Sathiya - 19 in Hindi Fiction Stories by डॉ. शैलजा श्रीवास्तव books and stories PDF | साथिया - 19

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साथिया - 19

" हां तो ठीक है तुम्हे उसको कमर पकड़कर थामने की क्या जरूरत थी? मुझे यह सब बातें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं है। तुम सिर्फ मेरे हो और इसके अलावा तुम किसी की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देख सकते समझे तुम। " रिया ने गुस्से से कहा ।

"एक्सक्यूज मी..!" नील ने भी जोश मे कहा।


"बिना मतलब की बातें क्यों करती रहती हो तुम और मैं कब से तुम्हारा हो गया। तुम्हें एक बात समझ में नहीं आती क्या कि मेरा तुमसे कोई लेना देना नहीं है। जब दोस्ती थी और आज मुझे दोस्ती भी खत्म करता हूं अभी।" नील ने तेज आवाज में कहा।

आस पास से गुजरते स्टूडेंट्स इन दोनों का झगड़ा सुनकर रुक गए थे तो वही मनु भी जाते जाते रुक गई थी और दूर खड़ी होकर उन दोनों का झगड़ा देख रही थी।

"क्या बकवास कर रहे हो तुम..? पूरा कॉलेज जानता है कि मैं और तुम सालों से दोस्त हैं। मैं तुम्हें प्यार करती हूं और इस बात को अब तुम इस तरीके से इंकार नहीं कर सकते?" रिया बोली।

"तुम मुझे प्यार करती हो ये तुम्हारी प्रॉब्लम है। पर मैं सिर्फ दोस्ती के नाते तुम्हारे साथ रहता था और अपने पेरेंट्स के कारण पर अब तुम्हारी हर बात की हद हो गई है। मुझे तुम्हारी जैसी साइको दोस्त नही चाहिए अपनी लाइफ में जो कि हर समय मुझे बंदिशों में रखे।" नील ने नाराजगी से कहा।

"मेरा प्यार तुम्हें बंदिश लगता है? तुम क्यों नहीं समझते मैं तुम्हें प्यार करती हूं और कोई भी लड़की जो किसी को सच्चा प्यार करेगी वह कभी तुम्हें किसी और के साथ बर्दास्त नहीं करेगी। तो मैं अगर ऐसा करती हूं तो क्या गलत कर दिया।" रिया ने नील का हाथ अपने हाथो में लेकर कहा।

नील ने गुस्से में उसके दोनों हाथों को झटक दिया।


"प्यार प्यार प्यार...! बहुत हुआ। सुन सुन के थक गया हूं मैं। मेरे कान पक गए है यह बात सुनकर। तुम्हें कोई बात समझ में नहीं आती रिया। कितनी बार तुम्हें समझा चुका हूं कि मैं तुम्हें प्यार नहीं करता। तुम सिर्फ दोस्त हो। तुम्हारे लिए मेरे दिल में कोई फीलिंग नहीं है। और जब तक मेरे दिल में एहसास नहीं होगे मैं आगे नहीं बढ़ सकता। तुम समझने की कोशिश क्यों नहीं करती? तुम्हारे सारे दोस्त समझते हैं मेरे सारे दोस्त समझते हैं, तो पूछो इन सब से क्या मैंने कभी कहा कि मैं रिया को प्यार करता हूं।" रिया खामोश रही।

"ओके बताओ आप लोग क्या मैंने कभी कहा तुम सबसे कि मैं रिया को प्यार करता हूं या मैं और रिया रिलेशनशिप में है।
या हम दोनों बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड है।" नील ने सबसे कहा।

रिया को इस समय बेहद शर्मिंदगी महसूस हो रही थी।

नील थक चुका था उसकी बेफिजूल की बातों से।

"नहीं कभी नहीं कहा..!" एक दोस्त बोला।

"फिर भी रिया कैसे कह सकती है कि मैं किसी से बात न करूँ सिर्फ इसके आसपास रहूँ। यह मुझे प्यार करती है तो इसमें मेरी कहां से गलती है? प्यार सिर्फ एक तरफा काफी होता है क्या? प्यार तो दोनों तरफ से होना चाहिए ना। यह बात इसे क्यों नहीं समझ में नही आती।" नील ने अपना सिर पकड़ कर गुस्से से कहा।

