Saat fere Hum tere - 80 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | सात फेरे हम तेरे - भाग 80

Featured Books
  • નિતુ - પ્રકરણ 52

    નિતુ : ૫૨ (ધ ગેમ ઇજ ઓન)નિતુ અને કરુણા બંને મળેલા છે કે નહિ એ...

  • ભીતરમન - 57

    પૂજાની વાત સાંભળીને ત્યાં ઉપસ્થિત બધા જ લોકોએ તાળીઓના ગગડાટથ...

  • વિશ્વની ઉત્તમ પ્રેતકથાઓ

    બ્રિટનના એક ગ્રાઉન્ડમાં પ્રતિવર્ષ મૃત સૈનિકો પ્રેત રૂપે પ્રક...

  • ઈર્ષા

    ईर्ष्यी   घृणि  न  संतुष्टः  क्रोधिनो  नित्यशङ्कितः  | परभाग...

  • સિટાડેલ : હની બની

    સિટાડેલ : હની બની- રાકેશ ઠક્કર         નિર્દેશક રાજ એન્ડ ડિક...

Categories
Share

सात फेरे हम तेरे - भाग 80

आज फिर तुम पर प्यार आया है बेहद और बेहिसाब आया है। ये गाना नैना सुन रही है और फिर एकाएक याद आया कि आज तो माया दी सिंगापुर जा रही है।
गाना खत्म होने के बाद ही नैना ने माया को फोन किया।
माया ने कहा हां नैना बोल।
नैना ने कहा पैकिंग हो गई।। माया ने कहा हां
बस सागर ने ही किया। और हां हम रात को निकल जाएंगे। चलो रखती हुं।
माया की सारी पैकिंग भी हो गई थी।
सब डिनर जल्दी ही कर लिया।
अमन, चाचाजी, सपना एयरपोर्ट जा रहे थे।
दादी मां के पैर छुए और फिर बाकी सभी के पैर छुए माया ने। और फिर बोली अगर पुरा परिवार चलते तो क्या बात थी।
दादी मां ने कहा हां ठीक है पर अभी तुम लोग जाओ।
फिर सब निकल गए।
विक्की का फोन आया सागर ने सब कुछ बताया।
विक्की ने कहा हां हैप्पी जर्नी।।
कुछ देर बाद एयरपोर्ट पहुंचे और फिर सपना,अमन, चाचा जी वहां से वापस निकल गए।
सागर और माया अन्दर पहुंच गए सारी फारमालिटज करने के बाद सिंगापुर की फ्लाइट में बैठ गए।
दोनों ही सपनों की दुनिया में खो गए।
कब सिंगापुर पहुंचे पता भी नहीं चला।
माया ने कहा वाह सपना देख रही हूं या हकीकत है।
फिर वहां से होटल पहुंच गए।
दोनों किसी तरह कुछ खा कर सो गए।
सुबह सुबह सिंगापुर का नजारा देखने लायक था।
माया ने कहा वाह क्या बात है मजा आ गया। फिर दोनों फेश् होकर कर नाश्ता करने नीचे पहुंच गए।

वहीं से बस निकलने वाली थी।
माया ने कहा हम बस में चले।
सागर ने कहा हां जैसा तुम कहो?
फिर बस में दोनों एक-दूसरे के साथ बैठ गए।
कुछ देर बाद एक एक बुक सबको मिला ।वो बुक में पुरा सिंगापुर के बारे में जानकारी दी गई थी।
माया ने बुक पढ़ना शुरू किया।

