Shoharat ka Ghamand - 55 in Hindi Fiction Stories by shama parveen books and stories PDF | शोहरत का घमंड - 55

Featured Books
  • જીવન પથ - ભાગ 33

    જીવન પથ-રાકેશ ઠક્કરભાગ-૩૩        ‘જીતવાથી તમે સારી વ્યક્તિ ન...

  • MH 370 - 19

    19. કો પાયલોટની કાયમી ઉડાનહવે રાત પડી ચૂકી હતી. તેઓ ચાંદની ર...

  • સ્નેહ સંબંધ - 6

    આગળ ના ભાગ માં આપણે જોયુ કે...સાગર અને  વિરેન બંન્ને શ્રેયા,...

  • હું અને મારા અહસાસ - 129

    ઝાકળ મેં જીવનના વૃક્ષને આશાના ઝાકળથી શણગાર્યું છે. મેં મારા...

  • મારી કવિતા ની સફર - 3

    મારી કવિતા ની સફર 1. અમદાવાદ પ્લેન દુર્ઘટનામાં મૃત આત્માઓ મા...

Categories
Share

शोहरत का घमंड - 55

तब अरुण बोलता है, "भाई देख अभी अपने गुस्से पर कंट्रोल कर, और अंकल और आंटी को मना ताकि वो तुझे वहा पर ना जानें दे "।

तब आर्यन बोलता है, "अब उन्हे मनाने के लिए और उनकी नजरों में अच्छा बनने के लिए क्या करु मैं ?????

तब अरुण बोलता है, "कुछ भी कर, मगर उन्हे मना, क्योंकि तू जानता तो है अंकल के गुस्से को"।

तब आर्यन बोलता है, "अच्छा ठीक है, मै कुछ सोचता हूं"।

उसके बाद आर्यन कॉल कट कर देता है और सोचने लगता है कि वो ऐसा क्या करे, जिससे की वो यहां से ना जाए ।

उधर अबीर काफी परेशान होता है उसे कुछ भी समझ में नही आता है कि वो आलिया को अपने दिल का हाल केसे बताएं ।

सुबह होती है..........

आर्यन के मॉम और डैड आर्यन के बारे में बात कर रहे होते हैं। आर्यन के डैड बोलते हैं, "आपने बात की अपने घर वालों से"।

तब आर्यन की मॉम बोलती है, "अब बात क्या करनी है, अब आर्यन के जानें के बाद वो कोन सा आर्यन को वहा से भगा देंगे"।

तब आर्यन के डैड बोलते हैं, "हा वो तो ठीक है, मगर उसकी ये हरकते कोन झेलेगा ?????

तब आर्यन की मॉम बोलती है, "सबका लाडला है ये मेरे घर में"।

तभी आरू आती हैं और बोलती है, "आप दोनो ये क्या कर रहे हो, क्यो भेज रहे हो भाई को"।

तब आर्यन के डैड बोलते हैं, "तुम्हारे भाई को जब तक अक्ल नही आ जाती हैं, अब तब तक वो यहां पर नही आयेगा"।

तब आरू बोलती है, "आपको क्या लगता है कि भाई आपके कहने से चले जाएंगे"।

तब आर्यन के डैड बोलते हैं, "उसे जाना होगा"।

तब आर्यन की मॉम बोलती है, "तुम ज्यादा तरफदारी मत करो अपने भाई की"।

तब आरू बोलती है, "मैं तो अपने भाई की बुराई सुन नही सकती हूं इसलिए मैं जा रही हूं यहां से"।

उसके बाद आरू वहा से चली जाती हैं।

उधर आलिया ने सबके लिए नाश्ता बनाया होता है और सभी नाश्ता कर रहे होते हैं।

तभी आलिया बोलती है, "मम्मी नरेश अंकल की बेटी पूजा तो मेरी एज की है तो फिर उसके घर वाले इतनी जल्दी उसकी शादी क्यो करवा रहे हैं "।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "बेटा लोगो का मानना होता है कि लड़कियो की जितनी जल्दी शादी करवा दो, उतना ही अच्छा होता है "।

तब आलिया बोलती है, "क्या पूजा इस शादी के लिए तैयार है "।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "बेटा लड़कियो की मर्जी पूछता कोन है, उन्हे तो बस बोल दिया जाता हैं कि तुम्हारी शादी है "।

तब मीनू बोलती है, "मैं तो ऐसा नही करूंगी, मैं तो पहले लड़के को अच्छे से देखूंगी और जानूंगी उसके बाद ही हा बोलूंगी "।

तब ईशा बोलती है, "हा तुम से बड़ा कोई पूछेगा "।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "क्यो नही पूछेगा, मै अपनी बेटियो की शादी उनकी मर्जी से ही करवाऊंगी "।

तब आलिया बोलती है, "पहले पढ लिख लो, उसके बाद शादी की सोचना, बड़ा ही शोक चढ़ रहा है शादी का "।

तब ईशा बोलती है, "मुझे तो बस लहंगा पहनने का शोक है और मेकअप करने का"।

तब आलिया बोलती है, "बस करो मेरी बहना आराम से नाश्ता करो "।

उधर आर्यन के घर में सभी नाश्ता कर रहे होते हैं। तभी आर्यन बोलता है, "डैड मुझे आप से कुछ बोलना था "।

तब आर्यन के डैड बोलते हैं, "हा बोलो ?????

तब आर्यन बोलता है, "डैड मुझे भी आज शादी में जाना है"।

ये सुनते ही सब चोक जाते है और आर्यन की तरफ देखने लगते हैं................