रिया की आंखें भर आई।

"तुम ऐसा नहीं कर सकते मेरे साथ नील? मैं सच में तुमसे प्यार करती हूं। प्लीज समझने की कोशिश करो।" रिया बोली।


"तुम समझने की कोशिश करो ...! मैं तुम्हें प्यार नहीं करता और ना ही कभी करूंगा क्योंकि तुम उस टाइप की हो ही नहीं जिसे मैं अपनी लाइफ में जगह दे सकूं। समझ रही हो ना तुम और अब तो हमारे बीच में जो दोस्ती थी उसको भी मैं आज ही खत्म करता हूं।" नील बोला।


"क्यों नहीं मुझे अपनी जिंदगी में जगह दे सकते तुम क्योंकि वह जूनियर आजकल तुम्हारी जिंदगी में शामिल होने लगी है।" दूर खड़ी मानसी को देखकर कहा रिया ने नफ़रत और नाराजगी से कहा तो मानसी के चेहरे पर गुस्से के भाव आ गए

उसने नाराजगी से रिया की तरफ देखा पर इससे पहले कि नील और बाकी लोग कुछ समझ पाते रिया नील के करीब आई और उसके चेहरे को थाम उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।

मानसी का चेहरा एकदम से लाल हो गया और आंखों में न जाने क्यों आंसू भर आए। वह तुरंत वहां से निकल गई।


नील को जैसे ही समझ में आया उसने तुरंत तुरंत रिया को खुद से दूर किया और एक झटका दे दिया तो रिया नीचे गिर गई।

"प्लीज नील समझने की कोशिश करो आई लव यू। तुम मुझे इस तरीके से इग्नोर नहीं कर सकते। तुम सिर्फ मेरे हो " रिया बोली।

" आएम सॉरी रिया प्लीज माफ कर दो और अब मुझसे कभी बात मत करना ।" नील ने कहा और अपने दोस्तों के साथ अंदर चला गया।

रिया उठ खड़ी हुई और उसने जाते हुए नील को देखा।

"यह हरकत बहुत महंगी पड़ेगी नील वर्मा और तुम्हें भी मानसी सक्सेना।" रिया ने खुद से ही कहा कहा और फिर वह यूनिवर्सिटी से दूसरी तरफ निकल गई।

वाशरूम में वाश बेसिन के सामने खड़ी मनु लगातार बहते आँसुओ को टिश्यू से लगातार साफ कर रही थी पर आंसू जैसे थम ही नही रहे थे।

आँखों के आगे बार बार रिया का नील को किस करना आ रहा था और मनु की आँखे फिर से बहने लगती

" उसकी लाइफ उसकी मर्जी किसी के भी साथ रिलेशनशिप में रहे..! किसी को भी किस करे ..! किसी के भी साथ फिजिकल हो मुझे क्या? मुझे क्यों तकलीफ हो रही है?" मनु ने खुद से सवाल किया।


" नही नही मुझे कोई तकलीफ नही...! कोई दर्द नही...! मुझे कोई फर्क नही पड़ता वो जिसके साथ खुश रहे। आई डोन्ट केयर..! मनु इतनी कमजोर नही कि अपनी फीलिंग्स न सम्हाल पाए।

" भाड़ में जाए नील वर्मा और उसकी वो छिपकली गर्लफ्रेंड रिया। चिपके रहे दोनों एक दूजे से देखूँगी भी नही उन दोनों की तरफ।" मनु खुद से मजबूती के साथ बोली और फिर आँखों पर ठंडे पानी के छींटे मारे।

मुँह पौंछा और अपना बैग खोल मैक अप किया।

आँखों में गहरा काजल लगाया और लिपस्टिक सही की।

खुद को नॉर्मल किया और गहरी सांस लेते हुए बाहर निकल गई।

क्रमश:

डॉ. शैलजा श्रीवास्तव