Sath Zindgi Bhar ka - 61 in Hindi Love Stories by Khushbu Pal books and stories PDF | साथ जिंदगी भर का - भाग 61

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साथ जिंदगी भर का - भाग 61

एकांश के साथ बिताए हसीन लम्हों को याद करते हुए जल्दी-जल्दी फ्रेश हुई अपना हमेशा का रूटीन फॉलो कर उसने सभी के लिए नाश्ता बनाया और ऑफिस के लिए तैयार होने चली गई फूल वाइट कलर का ऑफिस सूट बालों की हाई पोनीटेल कानों में छोटे से डायमंड हाथ में वॉच और दूसरे हाथ में ऑफिस बैग वाइट हाई हील्स पर चेहरे पर भर भर के कॉन्फिडेंस

आस्था के इस लुक को देखकर कोई कहे कि नहीं सकता था कि यह वही उनकी पुरानी वाली क्यूट सी आता है गुजरे हुए वक्त में ना सिर्फ मेंटली बल्कि बल्कि फिजिकली भी भी उसमें काफी चेंज चेंज हुए थे यकीनन वह अभी के अभी अभी भी उतनी ही मासूम थी लेकिन उसे अपने आप पर पूरा कंट्रोल था कब कहां और कैसे बिहेव करना है वह अच्छे से समझती थी

आस्था नीचे आ गई और नाश्ते पर बैठे सभी लोगों की नजर उस पर ही आ चुकी थी घर के सारे सर्वेंट भी उसे ही देख रहे थे आफ्टरऑल आस्था ने अपने चुलबुले पन की वजह से उनके साथ भी तो अलग ही रिश्ता बनाया हुआ था एकांश भी ऊपर से अपनी अपनी नजरें हटा ही नहीं पा रहा था उसकी वह एकटक नजरें आस्था को अपने ऊपर महसूस हो गई थी और शर्म की लाली की गुलाबी रंगत जर्जर करके उसके चेहरे पर बिखर गई

उसने किसी तरह अपनी नजरें चुरा लिया और सब को गुड मॉर्निंग विश किया छोटी सी भाभी सा यू लुक अमेजिंग ब्यूटीफुल बहुत ही ज्यादा अच्छी दिख रही है आप

रूद्र ने उसकी तारीफ की दा अगेन छोटी आस्था ने इतू सा चेहरा किया और सब की ओर देखने लग लगी रूद्र सब ने एक साथ गुस्से से उसका नाम लिया और आस्था के चेहरे पर स्माइल आ गई अब बोलिए क्या कह रहे थे आप दा आस्था ने अपनी क कोहनी टेबल पर टिका कर हाथ अपने गालों पर रख दिया और उसे चढ़ाने लगी

रूद्र की शक्ल देख कर सब हंसने लग गए सभी ने बड़ी चाव से नाश्ता किया और अपने अपने कम काम पर के लिए निकल गए आस्था और कुंवर सा एक साथ जाएंगे ना दादा सा के पूछने पर आस्था कुछ नहीं कह पाई दिल तो उसका भी बहुत था एकांश के साथ जाने का लेकिन दादा सा वह आस्था खामोश हो गई

आस्था एकांश आपसे सच में बहुत प्यार करते हैं बेटा उसने इस तरह बर्ताव मत कीजिए माना माना आप उनसे नाराज है लेकिन इस तरह नाराजगी को इतना भी मत कीजिए कि आखिरी में आपके हाथ खाली ही रह जाए दादा सा ने प्यार से उसके सर पर हाथ रखा और चले गए आस्था की आंखें नम हो गई वह बिना कुछ कहे दूसरी गाड़ी में बैठ गई और ऑफिस के लिए रवाना हो गई

वह अपने ख्यालों में इतना खोई हुई थी कि उसे पता ही नहीं चला कि कब गाड़ी रुकी और एकांश उसके पास आकर बैठ गया एकांश ने उसके हाथ पर अपना हाथ रखा और आस्था सिसकते हुए उससे ज्यादा बिकी आकाश जो आस्था की गाड़ी ड्राइव कर रहा था उसने गाड़ी में पार्टीशन ओपन कर दिया एकांश ने आकाश और अजय दोनों को उनके रिश्ते के बारे में बता दिया था उसने specially आकाश को आस्था की सिक्योरिटी के लिए हायर कर रखा था

