Dhokha ya Ishq - 2 in Hindi Moral Stories by aruhi books and stories PDF | धोखा या इश्क - 2

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धोखा या इश्क - 2

5 दिन बाद रियांश ने सच में स्नेहा को रास्ते पर ला खड़ा कर दिया था ,,,,आज स्नेह के पास कुछ नहीं था,,,,,ना ही उसकी इंडस्ट्री ,,,,और ना ही उसका घर,,,,वह इस वक्त एक किराए के घर पर रहती थी,,,,,उसके डैड थे ,,,,,जो इंडस्ट्री और घर डूब जाने के सदमे से ,,,,,हार्ट अटैक की वजह से मर गए थे ,,,    और वही स्नेहा भी,,,,,,अपना घर छोड़ चुकी थी,,,, 

और वहीं दूसरी तरफ रेयांश खुश होकर भी ,,,,,वह खुश नहीं था ,,,,,,उसका दिल दर्द कर रहा था,,,,,दिमाग चाहे उसकी खुश हो,,,,,,,लेकिन दिल उसका रो रहा था ,,,,,कि उसने जिससे मोहब्बत की,,,,शादी की,,,,,उसने उसे धोखा दिया,,,,,यह सोच ,,,उसका कलेजा फटा जा रहा था,,,  

वही जानता था कि उसने कितनी मुश्किल से,,,,स्नेहा को अपने दिल से निकालने की कोशिश की है ,,,,,लेकिन उससे नहीं हो रहा था ,,,,,जिससे वह भी टूट चुका था ,,,,,,और स्नेहा को भी तोड़ने पर मजबूर कर दिया था,,, 

ऐसे ही 15 दिन बीत जाते हैं,,,,,और रेयांश का मन बिल्कुल भी घर पर नहीं लगता था ,,,,,जिससे अपना मन लगाने के लिए वह ज्यादातर बिजनेस टूर पर ही रहता था ,,,,

और आज भी वह बिजनेस टूर के लिए,,,,,,,दूसरे शहर जा रहा था ,,,,,,,जिससे उसे अपनी फाइल चाहिए थी,,,,,वह पूरा घर छान डाला,,,,,,,लेकिन उसे अपनी ,,,,,वह फाइल नहीं मिली थी,,,,,,,जो उसके लिए बहुत इंपॉर्टेंट थी,,,,,,कि तभी उसकी नजर अलमारी में ,,,,,स्नेहा के कपड़ों के नीचे छुपाए ,,,,,,,एक फाइल पर पड़ती है,,,,

जिसे देख रेयांश धीरे से अपना हाथ आगे बढ़ा ,,,,,,उसे फाइल को  एक पल के लिए देखता रहता है,,,,,,क्योंकि वह फाइल रखी ही,,,इस तरह गई थी,,,,,,कि जैसे वह छुपाई गई हो,,,,,,,जिसे देख वह झट से ,,,,,उस फाइल को निकाल ,,,,,पढ़ने लगता है ,,,,,

वह जैसे-जैसे लाइनों को पड़ता है जा रहा था,,,,,,रेयांश की आंखों से आंसू गिरते जा रहे थे,,,,,वही जानता था कि,,,,,,उसे कितनी तकलीफ हो रही थी,,,,,,,उसका दिल जैसे टूटता जा रहा था ,,,,,,,कि उसने क्या कर दिया,,,,,इतना बड़ा,,,,,उसके पास तो शब्द नहीं थी,,,,,

वह चिखना चाहता था ,,,,,अपने दर्द को बाहर निकलना चाहता था,,,,,जिससे वह बगैर देरी कीए ,,,,,उस फाइल को ,,,,,वहीं छोड़ते हुए,,,,,उस घर से बाहर निकल जाता है,,,,, 
वह किसी भी हालत में ,,,,एक बार स्नेहा को देखना चाहता था ,,,,,,,उसे अपने सीने से लगा रोना चाहता था,,,,,उससे माफी मांगना चाहता था,,,,,वह उसे,,,,,

इस वक्त बहुत ही दुखी था ,,,,कि उसने अपने प्यार पर भरोसा नहीं किया ,,,,,,वह ऐसा कैसे कर सकता था,,,, यह सोच सोच ,,,,,,वह बड़ी फास्ट कर ड्राइव कर रहा था,,,,,, वह उस घर पहुंचता है ,,,,,जहां पर इस वक्त स्नेहा किराए पर रह रही थी ,,,,
जब वह वहां जा देखता है तो,,,,,,उसे पता चलता है ,,,,,,कि स्नेहा को गए तो 10 दिन हो गए हैं,,,,,लेकिन उसे नहीं पता ,,,,,कि स्नेहा इस वक्त कहां थी,,,,,जिससे वह और भी दुखी हो जाता है,,,,,,और अपने असिस्टेंट से ,,,,,,स्नेह का लोकेशन पता करने को कहता है,,,,, 
लगभग 12 घंटे के बाद,,,,,रियांश को स्नेह की लोकेशन मिलती है ,,,,,,,

