Shoharat ka Ghamand - 48 in Hindi Fiction Stories by shama parveen books and stories PDF | शोहरत का घमंड - 48

Featured Books
  • તક્ષશિલા - સિટી ઓફ નૉલેજ - 13

    યુવરાજ ચંદ્રપ્રકાશની ઘોષણા તક્ષશિલામાં જેમ જેમ પ્રસરી, તેમ ત...

  • આવો જમવા

    આજની ચર્ચા નો વિષય અને આજે જ મારી સામે બનેલા સામાન્ય સંયોગ ન...

  • સંઘર્ષ

    સંઘર્ષ सर्वं परवशं दुःखं सर्वमात्मवशं सुखम्। દુઃખ બીજા પર નિ...

  • સ્વપ્નિલ - ભાગ 13

    વિધી શરમાઈ ગઈ ." નઈ પણ વનિતા બેન તમે છોકરો એક દમ સરસ પસંદ કર...

  • ભાગવત રહસ્ય - 296

    ભાગવત રહસ્ય -  ૨૯૬   પાપ અને સાપ સરખાં છે.સાપ કરડે કે તરત જ...

Categories
Share

शोहरत का घमंड - 48

आलिया को कुछ भी समझ में नही आ रहा होता है कि आखिर ये सब क्या हो रहा है। ये जंगली मुझ से कितने आराम से बात कर रहा है और मुझे नए प्रोजेक्ट में भी अपने साथ ले लिया है।

शाम हो जाती हैं.........

आलिया ऑफिस से निकल रही होती हैं। तभी बाहर उसे आर्यन मिलता है और बोलता है, "घर जा रही हो??????

तब आलिया बोलती है, "हा......

तब आर्यन बोलता है, "चलो मैं छोड़ देता हूं तुम्हे, और आराम से अपने काम की भी बात कर लेंगे"।

तब आलिया बोलती है, "मेरा टाईम खत्म हो चुका है और अब मैं कल आ कर आराम से आप से बात कर लूंगी नए प्रोजेक्ट का"।

उसके बाद आलिया वहा से चली जाती हैं और आर्यन उसे देखता रह जाता हैं।

माया आर्यन को कॉल करने लगती हैं मगर आर्यन उसकी कॉल नही उठाता है और अपने दोस्त के साथ क्लब चला जाता हैं।

आलिया अपने घर पहुंच जाती है। घर पहुंचते ही मीनू और ईशा उसे कपड़े दिखाने लगती है और बोलती है, "आज तो बहुत ही मजा आ गया है, जी भर कर शॉपिंग की है"।

तब आलिया के पापा बोलते है, "थोड़ा आराम तो करने दो, अभी अभी आई है, ये नही पानी ला कर दू, परेशान करने लग गए"।

तब मीनू बोलती है, "पानी क्या मम्मा इन्हे सब कुछ ला कर दे देंगी"।

तब ईशा बोलती है, "दीदी हमने आपके लिए चूड़ी भी ली है, आपको बहुत ही पसन्द है ना चूड़ी"।

तब आलिया बोलती है, "तुम लोग अपना सामान लेने गए थे ए फिर मेरा"।

तब मीनू बोलती है, "हमने अपने भी कपड़े लिए है और आपके भी"।

तब आलिया बोलती है, "अच्छा ठीक है मैं पहले कुछ खा लेती हूं उसके बाद सब देखूंगी"।


उधर माया काफ़ी गुस्से में होती हैं और आर्यन की मम्मी से बोलती है, "आंटी आर्यन को क्या हो गया है वो मेरी कॉल क्यो नही उठा रहा है"।

तब आर्यन की मम्मी बोलती है, "बेटा तुम तो जानती ही हो उसे की वो कैसा है "।

तब माया बोलती है, "लगता है कि वो मुझे नही जानता है, मुझे उसे अपने बारे में बताना पड़ेगा "।

उसके बाद माया वहा से चली जाती हैं।

रात हो जाती हैं.......

आर्यन का दोस्त उससे बोलता है, "क्या हुआ भाई आज तुझे घर नही जाना है क्या, रात हो गई है "।

तब आर्यन बोलता है, "मुझे नही जाना, वहा पर माया होगी और मै ना ही उसका चेहरा देखना चाहता हूं और ना ही उससे बात करना चाहता हूं, चल आज हम तेरे घर चलते हैं "।
तब आर्यन का दोस्त बोलता है, "और अंकल उन्हे क्या बोलेंगे ??????

तब आर्यन बोलता है, "कुछ भी बोल देंगे"।

तब आर्यन का दोस्त बोलता है, "भाई एक बार फिर सोच ले, वैसे भी तूने हद से ज्यादा पी ली है आज"।

तब आर्यन बोलता है, "तू कुछ मत सोच बस मेरे साथ चल"।

तब आर्यन का दोस्त बोलता है, "कही तू अपने साथ साथ मुझे भी डांट मत पड़वा दियो"।

तब आर्यन बोलता है, "तू चुप चाप चल"।

जेसे ही आर्यन का दोस्त उसे ले कर जा रहा होता है तभी वहा पर आर्यन के डैड माया के साथ आ जाते है.......