Saat fere Hum tere - 97 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | सात फेरे हम तेरे - भाग 97

Featured Books
  • નિતુ - પ્રકરણ 52

    નિતુ : ૫૨ (ધ ગેમ ઇજ ઓન)નિતુ અને કરુણા બંને મળેલા છે કે નહિ એ...

  • ભીતરમન - 57

    પૂજાની વાત સાંભળીને ત્યાં ઉપસ્થિત બધા જ લોકોએ તાળીઓના ગગડાટથ...

  • વિશ્વની ઉત્તમ પ્રેતકથાઓ

    બ્રિટનના એક ગ્રાઉન્ડમાં પ્રતિવર્ષ મૃત સૈનિકો પ્રેત રૂપે પ્રક...

  • ઈર્ષા

    ईर्ष्यी   घृणि  न  संतुष्टः  क्रोधिनो  नित्यशङ्कितः  | परभाग...

  • સિટાડેલ : હની બની

    સિટાડેલ : હની બની- રાકેશ ઠક્કર         નિર્દેશક રાજ એન્ડ ડિક...

Categories
Share

सात फेरे हम तेरे - भाग 97

फिर दोनों एक दूसरे से लिपट कर प्यार करने लगे नैना को तो प्यार की चाहत वर्षों से थी वो इस आग में जल रही थी।
और फिर एकाएक विक्की ने नैना को छोड़ दिया और फिर बोला ओह शायद मैं अपनी सीमा भुल चुका था।
नैना ने कहा पर विक्की मैंने तो कुछ भी नहीं कहा।
विक्की ने कहा नहीं अब तुम सोने जाओ रात काफी हो चुकी है।
नैना रोते हुए वहां से सीधे अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर दिया और रोने लगी।
समझता क्या है खुद को।
फिर नैना सो जाती है और विक्की सारी रात वहीं बिता देता है।
दूसरे दिन सुबह नैना जल्दी तैयार हो जाती है और फिर दादी मां और दादाजी के पैर छुती है और जाने की इजाजत मांगती है।
दादी मां ने कहा फिर कब आओगी?
नैना ने कहा हां ज़रूर आऊंगी एक बार एक्जाम हो जाएं।
कुछ देर बाद विक्की भी आ गया और फिर बोला चलो मैं तुम्हें छोड़ देता हूं।
नैना ने कहा उसकी कोई जरूरत नहीं है वो गाड़ी आ रही है मैं चली जाऊंगी।
विक्की ने धीरे से बोला कल के लिए माफी चाहता हूं।
नैना ने कहा पर मैं तो माफ नहीं करूंगी।
फिर विक्की का फोन आ जाता है तो वो बात करने लगता है।
नैना ने कहा दादी मां वो खीर ।
दादी मां ने कहा हां ठीक है दोपहर में सबको देती हुं।
नैना ने गले से लगा लिया दादी मां को।
फिर नैना की गाड़ी भी आ गई जो उसने बुक किया था।
फिर नैना अपने लगेज लेकर बाहर निकल गई।
फिर नैना गाड़ी में बैठ कर निकल गई।
कुछ देर बाद विक्की आया और देखा कि नैना जा चुकी थी।
दादी मां ने कहा हां तुम फोन पर बात कर रहे थे।
विक्की ने कहा हां तो उसे रुकना चाहिए था।
दादी मां ने कहा चलो अब नाश्ता करने चले।
फिर तीनों मिलकर नाश्ता किया। विक्की को रह रह कर उसे ये एहसास हुआ कि वो कितना अधुरा है। और फिर बोला देखा दादी नैना जाते समय कुछ बोली भी नहीं।

दादी मां ने कहा हां देखा तो।
विक्की ने कहा अच्छा मै चलता हूं दोपहर तक आऊंगा।
दादी मां ने कहा हां ठीक है।
फिर दादी मां ने दादा जी को बताया कि कल नैना ने विक्की के लिए प्यार वाली खीर बनाई है जो हम सब मिलकर दोपहर में खाएंगे।
दादाजी ने कहा पर विक्की तो लक्ष्मी के हाथों से बनी हुई खीर खाता था और उसके जाने के बाद फिर कितने सालों तक नहीं खाया।
दादी मां ने कहा अरे ये प्यार वाली खीर है कैसे नहीं खाएगा हां।।
दादाजी ने कहा हां ठीक है।
फिर नैना अपने होस्टल पहुंच गई उसे यह रह रह कर लक्ष्मी मां की बात और फिर विक्की को भी याद करते हुए वो भी सो गई।