जिससे पास रेयांश बगैर देरी कीए,,,,,अपनी कार उस लोकेशन की तरफ बढ़ा देता है,,,,,,,और वह लगभग 15 मिनट में ही ,,,,,उस लोकेशन के बाहर खड़ा ,,,,,,

सामने बोड पर लिखा कुछ पढ़ रहा था ,,,,,उसे पढ़ते हुए,,,,,रेयांश की आंखों में आंसू आ जाते हैं ,,,,,,जिससे वह अपने कदम उस अस्पताल के अंदर बढ़ा देता है ,,,, और सुबह कुछ ही देर में ,,,,,,उस जगह पहुंच जाता है ,,,,,,जिस जगह इस वक्त स्नेहा थी ,,,,,,जब उसने स्नेहा को देखा है ,,,,,तो उसकी सांसे ही जैसे रुक जाती है,,,

क्योंकि इस वक्त स्नेहा के सर पर,,,एक भी बाल नहीं थे ,,,,,और उसका पूरा शरीर पीला पड़ चुका था,,,,,वह देखने में बहुत भयंकर लग रही थी,,,,,,इस वक्त स्नेहा पूरे मशीनों से गिरी हुई थी,,,,,जिसे देख वह अपने कदम स्नेहा की तरफ बढ़ा देता है ,,,,,,कि तभी डॉक्टर रियांश को रोकते हुए ,,,,,,सर क्या आप इस पेशेंट को जानते हैं,,, 

जिसे सुन रेयांश अपनी आंखों में आंसू लिए,,,,,अब भी स्नेहा को देखते हुए ,,,,,अपना सर हमें दिला देता है ,,,,,,जिससे वह डॉक्टर ,,,,,अयांश की तरफ देखते हुए,,,,,थैंक गॉड सर की आप आ गये,,,, क्योंकि हमें इनके बारे में आपको बताना है ,,,,,कि इनका लास्ट स्टेज है ,,,,,,,और इन्हें बचाना अब ना मुमकिन है,,,,,,सर हम उन्हें नहीं बचा सकते,,,,,यह कहे,,,,, वह वहां से चली जाती है,,, 

और वही रेयांश रोते हुए ,,,,,,अपनी कदम स्नेहा की तरफ बढ़ा देता है,,,,,,और फिर स्नेहा को देखते हुए ,,,,,,स्नेहा तुमने ऐसा क्यों किया ,,,,,,,तुमने मुझे क्यों नहीं बताया ,,,,,,,कि तुम कैंसर की मरिज हो ,,,,,क्यों नहीं बताया

उसका इतना ही कहना था कि स्नेहा जो अपनी आंखें मुंह दे लेटी हुई थी ,,,,,रियांश की आवाज सुन ,,,,,अपनी आंखें खोल ,,,,सामने रियांश को देखते हैं,,,,,,तो उसकी आंखों में आंसू आ जाते हैं,,,,,,लेकिन वह कुछ कहती नहीं,,,,,यह यु कहे ,,,,कि उसके पास शब्द ही नहीं थे
की तभी रेयश ,,,,,तुमने ,,यह सब सिर्फ इसलिए किया ना,,,,ताकि मुझे तकलीफ ना हो ,,,,,लेकिन मुझे बहुत तकलीफ हो रही है स्नेहा,,,,,,तुमने मुझे सच क्यों नहीं बताया

स्नेहा तुम ऐसे नहीं कर सकती,,,,,हमने वादे किया था, ना ,,,,,, कि हम साथ जियेंगे ,,,,साथ मरेंगे,,,,,,,तो तुमने क्यों क्यों मुझे सच नहीं बताया ,,,,,

और यह राहुल यह राहुल भी झूठ है ना,,,,,मैंने सब पता लगा लिया ,,,,,कि राहुल तुम्हारा कसन है ,,,,,,और तुमने इतना बड़ा झूठ क्यों बोला ,,,,क्या रीज़न था सिर्फ यही,,,,,,कि मेरा क्या होता ,,,,

स्नेहा तुम्हारे जाने के बाद मेरा क्या होगा,,,,,,,जिसे सुन स्नेह रोते हुए ,,,, धीरे से अपना हाथ आगे बढ़ा,,,,,रियांश के गालों पर रख देती है,,,,,,लेकिन और फिर कुछ बोलने की कोशिश करती है , ,लेकिन उसके होठों से ,,,,सिर्फ एक ही शब्द निकलता है ,,,,,आई लव यू रेयांश ,,,,यह कहते हुए,,,,,वह आखिरी अलविदा कह देती है,,,इस दुनिया को,,,,,और छोड़ जाती है अपनी सच्ची मोहब्बत को,,,,,रेयांश के सीने में ,,,,,,क्योंकि उसकी मोहब्बत पाक थी ,,,,, था तो सिर्फ और सिर्फ मोहब्बत,,,,,जो उसने रेयांश के दिल में छोड़ गई थी