Shoharat ka Ghamand - 50 in Hindi Fiction Stories by shama parveen books and stories PDF | शोहरत का घमंड - 50

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शोहरत का घमंड - 50

सुबह होती हैं........

आर्यन की नींद खुल जाती है और वो उठ जाता हैं और उसे रात की सारी बाते याद आ जाती हैं और वो उठ कर गुस्से में माया के कमरे मे जाता हैं और बोलता है, "तुमने किया था ना रात में ये सब ड्रामा"।

तब माया बोलती है, "क्या किया मेने ??????

तब आर्यन बोलता है, "मेरे सामने ज्यादा शरीफ बनने की कोई जरूरत नही है, मुझे सब पता है कि तुमने ही कल डैड को बताया था मेरे बारे में और तुम ही कल उन्हे क्लब ले कर आई थी "।

तब माया बोलती है, "हा तो मैने गलत क्या बोला था, जो सच था वही बोला था "।

तब आर्यन बोलता है, "बहुत हो गया तुम्हारा ड्रामा, चलो अब निकलो मेरे घर से "।

तब माया बोलती है, "तुम ये मुझे बोल रहे हो"।

तब आर्यन बोलता है, "हा तुम्हे बोल रहा हूं "।

तब माया बोलती है, "पता है तुम्हारी प्रोब्लम क्या है..... तुम्हे ना बीवी नही बल्कि एक गुलाम चाहिए, जो तुम्हारे इशारे पर चले, तुम रात को दिन बोलो तो वो रात को दिन बोले, तुम गलत को सही बोलो तो वो भी तुम्हारी हा मैं हा हा मिलाए, मगर मैं पागल नही हू मै एक पढ़ी लिखी लड़की हू "।

तब आर्यन बोलता है, "खत्म हो गई तुम्हारी बकवास चलो अब निकलो यहां से "।

उसके बाद आर्यन माया का हाथ पकड़ कर उसे कमरे में से बाहर ले जाता हैं। तब माया चिल्लाती है, "आर्यन तुम ये क्या कर रहे हो, मेरा हाथ छोड़ो "।

ये चिल्लम चिल्ली सुन कर आर्यन के डैड और मम्मा कमरे से बाहर निकलते हैं और देखते हैं कि आर्यन माया का हाथ पकड़ कर उसे बाहर निकाल रहा होता है।

तभी आर्यन के डैड बोलते हैं, "आर्यन हाथ छोड़ो माया का "।

मगर आर्यन कुछ भी नही सुनता है और माया का हाथ पकड़ कर उसे घर से बाहर कर देता है।

तब आर्यन के डैड बोलते हैं, "आर्यन ये क्या बदतमीजी है, तुमने माया को घर से इस तरह बाहर क्यो किया, चलो जल्दी इसे घर में ले कर आओ"।

तब आर्यन बोलता है, "डैड आप परेशान मत होइए, इसके बहुत सारे बॉय फ्रेंड है, कोई न कोई इसे अपने घर में रख हि लेगा, मगर अब ये मेरे घर में नही रहेगी"।

उसके बाद आर्यन दरवाजा बंद कर देता है और उसे लॉक कर देता है और बोलता है, "डैड आपको ऑफ़िस नही जाना है क्या आज, मम्मा जल्दी से मेरा नाश्ता बना दो"।

उसके बाद आर्यन अपने कमरे में चला जाता हैं।

आर्यन के डैड आर्यन की मम्मा से बोलते हैं, "ये लडका सच में पागल हो गया है, अब मैं इसे एक मिनट भी यहां पर बर्दाश्त नही करूंगा, आप इसे आज ही यहां से भेजिए"।

तभी आर्यन कमरे से बाहर आता है और बोलता है, "डैड मैं यहां से कही पर भी नही जाऊंगा, आप चाहें जो भी कर लीजिए"।

तब आर्यन के डैड बोलते हैं, "पहले तुम दरवाजा खोलो और माया को अंदर ले कर आओ"।

तब आर्यन बोलता है, "डैड आप उसके लिए परेशान मत होइए"।

तब आर्यन की मम्मा बोलती है, "बेटा क्यो कर रहे हो ऐसा, बेटा लड़कियो के साथ ऐसा नही करते हैं"।

तब आर्यन बोलता है, "मम्मा वो कोई सीधी सादी सी लड़की नही है"।

उसके बाद आर्यन अपने कमरे में चला जाता हैं।

माया घर के बाहर गुस्से में खड़ी रहती हैं.............