में कहा मुझे पता है विफे तुम मुझसे कुछ तो छुपा रही हो लेकिन मैं भी पता कर कर आऊंगा तुम मुझसे क्या छुपा रही हो क्योंकि तुम्हारे ये आंसू बिल्कुल भी  किसी की यादों के  नही है  

थोड़ी देर बाद रूही रूद्र से अलग हुई रूद्र ने रूही के गल पर हाथ रखा और वोला किया अब तुम ठीक हो रूही ने रुद्र की आंखों में देखा और अपना सर हां में हिला दिया रूद्र जाओ फ्रेश हो जाओ फिर डिनर करने चले गए रूही ने हां में सर हिला दिया और फेश होने चली गई रूद्र ने रूही के जाते किस को फोन करा और थोड़ी देर बाद उसने फोन काट दिया