Jinnatto ki Sachi Kahaniyan - 14 in Hindi Horror Stories by सोनू समाधिया रसिक books and stories PDF | जिन्नातों की सच्ची कहानियाँ - भाग 14

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जिन्नातों की सच्ची कहानियाँ - भाग 14

अध्याय - 14 (कब्रिस्तान का जिन्न, भाग १)

By Mr. Sonu Samadhiya Rasik


कहा जाता है कि नई नवेली दुल्हन या फिर किसी खूबसूरत लड़की को रात के समय खुले बालों में और तेज पर्फ्यूम लगा कर बाहर नहीं घूमना चाहिए।
क्यों कि ऎसा करने पर बाहर का कोई काला साया आप पर फिदा हो सकता है.... जो आपकी जिंदगी को जहन्नुम बना सकता है।

आज की कहानी भी एक ऎसी ही लड़की शायरा की है....

ये वाक्या है सन 2009, सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश में रहने वाले मिर्ज़ा खानदान का...
बात उन दिनों की जब अशलम की नयी नयी शादी हुई थी, अशलम अपनी बीबी शायरा के साथ अपनी पुश्तैनी कोठी पर रहने आया था, जहां पर नई नवेली दुल्हनों को कोठी के अनजाने हिस्सों में रात के वक़्त खुले बालों में और इत्र लगा कर घूमने पर पाबंदी थी।
एक रात शायरा को उसकी माँ का कॉल आ जाता है, तो वो अपनी माँ से कॉल पर बात करने में इतनी मगशूल हो गई कि उसे पता भी नहीं चला कि वो कब घर के दूसरे में पहुंच गई, जहाँ नई नवेली दुल्हन का जाना मना था।

शायरा बात करते करते उस घर की नौकरानी हरजन से टकरा जाती है, जिससे वो डर कर चीख पड़ती है।

तभी नौकरानी शायरा को याद दिलाती है कि उसे घर के इस हिस्से में नहीं आना चाहिए और वो भी रात को...
नौकरानी शायरा को खुले बालों और तेज पर्फ्यूम लगा कर घूमने को भी मना करती है, क्योंकि शायरा उस वक़्त खुले बालों में थी और साथ ही वह तेज पर्फ्यूम लगाए हुए थी।

शायरा ने देखा कि हरजन अपने हाथों में खाना की थाली लिए हुए थी, जब शायरा उससे थाली के बारे में पूछती है तो हज्जन बात को टाल देती है और उसे वहाँ से चले जाने को बोलती है।

नौकरानी घर के पिछले प्रतिबंधित हिस्से में चली जाती है,
शायरा चुपके से नौकरानी के पीछे चली जाती है।
तब शायरा ने देखा कि नौकरानी हरजन एक कोठरी के पास थाली लेकर पहुंच जाती है, हरजन के उस डरावने से कोठरी के पास पहुचते ही उसका गेट जोर जोर से हिलने लगता है। उस कोठरी में किसी के गुर्राने की आवाज आने के साथ वहाँ की लाइट अजीब ढंग से ब्लिंक हो रही थी।

शायरा आगे कुछ देखती कि तभी उसे अपनी सास की आवाज सुनाई देती है, जो उसे बुला रही थी।

शायरा अपनी सास से उस कोठरी का रहस्य पूछती है, तो वो भी शायरा को वहां न जाने को मना करती है और उससे कहती है कि उसे धीरे धीरे सब पता चल जाएगा।

शायरा उस कोठरी के बारे में अपने शौहर अशलम से पूछती है तो वह बताता है कि उसकी दादी जान कहती थी कि उस कोठरी में एक काला साया रहता है और हर नोचन्दी जुमेरात को हमारे घर वाले उसको खाना देते हैं, जिससे वो काला साया शांत रहे और उसके घर को भी शांति से रहे। उस घर में ये सिलसिला वर्षों से चला आ रहा है।


अशलम कहता है कि उसे इन सब बातों में कोई विश्वास नहीं है, फिर भी ये सब वो अपने घर की खुशी के लिए करता है।



क्रमशः.........


(©SSR'S Original हॉरर)
💕 राधे राधे 🙏🏻 ♥️