उधर दोपहर के भोजन के समय विक्की घर आया तो सब खाना खाने बैठ गए थे।
दादी मां ने कहा आओ बेटा।
विक्की ने कहा हां मैं अभी फे्श हो कर आता हूं।
फिर विक्की ऊपर चला गया।
और फिर उसे नैना का फोन आया और फिर विक्की ने फोन उठाया और फिर बोला अरे क्या हुआ।
नैना ने कहा मुझे क्या होगा। होगा तो तुम्हें।
विक्की ने कहा हां पर क्या?.
नैना ने कहा हां मैं नहीं बता सकती हुं तुम फोन करके बताओगे।
विक्की ने कहा ऐसा क्या है जो मुझे फोन करके बताना होगा।
नैना हंसने लगी और फिर फोन काट दिया।
विक्की ने कहा है फोन काट दिया।।
फिर विक्रम सिंह शेखावत खाना खाने नीचे गया।
दादी मां ने प्लेट पर खाना परोसा और फिर बोली खा लो।
विक्की, दादाजी और दादीजी सब खाना खाने लगे।
उसके बाद रामदीन ने खींर को बाउल में निकाल कर सबको दिया।
विक्की खीर देखते ही बोला किसने बनाई ये खीर। दादी आपको तो पता है मेरी मां के जाने के बाद मैं आज तक खीर नहीं खाया।
दादी मां ने खीर खाते हुए कहा कि ये प्यार वाली खीर है जिसे नैना ने बनाया है।
ये सुनकर विक्की बहुत खुश हो जाता है और खीर की कटोरी उठा कर खीर खाने लगता है।
विक्की ने कहा वाह क्या खुशबू है खीर तो बिल्कुल मेरी मां जैसी बनाई है।
दादी मां ने कहा मैं ना कहती थी विक्की के दादा जी।।
दादाजी ने हंसते हुए कहा ये तो प्यार वाली खीर है इसे तो विक्की जरूर खाता।
विक्की ने कहा काका मुझे और खीर दिजीए।
दादी मां रोने लगी और फिर बोली मैं तो सब कुछ ठीक करना चाहती थी।

फिर विक्की ने कहा मुझे रात को डिनर में भी चाहिए ये खीर।।

दादी मां ने कहा हां अगर रोज खीर खाना है तो उसे ले कर आ।
विक्की ने कहा हां समय आने पर वो ही आएगी।

नैना को होस्टल में अच्छा नहीं लग रहा था क्योंकि उसकी सहेली रिचा भी बाहर गई थी।
कुछ देर बाद ही विक्रम सिंह शेखावत का फोन आया।
नैना ने कहा अरे फौजी सहाब का फोन आया।
विक्की ने कहा हां प्यार वाली खीर कैसे बनाया। बिल्कुल मेरी मां की तरह। बहुत सालों के बाद ही इतनी अच्छी खीर खाने को मिला।
नैना ने कहा थैंक यू विक्की अगर मुझे पहले पता होता तो पहले बना लेती।
विक्की ने कहा कि एक दिन रूक जाती।
नैना ने कहा अरे ना बाबा कैसे रुकती।
मुझे डर था कि तुम भी गुस्सा करोगे।
विक्की ने कहा अरे बाबा डरती हो मुझसे।
कल रात की याद आ रही थी कब वो दिन रोज़ रोज़ आएगा कब तुम मेरी बाहों में आओगी।
नैना ने कहा हां पता है जब मैं कानपुर में थी तो तुम क्या मुझे याद करते थे?
विक्की ने कहा नहीं नहीं ऐसा नहीं होता था। याद उसको किया जाता है जिन्हें हम भुला देते हैं तुम तो सपनों में आती थी।
नैना ने कहा अच्छा बहाना है।
विक्की ने कहा तुम याद करती हो।
नैना ने कहा दूर है तो क्या खयालों में तेरा।


दूर तो हैं क्या ख्यालो मैं तेरा
हम तो करेंगे दीदार
ज़िंदगी कम हैं पर जब तक दम हैं
तेरा करेंगे इंज़ार
इंज़ार हम करेंगे
तुझे प्यार हम करेंगे
इंज़ार हम करेंगे
तुझे प्यार हम करेंगे
ज़िंदगी कम हैं पर जब तक दम हैं
तेरा करेंगे इंज़ार

होठो की कलिया का रंग उड़ जाये
उससे पहले आना
योवन का चंदन उड़ जाये
उससे पहले आना
होठो की कलिया का रंग उड़ जाये
उससे पहले आना

योवन का चंदन उड़ जाये
उससे पहले आना
दूर हैं तो क्या ख्यालो


योवन का चंदन उड़ जाये
उससे पहले आना
दूर हैं तो क्या ख्यालो मैं तेरा
हम तो करेंगे दीदार
ज़िंदगी कम हैं पर जब तक दम हैतेरा करेंगे इंज़ार
इंज़ार हम करेंगे
तुझे प्यार हम करेंगे

जिन रहो से तू लूट के आयेगा
पलके बिचौ वाहा पर
में उसी पे मोड पे खड़ी मिलूँगी
छोड़ गया तू जहा पर
जिन रहो से तू लूट के आयेगा
पलके बिचौ वाहा पर
मैं उसी पे मोड पे खड़ी मिलूँगी
छोड़ गया तू जहा पर