अब वह किसी भी तरह से आस्था की सेफ्टी में कॉम्पमाइज जो नहीं कर सकता था जान क्या हुआ है आपको एकांश में अपने आप से बिलगी की आस्था के सर पर प्यार से हाथ फेरते हुए कहा कुंवर जी सब चाहते हैं कि हम जल्द से जल्द एक हो जाएं

दादा सा की आंखों में कितनी उम्मीद देखी है हमने लेकिन हमारा यूं खामोश रहना बहुत हर्ट हो गया उन्हें और बाबा सा वह तो हमें डर है कुंवर जी हमारा इस तरह का बिहेवियर कहीं उन्हें हमसे दूर ना कर दे हमें अपनी फैमिली नहीं खोनी कुंवरजी उदासी से उसके चेहरे की ओर देखने लगी आपको पता है ना सारा ने भी हमसे फाइट की है वह नाराज है हमसे क्योंकि हम आपसे बात नहीं कर रहे हैं

रूद्र दा और स्वप्न भाई साहब वह जताते ही नहीं रहे हैं लेकिन उन्हें भी बुरा लग रहा है क्यों चाहिए जरूरी है कुंवर जी उस एक इंसान के लिए आप हमारी सारी फैमिली को धोखा दे बताइए ना आस्था उसके सीने पर सर रखकर रोने लग गई उसकी वजह से सब नाराज हो गए दुखी हो गए उसे यह बात बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हो रही थी

आप सही हैं आस्था सिर्फ उस एक शख्स की वजह से हम आप सबको नाराज नहीं कर सकते लेकिन वह इंसान भी तो हमारी भी फैमिली का हिस्सा है और शायद उनके साथ घर का कोई और भी सदस्य मिला हुआ है क्योंकि यह सब उनके अकेले के बस की बात नहीं है एकांश के कहने पर आस्था नहीं रानी से उसकी ओर देखा क्या मतलब कुंवर जी और कौन है फैमिली में आस्था उदास हो गई हम ढूंढ रहे हैं

एकांश में अपना सर सीट पीछे सीट से टिका दिया अपने ही परिवार में से कोई उसका जान का दुश्मन बना बैठा हुआ है उसे वह आस्था को अलग करने की कोशिश कर रहा है यह बाद उसके भी बर्दाश्त के बाहर थी दोनों खामोश है वह धीरे-धीरे आस्था के बालों को सहला रहा था और आस्था उसके ही दिल की धड़कन सुनने में बिजी हो गई थी आकाश ने उन्हें आवाज दी ऑफिस से कुछ दूरी पर उन्हें अपनी अपनी कार में बैठना था और आकाश ने कार को रोक रखा था एकांश ने उसके माथे पर अपने होंठ रख दिए और अपनी कार में जाकर बैठ गया

आस्था भी रिलैक्स होकर बैठ गई एकांश की कार पहले तो 10 मिनट की देरी से आस्था तक की कार ऑफिस में दाखिल हुई सिमपोसी इसमें शेयर होल्डर और जैन मार्क की सीईओ होने की वजह से एकांश और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर खुद आस्था के वेलकम के लिए हाजिर हुए थे

सब बस यही रिएक्शन थी आस्था को देखकर उसकी खूबसूरती और इतने कम उम्र में हासिल हुई हुई सक्सेस सभी उसके काफी इंप्रेस हुए थे एकांश ने उसे बुके दिया और सब ने नासमझ सबके नासमझ आस्था में उंगलियों में अपनी उंगलियों से कुछ इस तरह छुआ की आस्था सिहर उठी और फिर शर्मा करो थोड़ी घबराहट के साथ अपनी नजरें चुरा ली वेलकम में आस्था किसने कहा और उस पर आस्था ने उसे स्माइल दी वह सभी कॉन्फ्रेंस रूम में आ गए मैं आपको सभी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स करवा देता हूं

