Shoharat ka Ghamand - 74 in Hindi Fiction Stories by shama parveen books and stories PDF | शोहरत का घमंड - 74

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शोहरत का घमंड - 74

ये सुनते ही बुआ जी को गुस्सा आ जाता हैं और वो बोलती है, "तुम ये कैसी बात कर रही हो, अगर किसी ने तुम्हारे मुंह से ऐसी बाते सुन ली ना तो तुम्हारी बेटियो से कोई शादी भी नही करेगा"।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "मै कुछ गलत तो नहीं बोल रही हूं दीदी, मैं तो वहीं बोल रही हूं जो सच है, हमारे समाज में रिवाज ही बड़े बुरे है दीदी क्या करे, अगर किसी औरत को कोई खरीदता है तो लोग उसे तवायफ कहते हैं और वहीं अगर किसी लड़के को खरीदते हैं तो उसे दुल्हा बोलते है , मै कुछ गलत तो नही बोल रही हूं दीदी जो आप मुझे इतने गुस्से से देख रही हो, और मै तो कहती हूं कि आप आराम से अपने गांव चली जाओ क्योंकि मैं अपनी बेटी का रिश्ता वहा पर तो बिलकुल नही करूंगी "।

ये सारी बाते सुन कर बुआ जी आग बबूला हो जाती हैं और बोलती है, "अच्छा तो अब मेरा यहां पर रहना भी अच्छा नहीं लग रहा है तुम लोगों को जो इस तरह मुझे ताने मार रहे हो "।

तब आलिया के पापा बोलते हैं, "नही दीदी ऐसी कोई बात नहीं है, आप गलत समझ रही है "।

तब बुआ जी बोलती है, "मैं कोई पागल नही हू जो तुम्हारी बीवी की बाते ना समझू, मैं सब कुछ समझ चुकी हूं कि तुम्हारी बीवी मुझे अपने घर से निकालना चाहती हैं, ये चाहती ही नही है कि मैं उस बड़े से घर में जाऊ, और अब मैं यहां पर बिल्कुल भी नही रुकूंगी मैं जा रही हूं यहां से "।

तब आलिया के पापा बोलते हैं, "नही दीदी, आप ये कैसी बात कर रही है, आप कही पर भी नही जायेंगी"।

तभी आलिया की बुआ जी अपना बैग उठा लेती है और बोलती है, "मैं अब यहां पर एक मिनट के लिए भी नही रुकूंगी"।

तब आलिया के पापा बोलते हैं, "दीदी आप इसकी बातो का बुरा क्यो मान रही हैं "।

तब बुआ जी मीनू से बोलती है, "मीनू चलो मुझे ऑटो मे बैठा कर आ जाओ मैं अपने ससुराल वालों के घर में रह लूंगी और वही पर ही अपने बेटे को बुला लूंगी, मगर यहां पर नही रुकूंगी "।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "दीदी मेरा कहना का वो मतलब नही था जो आप समझ रही है, मैं तो बस इस रिश्ते के लिए मना कर रही थी "।

तब बुआ जी बोलती है, "बस बस रहने दो मै सब कुछ समझती हूं की तुम्हारा क्या मतलब है "।

उसके बाद बुआ जी आलिया की मम्मी को धक्का दे कर चली जाती है मीनू और ईशा उनके पीछे पीछे चली जाती है।

आलिया के पापा बहुत ही गुस्से में होते हैं और वो बोलते हैं, "मिल गया तुम्हे सुकून, यही चाहती थी ना तुम "।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "हा मिल गया मुझे सुकून और मै यही चाहती थी, और मुझे तो ये समझ में नही आ रहा है कि बेटी मेरी है और परेशानी इन्हे क्यो हो रही है इसकी शादी की, ओर मुझे सब कुछ पता है कि आपकी बहन कितनी अच्छी है जब हमे इनकी जरुरत थी तब तो ये हमारे पास नही आई, कितने कॉल की मेने इन्हे मगर इन्होने मेरा फ़ोन नही उठाया, मैं अकेली अपनी बेटियो के साथ कितना परेशान हुई तब तो मेरे पास कोई नही आया, यहां तक कि हमे मकान मालिक ने घर से निकाल दिया आपके एक्सीडेंट के बाद, जब हमे इनकी जरूरत थी तब तो ये हमारे पास नही आए, तो फिर अब क्यो ........ आप जानते है इन सब की वजह से सबसे ज्यादा नुक्सान किसे हो रहा है, आलिया को....... इन सब में मेरी बच्ची पीस रही है और मै अपनी बेटी के साथ कुछ भी बुरा नही होने दूंगी...............