दूर हैं तो क्या ख्यालो मैं तेरा
हम तो करेंगे दीदार
ज़िंदगी कम हैं पर जब तक दम हैं
तेरा करेंगे इंज़ार
इंज़ार हम करेंगे
तुझे प्यार हम करेंगे
इंज़ार हम करेंगे
तुझे प्यार हम करेंगे
ज़िंदगी कम हैं पर जब तक दम हैं
तेरा करेंगे इंतज़ार।।
विक्की को पुरा गाना सुना दिया और फिर विक्की सो गया।
नैना ने कहा ओह सो गए क्या।
फिर नैना ने फोन कट कर दिया और फिर नहाने चली गई।


दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो कर नैना कालेज के लिए निकल गई।
पहले वो लाईब्रेरी गई।
वहां पर बैठ कर उसने कुछ देर तक पढ़ाई किया और फिर वहां से लेक्चर सुनने चली गई।

वापस होस्टल आते समय विक्की का विडियो कालिंग आ गया उसने माया दी और बुई को और अतुल बिमल को भी लिया था।
नैना सबको देख कर रो पड़ी और फिर सबसे बात करने लगी थी।

माया ने कहा अरे नैना हम लोग दो महीने बाद आ रहे हैं और फिर खुब मजा करेंगे।
नैना ने कहा हां माया दी आप लोग आ जाओ।
उससे पहले मेरे एग्जाम हो जाएंगे।

फिर उसके बाद सबने फोन रख दिया।
विक्की ने फोन किया पर नैना ने नहीं उठाया तो विक्की ने फिर से फोन किया अब की बार काॅस कनेक्शन लग गया।

विक्की ने कहा अरे फोन क्यों नहीं उठा रही थी।
उधर से आवाज आई कौन है आप।
विक्की को गुस्सा आया कि ये कौन आया नैना के घर?

विक्की ने कहा नैना को दो फोन?
वो शक्श बोला नहीं देता क्या करोगे?
विक्की को बहुत गुस्सा आया और फिर बोला अरे आप कौन हो? नैना को फोन दो।
वो शक्श बोला नहीं देता जाओ।
अब विक्की ने गुस्से में फोन पटक दिया।

विक्की को पता नहीं चल पाया कि काॅस कनेक्शन है।
विक्की ने सोचा कि अब ये कौन आया नैना के रूम में?
विक्की बहुत ही अपसेट हो गया और उसे किसी भी चीज में मन नहीं लग रहा था।
रात को खाना भी नहीं खाया और सो गया।
दादी मां ने कहा पता नहीं क्या हुआ होगा कुछ खाया नहीं ‌।।
फिर नैना खाना खाने के बाद सो गई और फिर कल सुबह तैयार होकर जैसे ही कालेज के लिए निकल गई तो रास्ते में देखा कि विक्रम सिंह शेखावत अपने युनिफोर्म में खड़े थे और साथ में उनकी कार भी।
नैना ने देखते ही शेल्यूट किया और कहा अरे बाबा सर आप।
विक्की ने कहा मजाक मत करो गाड़ी में बैठ जाओ मैं कालेज छोड़ देता हूं।
नैना बैठ गई और फिर बोली अरे आप आज इधर कैसे?
विक्की ने कहा हां कुछ जरूरी बातें करने के लिए आया था।
नैना ने कहा हां अब बता दिजिए।
कितने को बेहोश करते हुए आएं हो।नजर ना लगे कहते हुए नैना ने अपने आंखों के काजल से एक टीका लेकर विक्की के कान के पीछे लगा दिया और फिर विक्की को वो एहसास हुआ जब बचपन में मां ऐसा ही करती थी और फिर आज नैना ने।
और फिर विक्की ने नैना को गले से लगाया और रोने लगा।
नैना ने कहा अरे बाबा क्या हुआ रो क्यों रहे हो?
विक्की ने कहा साॅरी मैं बस मां को याद कर रहा था।
पता है नैना बचपन में मां तो ये करती थी जो आज तुमने किया है।
नैना ने कहा हां मैं जानती हूं कि मां मां होती है कोई भी जगह नहीं ले सकती है।
पर ठीक है कुछ कहना चाहते थे कि।
विक्की ने कहा हां कल रात मैंने फोन किया था पर कोई लड़का फोन उठाया था।
नैना ने कहा हां क्या।। नैना ने सोचा थोड़ा परेशान करती हुं।
विक्की ने कहा क्या हुआ कुछ सोच रही हो।
नैना ने कहा हां मैं समझ गई वो‌ है एक बहुत ही परेशान करता है पर मैं तो उसको टाइम पास करती हुं।
विक्की ने कहा परदेस में किसी पर भरोसा मत करो।
नैना ने कहा ओह तो तुम आज इसलिए आएं यहां।
विक्की ने कहा हां रात भर सो नहीं पाया और फिर तुम तो।
नैना ने बड़ी आंखें करते हुए कहा क्या हुआ।
विक्की ने कहा देखो मैं अब तुम्हें अपने साथ ले जाऊंगा।


नैना ने कहा ना जी ना मुझे शादी से पहले नहीं जाना है और मैंने तो मजाक किया था यार।
वो शायद कोई ग़लत कनेक्शन लग गया था।
विक्की ने कहा हां तुम्हें कैसे पता चला।
नैना ने कहा मेरा कालेज आ गया।अब हम एग्जाम के बाद मिलेंगे।

क्रमशः