मिस्टर शाह जो वहां के मैनेजर थे उन्होंने कहा वेट सर सबके इंट्रोडक्शन करते हुए हमने अपना टाइम वेस्ट करने की आदत नहीं है और वैसे भी हमें आप सब के नाम से नहीं बल्कि काम से मतलब है जो सीधा उसी के बारे में बात करते हैं आस्था ने कहा और एकांश की तरफ देखने लग गई मिस्टर सूर्यवंशी हमें पहले अगले 10 मिनट में हमारे लिए एक टेबल और इस प्रोजेक्ट की फाइल और जॉन के लिए हिंदी ट्रांसलेटर चाहिए प्लस अगले 1 घंटे में प्रोजेक्ट रिलेटेड सभी स्टाफ विद प्रेजेंटेशन मीटिंग रूम में हाजिर होना चाहिए

कल तक मेरा स्टाफ यहां आ जाएगा तो मैं क्या और उनके काम करने की जगह आपके स्टाफ के साथ ही हो वह जितना जल्दी एक दूसरे के साथ कॉल ऑपरेट करेंगे उतना ही हमारा प्रोजेक्ट सक्सेसफुल होगा आस्था पूरी तरह इस तरह से अपने प्रोफेशनल लुक में आ गई थी कि एकांश को उस पर बहुत ज्यादा ही प्राउड फील हो रहा था

उसने दिल ही दिल में आस्था की प्रोफेशन लिस्ट को दांत दी और उसकी सारी डिमांड पूरी की बाकी सब भी आस्था के से इंप्रेस हो चुके थे आस्था की सक्सेस के पीछे का राज उन सभी एक्सपीरियंस पर्सन को समझा समझा चुका था आस्था आप अपने काम के प्रति काफी संख्या है तभी तो आपने इतनी कम उम्र में भी इतनी तरक्की की है आपने आपको पता है ना आपको देखकर हमें हमारे कुंवर जी के पुराने दिन याद आ गए

वह भी आप ही की तरह डेडीकेट और फैशनेबल थे अपने काम के लिए मिस्टर कल्याण जो बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में से एक थे और काफी एजेंट भी थे उन्होंने कहा यकीनन हम हमारे काम के प्रति डेडिकेटेड है लेकिन मिस्टर सूर्यवंशी की बराबरी हम कभी नहीं कर सकते वह सबसे अलग है और काबिल है एंड एम ग्लैंड कि हमें उनके साथ काम करने का मौका मिल रहा है

आस्था ख्वाब में ही अपने कुंवर जी की बराबरी नहीं करना चाहती थी उसकी बातें उसकी बातों में अपने कुंवर जी के लिए अभिमान साफ साफ झलक रहा था आस्था ने अगले 1 घंटे में सभी प्रोजेक्ट फाइल स्टडी कर ली स्टाफ का प्रजेंटेशन देखकर उसने कहा और कैसे-कैसे चाहिए यह सब काम में रहने वाला एक काम में ध्यान नहीं था जो आज तक कोई नहीं जा रहा था

उसके काम करने के अंदाज से वह बेहद ज्यादा खुश हुआ लंच ब्रेक में एकांश अपने केबिन में चला में चला गया उस 70 मंजिला बिल्डिंग में एकांश का कैब इन सबसे ऊपर वाले फ्लोर पर था एक्सेल में उस बिल्डिंग में 71 फ्लोर थे सबसे ऊपर वाले फ्लोर पर एकांश का पेट हाउस का जो शिवाय अजय और आकाश के किसी को भी मालूम नहीं था एकांश वहां आ गया था और उसने आस्था को भी वहां बुला लिया था

वाह कुंवर जी सो ब्यूटीफुल आस्था नेउस्मार्ट दुलार और एडवांस घर को देख कर कहा अपने आपने हमें बताया क्यों नहीं इसके बारे में आस्था के आगे की बातें उसके गले में ही रह गए एकांश ने उसे दीवार से निकालकर टीका कर पिन कर लिया था और अपने होंठ उसके गले पर रख दिए आस्था इस तरह अचानक हुए हमले से सिहर उठी उसकी पीठ की हड्डी स्ट्रेट हो गई और पूरे बदन पर गुस बम्पस आ गए ना जानें कितनी बिजलियाँ उसके अंदर से गुजर रही थी

