Shoharat ka Ghamand - 71 in Hindi Fiction Stories by shama parveen books and stories PDF | शोहरत का घमंड - 71

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शोहरत का घमंड - 71

बुआ जी की बाते सुन कर आलिया के पापा बोलते हैं, "वो मेरे साहब मुझे घर दिलवा रहे हैं"।

तब बुआ जी बोलती है, "अरे वाह बड़े ही अच्छे साहब है तुम्हारे, तो फिर उनसे घर के लिए मना कर दो और बोल दो की बेटी के दहेज के लिए पैसे दे दे"।

तब आलिया के पापा बोलते हैं, "दीदी आप ये क्या बोल रही है, मैं उनसे पैसे मांगू"।

तब बुआ जी बोलती है, "तुम कोई अनोखा काम नही कर रहे हो, पैसे मांग कर, हर बाप को ये करना पड़ता है, बेटी की खुशी के लिए"।

तब मीनू बोलती है, "बुआ जी खाना खा लीजिए, वरना ठंडा हो जायेगा"।

उसके बाद सब खाना खाने लगते है।

थोडी देर बाद आलिया की मम्मी घर वापस आ जाती है। तभी इशा बोलती है, "मम्मी आप कहा गई थी"।

आलिया की मम्मी बहुत ही खुश होती है और बोलती है, "मैं घर देखने गई थी, और मै क्या बताऊं की कितना सुंदर घर है, जैसा टीवी में नही होता सुन्दर सा, वैसा ही"।

तब ईशा बोलती है, "मम्मी हम नए मे रहेंगे क्या अब "।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "हा "।

तब आलिया के पापा बोलते हैं, "मगर आलिया से एक बार तो पूछ लेना चाहिए ना "।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "नही नही हम उसे सरप्राइज देंगे और, देखना वो भी घर देख कर बहुत ही खुश हो जाएगी "।

तभी मीनू अपनी चाय बना कर ले आती हैं। तब ईशा बोलती है, "ये तुमने अच्छा किया "।

शाम होती है..............

आर्यन की मीटिंग खत्म हो जाती हैं और वो आलिया को ले कर रेस्टोरेंट आ जाता हैं।

तब आलिया बोलती है, "आप मुझे यहां पर क्यो ले कर आए हैं ??????

तब आर्यन आलिया की तरफ देखने लगता है और बोलता है, "यहां पर लोग क्या करने आते हैं, पता नहीं है क्या "।

तब आलिया बोलती है, "कोई कही भी आए जाए मुझे उससे कोई मतलब नहीं है, आप मुझे यहां पर क्यो ले कर आए हैं "।

तब आर्यन बोलता है, "गुस्सा क्यो कर रही हो, कुछ खाने के लिए ले कर आया हूं तुम्हें, सारा दिन हो गया है तुमने कुछ भी नही खाया है"

तब आलिया बोलती है, "मुझे भूख नही है, अगर मुझे कुछ खाना होगा तो घर जा कर खा लूंगी"।

तब आर्यन बोलता है, "यहां पर खाने में क्या प्रोब्लम है"।

तब आलिया बोलती है, "आप को जो खाना है खाइए मे जा रही हूं, अपने घर"।

तब आर्यन बोलता है, "पहले कुछ खा तो लो उसके बाद चली जाना"।

तब आलिया बोलती है, "मुझे भूख नही है आप खाइए मै जा रही हूं"।

ये बोल कर आलिया वहा से चली जाती है।

आर्यन को बहुत ही गुस्सा आता है तभी वो अरुण को कॉल करता है और बोलता है, "जो काम दिया था हुआ या फिर नही"।

तब अरुण बोलता है, "क्या हुआ तू इतने गुस्से में क्यो है"।

तब आर्यन बोलता है, "इस आलिया ने मेरा दिमाग खराब कर रखा है, बस एक बार वो सब हो जाए जो मे चाहता हूं, तो फिर देखना की मै किस तरह इसके अकड़ को ठीक करता हूं "।

तब अरुण बोलता है, "तू परेशान मत हो, जो तू चाहता है वहीं होगा और उसके घर वाले मान गए हैं और कल घर शिफ्ट कर लेंगे, और मैने उनसे मना किया है कि वो आलिया को कुछ भी ना बताएं "।

ये सुनते ही आर्यन खुश हो जाता हैं और बोलता है, "वाह यार तूने तो कमाल कर दिया, मेरा मन कर रहा है कि तुझे गले लगा लू "।

तब अरुण बोलता है, "लगा लियो गले कल आराम से, जब तेरा सारा काम हो जायेगा "।

उधर आलिया अपने कमरे मे बैठ कर अपनी पढ़ाई कर रही होती है।

रात होती है..........

ऋतु अबीर से बोलती है, "क्या हुआ की तुमने अपने दिल की बात "।

तब अबीर बोलता है, "कहा की अभी तक "।

तब ऋतु बोलती है, "तो फिर कब करोगे "।

तब अबीर बोलता है, "परसो तुम्हारे बर्थडे पर...........