Shoharat ka Ghamand - 69 in Hindi Fiction Stories by shama parveen books and stories PDF | शोहरत का घमंड - 69

Featured Books
  • My Wife is Student ? - 25

    वो दोनो जैसे ही अंडर जाते हैं.. वैसे ही हैरान हो जाते है ......

  • एग्जाम ड्यूटी - 3

    दूसरे दिन की परीक्षा: जिम्मेदारी और लापरवाही का द्वंद्वपरीक्...

  • आई कैन सी यू - 52

    अब तक कहानी में हम ने देखा के लूसी को बड़ी मुश्किल से बचाया...

  • All We Imagine As Light - Film Review

                           फिल्म रिव्यु  All We Imagine As Light...

  • दर्द दिलों के - 12

    तो हमने अभी तक देखा धनंजय और शेर सिंह अपने रुतबे को बचाने के...

Categories
Share

शोहरत का घमंड - 69

आर्यन की बाते सुनकर अरुण बोलता है, "कैसा काम ????

तब आर्यन बोलता है, "देख मुझे ना आलिया की मम्मी और पापा की नज़र में अच्छा बनना है और मै उस बाईक वाले लड़के से आलिया का पीछा छुड़ाना चाहता हूं "।

तब अरुण बोलता है, "वैसे तू ये दोनो काम कैसे करेगा "।

तब आर्यन बोलता है, "दिमाग से मेरे भाई दिमाग से"।

तब अरुण बोलता है, "तो फिर मुझे बता भी दे की तेरे दिमाग में क्या चल रहा है"

तब आर्यन बोलता है, "सबसे पहले मुझे आलिया को उस घर से हटाना है और अपनी मर्जी के किसी घर में रखना है, जहा मैं उस पर हर वक्त नजर रख सकू"।

तब अरुण बोलता है, "तुझे लगता है कि आलिया तेरी बात मानेगी"।

तब आर्यन बोलता है, "मैं उसे बोल भी नही रहा हूं कि वो मेरी बात माने, मेर ये काम तो उसके मम्मी और पापा आराम से कर देंगे"।

तब अरुण बोलता है, "तुझे क्या लगता है कि ये काम इतना आसान है"।

तब आर्यन बोलता है, "वैसे भी मुझे आसान काम करने की आदत नही है, बस हा उसकी बुआ थोड़ा प्रोब्लम कर सकती है, मगर कोई उसे भी देख लेंगे, चल अब तू जा और जा कर सेट कर दे उनका माइंड"।

तब अरुण बोलता है, "तू ये अजीबो गरीब काम मुझ से ही क्यो कराता है"।

तब आर्यन बोलता है, "क्या करू किसी और पर भरोसा नही है ना, मेरे भाई बस तू ये मेरा काम कर दे, उसके बाद आलिया मेरे अहसानो तले दब जाएगी और वो वही करेगी जो मै कहूंगा "।

तब अरुण बोलता है, "भाई वो इतनी भी सीधी नही है जितना की तू समझ रहा है"।

तब आर्यन बोलता है, "तू ये सब छोड़ और जा मेरा काम कर"।

उसके बाद अरुण चला जाता हैं और आर्यन आलिया के पास जाता हैं और बोलता है, "आलिया काम हो गया"।

तब आलिया बोलती है, "जी हो गया "।

तब आर्यन बोलता है, "चलो तुम भी मेरे साथ चलो"।

तब आलिया बोलती है, "मैं.........

तब आर्यन बोलता है, "हा तुम, और वैसे भी डैड ने मुझे तुम्हे सब कुछ सिखाने के लिए बोला है"।

उधर अरुण आलिया के घर पहुंच जाता हैं। आलिया के पापा अरुण को देख कर पहचान जाते है। अरुण उन्हे नमस्ते बोलता है और उनके पास बैठ जाता हैं।

तब आलिया के पापा बोलते हैं, "बेटा आप यहां पर, कुछ काम था क्या ?????

तब अरुण बोलता है, "अंकल मुझे आर्यन ने यहां पर भेजा है "।

तब आलिया के पापा बोलते हैं, "क्या हुआ बेटा आलिया से कोई गलती हो गई है क्या "।

तब अरुण बोलता है, "नही नही वो तो बहुत ही अच्छा काम कर रही है और अंकल को भी उसका काम बहुत ही अच्छा लग रहा है, वो कल आर्यन आया था ना तो उसे बहुत ही अजीब लगा की आप इतने छोटे से घर में रहते हैं और ये घर भी केसा टूटा फूटा है "।

तब आलिया के पापा बोलते हैं, "क्या करे बेटा गरीब है, वो तो भला हो आलिया की दोस्त का जिसने उसे ये घर रहने को दिया, वरना हमे तो सड़क पर रहना पड़ता"।

तब अरुण बोलता है, "नही नही आप ये कैसी बात कर रहे हैं, सड़क पर रहे आपके दुश्मन"।

तभी आलिया की मम्मी बाजार से आती हैं। तब अरुण उन्हे नमस्ते बोलता है। तब आलिया की मम्मी उसे देखने लगती है कि ये आखिर है कोन।

तब आलिया के पापा बोलते हैं, "ये आर्यन साहब के दोस्त है।

तब आलिया की मम्मी उसके लिए पानी ले कर आती है और बोलती है, "बेटा आप आराम से बैठो तब तक मैं आपके लिए चाय बना कर लाती हूं "।

तब अरुण बोलता है, "आप परेशान मत होइए, इन सब की कोई जरूरत नहीं है "।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "जरूरत क्यो नही है "।

तब आलिया के पापा बोलते हैं, "दीदी कहा है ?????

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "वो थक गई थी तो नीचे ऋतु के घर मे ही बैठ गई है"।

उसके बाद वो किचन में चली जाती है।

तब अरुण बोलता है, "अंकल आर्यन ने आपके लिए एक घर देखा है, और वो चाहता है कि आप वही पर रहे.............