The Author RashmiTrivedi Follow Current Read धुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 22 By RashmiTrivedi Hindi Horror Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books हिरन और चूहा 1. आज्ञा पालन एक समय की बात है। रेगिस्तान के किनारे स्थित एक... अपराध ही अपराध - भाग 5 अध्याय 5 पिछला सारांश- एक करोड़ रूपया तिरुपति के दान पेटी मे... आखेट महल - 5 - 2 उसने युवक को यह भी बता दिया कि कोठी से भागने के पहले रात को... तमस ज्योति - 60 (अंतिम भाग) प्रकरण - ६०स्टूडियो में बैठे रोशनकुमारने कहा, "अपनी आंखों की... दादीमा की कहानियाँ - 3 *!! संगत का असर !!*~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~*आइंस्टीन के... 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"अशोक अंकल!", अतुल ने जवाब दिया। "क्या? यह तुम क्या कह रहे हो? ऐसा हो ही नहीं सकता! वह सालों से हमारे यहाँ काम कर रहे हैं मैं उन्हें अच्छे से जानता हूँ। तुम्हें कोई ग़लतफ़हमी हुई है!", क्रिस ने कहा। "मेरा यक़ीन करो तुम लोग! माना कि मैं ठीक से देख नहीं पाया लेकिन वो जहाज़ ही था यह बात पक्की है।", अतुल ने बड़े ही यक़ीन से कहा। "अगर ऐसा है तो हम अशोक अंकल से सीधे सीधे उस टैटू के बारे में पूछ सकते हैं। वैसे क्रिस, अभी तुमने कहा वो कई सालों से तुम्हारे यहाँ काम कर रहे हैं तो क्या तुमने कभी उनके हाथों पर ऐसा टैटू नहीं देखा?", जेनेट ने पूछा। क्रिस ने कहा,"नहीं, मैंने तो कभी नहीं देखा! या यूँ कह सकते हैं कि कभी ध्यान ही नहीं गया इस बात की ओर।" "तो फिर देर किस बात की,अभी अंकल के रूम में चलते हैं। सारी बातें वही क्लियर हो जायेंगी।", शिवाय ने अपनी जगह से उठते हुए कहा। तभी वेनेसा ने उसे रोकते हुए कहा," वेट, मुझे लगता है अगर क्रिस अकेले जाकर अंकल से बात करे तो ठीक रहेगा।" क्रिस उसकी बात से सहमत था। उसने कहा, "हाँ। यह ठीक रहेगा।" अभी हॉल में बैठे सब लोग टैटू के बारे में बातें ही कर रहे थे कि अचानक से पूरा विला एक भयानक चीख़ से गूँज उठा। पलभर के लिए कोई कुछ समझ ही नहीं पाया क्या हुआ? "ओह माय गॉड, गाइज.... क्रिस्टीना...लगता है क्रिस्टीना ने हमारी सारी बातें सुन ली है।", वेनेसा ने सबकी ओर देख कहा। "सही कहा, यह तो अशोक अंकल की चीख़ है! जल्दी चलो!", इतना कहकर क्रिस उसके कमरे की ओर भागा। सभी तेज़ी से भागते हुए अशोक के कमरे में पहुँचे। दरवाज़ा खोलते ही अंदर का नज़ारा देख सभी हैरान थे। अशोक अंकल नीचे ज़मीन पर पड़े थे। वह काफ़ी हुए डरे हुए ऊपर छत की ओर देख रहे थे। सभी ने ऊपर देखा,हवा में तैरती क्रिस्टीना ने अपना भयानक रूप धारण कर रखा था। उसे देखते ही जेनेट की चीख़ निकल पड़ी। क्रिस दौड़ता हुआ अशोक अंकल के पास गया। वो ठीक थे,बस क्रिस्टीना को देख डर गए थे। क्रिस्टीना की रूह ने दिल दहला देने वाली आवाज़ में कहा,"हट जाओ क्रिस, मैं तुम्हें और तुम्हारे दोस्तों को कोई नुकसान नहीं पहुँचाना चाहती! जब तक इस आदमी को मारकर इसका ख़ून नहीं पी लेती,मुझे चैन नहीं आएगा!" तभी क्रिस ने उसकी ओर देख कहा, "क्रिस्टीना,मेरी बात सुनो! पहले शांत हो जाओ। मैंने तुम्हें इंसाफ़ दिलाने की ठानी है न तो मेरा यक़ीन करो। अगर अशोक अंकल वाकई में गुनहगार है तो मैं ख़ुद उन्हें तुमको सौंप दूँगा लेकिन एक बार...