एकांश की छूवन कुछ अलग ही थी थोड़ी सी घबराहट थोड़ी सी एक्साइटमेंट और बेइंतहा शर्म आस्था महसूस कर पा रही थी एकांश उसे इतना इंप्रेस हो चुका था कि उसके पास लफ्ज़ ही नहीं थे आस्था की तारीफ करने के लिए वह अपना सारा कंट्रोल खो चुका था

उसे बस आस्था ही दिखाई दे रहे थे उसके किस करने की स्पीड इतनी थी कि आस्था से वह हैंडल ही नहीं हो पा रहा था उसने पूरी तरह से अपने आप को एकांश के हवाले कर दिया थ था और खामोश सी एकांश दे रहे मीठे अहसास को महसूस करने लग गई

दोनों उस एहसास में बुरी तरह से खो चुके थे एकांश ने कब अपना और उसका शर्ट बदन से अलग कर दिया उसे समझ ही नहीं आया आस्था कि वह गोरी काया और मुलायम कंधा उससे और बेकाबू कर रहा था अब वह किस के साथ साथ उस छोटे-छोटे लव बाइट आस्था के गले पर कंधे पर देने लगा उसके हाथ आस्था के बदन पर बेलगाम घूमने जा रहे थे

आस्था बेचैनी से अपने नाखून उसकी पीठ पर भी चुप हो रही थी एकांश में आस्था के होंठों को अपने होंठों में कैद कर लिया और बहुत हार्ड किस करने लगा उसे सिवाय आस्था के और कुछ सूझ ही नहीं रहा था वह पूरी तरह से आस्था में खो ही गया था

आस्था को अब अपनी सांसे कम महसूस होने लगी उसने एकांश को दूर किया और सर दीवार से टिका कर लंबी लंबी सांसे लेने लग गई एकांश उसे ही देख रहा था बिना पलकें झपकाए आस्था को दूर करने उसका बिल्कुल भी इरादा नहीं था उसने अपना सिर आस्था के कंधे पर रख दिया और उसे टीका कर खड़ा हो गया कुवर जी आस्था शर्मा कर उसे नाजुक से आवाज में पुकारा एकांश में भी उतनी ही धीमी आवाज में जवाब दिया उसने अपने सर को वैसे ही उसके कंधे पर रख दिया आस्था से कुछ बोला ही नहीं गया दोनों के बीच खामोशी छा गई

अगर कोई आवाज हो रही थी तो वह आवाज थी आस्था के तेज सांसो की एकांश ने अपने होंठ उसके कॉलर बोन पर रख दिए थे अब वह धीरे धीरे आस्था को वहां किस करने लग गया आखिर में हल्का सा लव बाइट देकर उसे दूर हो गया था अपनी आंखें बंद करके खड़ी हुई थी उसकी सांसे अभी तक काफी तेज चल रही थी

एकांश ने आस्था का शर्ट उठाया और उसे पहना दिया कुंवरजी आस्था शर्मा कर उसकी बाहों में छुप गई सॉरी आई लॉस्ट माय कंट्रोल्स ने कहा जिस पर आस्था कुछ बोलने को हुई लेकिन उससे पहले ही एकांश ने आस्था कान से फिर से बोल पड़ा लेकिन फिर भी हम हर बार ऐसी गुस्ताखी करना चाहेंगे

फिलहाल के लिए इतनी काफी है एकांश ने नशीली आवाज में कहां और आस्था को फ्लाइंग किस देकर कमरे में चला गया था ने हंसकर फरमाते हुए अपना चेहरा ढक लिया

तो आप लोगों से है कि मैं कल से 2 दिन हो गए मैं एपिसोड नहीं डाल रही हूं कि 2 दिन से मेरी तबीयत बहुत ज्यादा खराब है इसलिए मैं एपिसोड नहीं डाल रही हूं इसीलिए आज मै कोशिश करूंगी कि एक और एपिसोड तो डाल सकूं