Gangster Ka Sanki Ishq - 9 in Hindi Thriller by Sanju books and stories PDF | गैंगस्टर का सनकी इश्क़ - 9

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गैंगस्टर का सनकी इश्क़ - 9

युवराज - तुम लोग जो भी सोचो मैं वैशाली के पास से लेकर जा रहा हूं

यह कहकर फौरन रेडी होकर शौर्य को लेकर वहां से चला गया

युवराज ने शौर्य फोन दे दिया ताकि शांत रहे....

15 मिनट में

वैशाली के घर के सामने खड़ा था निलेश की तैयारी कर रहे थे।

युवराज का कंफ्यूज हो गया तो वह यहां तो आ गया है आप अंदर कैसे जाएगा वह यही सब सो रहा था इस शौर्य को लिए हुए

शौर्य की निगाहें बालकनी पर डालती हुई कपड़ो वैशाली पर चला गया।

बालकनी में

वैशाली ऐसा हमें क्यों लग रहा है कि जैसे कोई अपना आसपास है ?. धड़कन तेज हो गया है.... खैर हम ज्यादा ही सोच रहे हैं कल से?.

वैशाली - ध्यान लगा... वेसु, वैसे भी आज बहुत काम है इन सब ख्यालों में कोई रही तो कुछ भी नहीं हो पाएगा.... अपने सर पर चपत मारी.....

युवराज शौर्य को इतना चहकते देखकर होंठ मुस्करा दिया....

युवराज - "वैशाली को शिद्दत भरी निगाहों से देख रहा था उसका मन कर रहा था कि वैशाली को अपने बाहों के आगोश में लेकर बेइंतेहा प्यार करे लेकिन उसने अपनी भावनाओं को कंट्रोल करना ही बेहतर समझा "❤️

वैशाली क्यूट सा फेस बनाई हुई काम करी जा रही थी

वैशाली ने बालकनी को फूलो के प्लांट दे डेकोरेशन किया था........

युवराज ' उफ़..... ये अदाए.... हाए ये इतनी क्यूट कैसे हो सकती है?भला काम करते वक्त....'

इन्होंने ने तो बेजान दिल को धड़कना सिखा दिया है अब प्यार करने का नतीजा भी यही बर्दास्त करेगी ।




चलिए युवराज पूजनीय ससुर जी को मनाने आखिर कोई तो रीजन होना चाहिए यहां आने का भले ही उस ऋषभ ने आईडिया दिया लेकिन आइडिया बिना काम के हैं ....




यह कोई रीज़न होता है शौर्य रो रहा था उसे यहां लेकर आ गया मैं भी बेवकूफ हुँ जो उसे राइट हैंड बना लिया




बालकनी में....

वैशाली - धड़कन उसके बस में नहीं था... वो लगातार तेज हो रहा था.... {अपने दिल पर हाथ रखकर }इतनी बेचैनी क्यों ऐसा क्यों लग रहा है ये यही कही है ?.. लेकिन वो तो शाम को आने वाले है.... युवराज को अपने पास महसूस कर.....होठों से मधुर संगीत गाने लगी

हलचल हुई, ज़रा शोर हुआ

दिल चोर हुआ, तेरी ओर हुआ

हलचल हुई, ज़रा शोर हुआ

दिल चोर हुआ, तेरी ओर हुआ

ऐसी चले जब हवा

इश्क़ हुआ ही हुआ

ऐसी चले जब हवा

इश्क़ हुआ ही हुआ

हलचल हुई, ज़रा शोर हुआ...

हवा के कारण वैशाली के दुपट्टे हवा में लहरा रहे थे बाल जाकर उसके चेहरे पर नटखट छेड़खानी कर रहे थे

युवराज की मानो तो सांसे ही रुक गई....

वैशाली के मधुर आवाज सुनकर जो उसके कानों में किसी चाशनी की तरह गूंज रहे थे

शौर्य चहकते हुए मम्मा कहने लग गया ... उसे अच्छा लग रहा था वो वैशाली के पास जाने के लिए तड़प रहा था....

वैशाली ने बाल की लटो को हटाते हुए

इश्क़ हुआ हाय

इश्क़ हुआ हाय

खुशी क्या हो रहा है मेरी प्यारी दोस्त गा रही है मन तृप्त हो गया गाना सुनकर ... {कमरे के गेट से लगकर सेब खाती हुईं }... अगर यह जीजू सुनेंगे तो कितना अच्छा लगेगा, वह तो तुझ पर और भी ज्यादा फिदा हो जाएंगे

वैशाली चुप होकर दुप्पटे को ठीक करते हुए तूम कब आई अचानक से आती है और झटका दे देती है?.

खुशी उसे एक साइड से गले लग कर... क्या करे अब तुम तो यहां से जा रही हो तब हमें ये सारे मोमेंट्स हमें बहुत याद आएंगे वैशाली।

यह कहते हुए उसकी आंखें भर आई हुई थी वैशाली की भी आंखें भर आई वह बोली तुम कैसी बातें कर रही हो।

खुशी ने कहा सेंटीमेंट हो गई ना....ज्यादा अरे चुप हो जाओ वैसे भी अंकल देख लिए तो वो रो देंगे और मैं नहीं चाहती की विदाई से पहले वह रोए

खुशी - वैशाली अब बताओ ये गाना क्यों?.

वैशाली - मन किया तो गा लिया क्यों अच्छा नहीं था....

खुशी ये कोई पूछने की बात है तुम तो हमेशा से अच्छा गाती हो?...

घर के मेन गेट पर.......

युवराज - शौर्य चलो तुम्हारी मां का दर्शन कर दे आपको शौर्य मुस्कुराने लग गया था और अपने नन्हें हाथों से युवराज के चेहरे को छूते हुए....

शौर्य को लिए अंदर जा ही रहा था कि तभी सुमित्रा ने देखकर कहा बेटा तुम?. अभी इस वक्त?. {शोकिंग फेस से }

युवराज क्यों हम यहां नहीं आ सकते काकी?.

सुमित्रा ने कहा नहीं बेटा ,,{ हिचकचाते हुए }ऐसी बात नहीं है वह शाम को इंगेजमेंट है

युवराज (सफाई देते हुए ) शौर्य काफ़ी रो रहे है

ये ज़ब से वैशाली को देखा है तब से... अब तो हल्का फीवर भी आ गया इसलिए हम यहां आ गए लेकर क्या वैशाली से मुलाकात हो सकती है?.

निलेश जी सुमित्रा के साथ किसी नवजवान के साथ देख पास आए... अरे बेटा तुम... ऋषभ ने कॉल करके बताया था...यह भी कोई पूछने की बात है बेटा अब तुम्हारी होने वाली पत्नी है शौर्य की माँ....

युवराज - थैंक यू अंकल हमें समझने के लिए वैशाली कहां है।