एक बार मुझे उनसे बात करने दो। प्लीज... क्रिस्टीना..." हवा में तैरती वो रूह अपने आप को किसी भी तरह शांत नहीं कर पा रही थी। फिर भी क्रिस की बातों ने जैसे उसे पलभर के लिए रोक लिया था। क्रिस ने अशोक को झकझोरते हुए पूछा," अशोक अंकल,सच सच बताइए। क्या आपके हाथ पर कोई टैटू बना है? क्या आपका क्रिस्टीना के मौत के पीछे कोई लेना देना है? बोलिए अंकल... बोलिए..." अशोक ने अपने आप को संभाला और बिना कुछ कहे अपने शर्ट की स्लीव को ऊपर करते हुए अपने दाहिने हाथ पर बना टैटू क्रिस को दिखाया। एक नज़र में देखा जाए तो वह टैटू बिल्कुल उसी के जैसा था जैसा कि क्रिस्टीना ने बताया था। टैटू को देखते ही वेनेसा दौड़कर अशोक अंकल के पास आई। उसने ग़ौर से उस टैटू को निहारा और कहा,"दोस्तों, यह वह टैटू नहीं है!" "क्या तुम्हें यक़ीन है?", क्रिस ने पूछा। "हाँ बिल्कुल, मैंने अपने हाथों से उसका स्केच बनाया था। चाहें तो तुम कन्फर्म कर लो। जो स्केच मैंने बनाया था,उसमें जहाज़ के ऊपर एक काले झंडे पर खोपड़ी का चित्र बना था। अंकल के टैटू में वह काला झंडा तो है,लेकिन उसके ऊपर "AK" इनिशियल्स लिखें है न कि कोई खोपड़ी का चित्र!" शिवाय ने आगे बढ़कर अपना मोबाइल निकाला और उसमें की टैटू की तस्वीर देखी। वेनेसा की बात सच थी। "शी इज राइट! यह देखों!" क्रिस ने भी जब उस तस्वीर को देखा तो उसे भी दोनों टैटूज़ में फर्क नज़र आया। उसने क्रिस्टीना की ओर देखते हुए कहा,"क्रिस्टीना,चाहो तो तुम भी आकर देख सकती हो। यह वह टैटू नहीं है!" अपने भयावह रूप को त्याग क्रिस्टीना अपने सादे रूप में आ चुकी थी। उसकी रूह हवा में तैरती हुई अशोक अंकल के पास आई। उसने उनके हाथ पर बने उस टैटू को देखा। फिर क्रिस की ओर देखा...उसकी आँखें डबडबा गयी थी। दो पल पहले किसी ख़तरनाक चुड़ैल की तरह दिखने वाली वो अभी किसी मासूम बच्ची सी नज़र आ रही थी। उसकी ऑंखों से आँसू छलकने को थे लेकिन कोई कुछ कहता सुनता, उससे पहले ही वो वहाँ से गायब हो गई। उसके अदृश्य होते ही क्रिस ने कहा,"क्रिस्टीना...रुको....मुझे तुमसे कुछ बात करनी है।", लेकिन उसकी कहीं हुई बात सुनने के लिए शायद क्रिस्टीना की आत्मा वहाँ मौजूद नहीं थी। अतुल और शिवाय ने मिलकर अशोक अंकल को उठाया और बिस्तर पर बिठाया। उनके बैठते ही क्रिस ने मुड़कर उनसे पूछा,"अंकल,यह टैटू कहाँ से आया? आख़िर यह क्या चक्कर है और आप क्यूँ इसे अब तक छिपाते रहे?" क्रमशः ... रश्मि त्रिवेदी ‹ Previous Chapterधुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 21 › Next Chapter धुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 23 Download Our App