सिंगापुर यानी सिंहों का पुर। यानी इसे सिंहों का शहर कहा जाता है। यहाँ पर कई धर्मों में विश्वास रखने वाले, विभिन्न देशों की संस्कृति, इतिहास तथा भाषा के लोग एकजुट होकर रहते हैं। मुख्य रूप से यहाँ चीनी तथा अँग्रेजी दोनों भाषाएँ प्रचलित हैं। आकार में मुंबई से थोड़े छोटे इस देश में बसने वाली करीब 35 लाख की आबादी में चीनी, मलय व 8 प्रतिशत भारतीय लोग रहते हैं। सिंगापुर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में यहाँ के तीन संग्रहालय, जूरोंग बर्ड पार्क, रेप्टाइल पार्क, जूलॉजिकल गार्डन, साइंस सेंटर सेंटोसा द्वीप, पार्लियामेंट हाउस, हिन्दू, चीनी व बौद्ध मंदिर तथा चीनी व जापानी बाग देखने लायक हैं। सिंगापुर म्यूजियम में सिंगापुर की आजादी की कहानी आकर्षक थ्री-डी वीडियो शो द्वारा बताई जाती है। इस आजादी की लड़ाई में भारतीयों का भी महत्वपूर्ण योगदान था।
कल्चर म्यूजियम में विभिन्न जातियों के त्योहारों को प्रदर्शित किया गया है, जिनमें दशहरा, दीपावली व इनका महत्व बताया गया है। 600 प्रजातियों व 8000 से ज्यादापक्षियों के संग्रह के साथ जुरोंग बर्ड पार्क एशिया-प्रशांत क्षेत्र का सबसे बड़ा पक्षी पार्क है। दक्षिणी ध्रुव का कृत्रिम वातावरण बनाकर यहाँ पेंग्विन पक्षी रखे गए हैं। 30 मीटर ऊँचा मानव निर्मित जलप्रपात व ऑल स्टार बर्ड शो जिसमें पक्षी टेलीफोन पर बात करते हैं, अन्य प्रमुख आकर्षण हैं।

सबसे पहले हम रेप्टाइल्स पार्क पहुंचे।
माया ने बुक बैग में रख दिया और फिर सागर का हाथ पकड़ कर चलते लगी। काफी फोटो खींच लिया।

रेप्टाइल पार्क में 10 फुट लंबे जिंदा मगरमच्छ के मुँह में प्रशिक्षक द्वारा अपना मुँह डालना व कोबरा साँप का चुंबन लेना रोमांचकारी है। जूलॉजिकल गार्डन में एनिमल फीडिंग शो सी. लायन डांस शो आदि दर्शकों का मन मोह लेते हैं।अगर आप भी विदेश भ्रमण करना चाहते हैं तो सिंगापुर द्वीप को चुनना आपके लिए फायदेमंद रहेगा, क्योंकि यहां पर कई धर्मों में विश्वास रखने वाले, विभिन्न देशों की संस्कृति, इतिहास तथा भाषा के लोग एकजुट होकर रहते हैं।
वहां पर एक गाइड भी था जो जानकारी दे रहा था।

सिंगापुर दक्षिण एशिया में मलेशिया तथा इंडोनेशिया के बीच में स्थित है। वैसे तो सिंगापुर को सिंहों का पुर माना जाता है यानी इसे सिंहों का शहर भी कहा जाता है। इस शहर को प्रकृति का वरदान प्राप्त है। यहां मुख्य रूप से चाइनीज और अंग्रेजी भाषा प्रचलित हैं। यहां कई मनोरंजक स्थल हैं, साथ ही यह आधुनिक तकनीक तथा सर्वसुविधा युक्त संपन्न शहर है।

सैर-सपाटे की दृष्‍टि से कई प्रकार के मनोरंजक स्थल मौजूद हैं, जो पर्यटकों का मन लुभाते हैं। विश्व के सबसे प्रमुख बंदरगाहों में से एक सिंगापुर है तथा यह प्रमुख व्यापारिक केंद्र भी है। यहां का हवाई अड्डा आधुनिक तकनीक तथा सर्वसुविधा संपन्न है। यहां के कई मनमोहक दृश्य देखने के बाद आंखों के सामने उन नजरों को हटाना मुश्किल सा लगता है।

सिंगापुर का रुख करने के बाद अगर आप वहां भारत देखना चाहते हैं तो एक स्थान ऐसा भी है, जहां पर भारतीय खान-पान और सार‍ी अन्य वस्तुएं आसानी से मिल जाती है। दक्षिण भारतीय उडलैंड होटल के पास आप कई तरह की चीजें देख सकते हैं। इसके साथ ही यहां अनेक तरह की भारतीय पोशाकें भी आसानी से प्राप्त जाती है। सिंगापुर के बड़े-बड़े बहुमंजिला मॉल्स में भी आपको हर तरह का भारतीय सामान देखने को मिल सकता हैं।
:

एक किंवदंती के अनुसार चौदहवीं शताब्दी में सुमात्रा द्वीप का एक हिंदू राजकुमार जब शिकार हेतु सिंगापुर द्वीप गया, तो वहां के जंगलों में सिंहों को देखकर उसने उक्त द्वीप का नामकरण सिंगापुरा अर्थात् सिंहों का द्वीप कर दिया था।
सिंगापुर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में यहां के तीन संग्रहालय, जूरोंग बर्ड पार्क, रेप्टाइल पार्क, जूलॉजिकल गार्डन, साइंस सेंटर सेंटोसा द्वीप, पार्लियामेंट हाउस, हिन्दू, चीनी व बौद्ध मंदिर तथा चीनी व जापानी बाग देखने लायक हैं।

यहां पर जंगल, पहाड़, झरने तथा यहां के लहलहाते पेड़-पौधों व फूलों के बीच से रेलगाड़ी गुजरती है। यह देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो हम कोई स्वप्न देख रहे हो। यहां के बॉटनिकल गार्डन में विभिन्न प्रकार के रंगबिरंगे आर्किड फूल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

सागर ने कहा कितना अच्छा बोलते हैं ये गाइड इनका सबसे बड़ा योगदान होता है हमें हर तरह की जानकारी दे रहे हैं।

यहां पर तरह-तरह के पक्षी तथा रंगबिरंगे फूल और प्रकृति के सुंदर रूप को आप देख सकते हैं। इतना ही नहीं आप बहती लहरों पर सूर्यास्त का नजारा देख सकते हैं।

गाइड ने कहा सिंगापुर के चिड़ियाघर सैलानियों के मनोरंजन के लिए उपयुक्त स्थल है। यहां कई प्रकार के वन्य जीव भी दिखाई देते हैं - जैसे, चिंपाजी, कोमोटोड्रेगन, पोलरबीयर इत्यादि।


यहां आने पर पर्यटक, क्रूज ट्रिप का आनंद उठा सकते हैं अथवा जहाजों के माध्यम से द्वीप के हर आकर्षित स्थल को देख सकते हैं। यहां का म्यूजिकल फाउंटेन भी आकर्षित किए बिना नहीं रह सकता।
हौपरविला थीम पार्क अनोखा तथा सैलानियों के मन को मोह लेने वाला है। चीन की संस्कृति को इस विशाल पार्क में प्रदर्शित किया गया है। सन्‌ 1965 में यह मलेशिया से अलग होकर नए सिंगापुर राष्ट्र का उदय हुआ।
सिंगापुर डॉलर व सेंट के सिक्कों पर आधुनिक नाम सिंगापुर व पुराना नाम सिंगापुरा आज भी अंकित रहता है।
एशिया में सिंगापुर को व्यंजनों की राजधानी मानी जाती है।

फिर सब वहां से बस में बैठ गए। माया ने फिर से वो किताब निकाल कर पढ़ने लगी।
लिखा था.........
दूसरी ओर दक्षिण-पूर्व एशिया में, निकोबार द्वीप समूह से लगभग 1500 कि.मी. दूर एक सुंदर व विकसित देश सिंगापुर पिछले कई वर्षों से पर्यटन के क्षेत्र में व व्यापार का प्रमुख केंद्र माना जाता है। यह भी माना जाता है कि आधुनिक सिंगापुर की स्थापना सन्‌ 1819 में सर स्टेमफोर्ड रेफल्स ने की थी। जिन्हें ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी के रूप में दिल्ली स्थित तत्कालीन वॉयसराय द्वारा व्यापार बढ़ाने के उद्देश्य से सिंगापुर भेजा गया था।
यहां आने पर पर्यटक, क्रूज ट्रिप का आनंद उठा सकते हैं अथवा जहाजों के माध्यम से द्वीप के हर आकर्षित स्थल को देख सकते हैं। यहां का म्यूजिकल फाउंटेन भी आकर्षित किए बिना नहीं रह सकता।
हौपरविला थीम पार्क अनोखा तथा सैलानियों के मन को मोह लेने वाला है। चीन की संस्कृति को इस विशाल पार्क में प्रदर्शित किया गया है।

सन्‌ 1965 में यह मलेशिया से अलग होकर नए सिंगापुर राष्ट्र का उदय हुआ।

सिंगापुर डॉलर व सेंट के सिक्कों पर आधुनिक नाम सिंगापुर व पुराना नाम सिंगापुरा आज भी अंकित रहता है।
एशिया में सिंगापुर को व्यंजनों की राजधानी मानी जाती है।

सर रात्रि में सिंगापुर एक क्षितिज की तरह दमकता हुआ दिखाई देता है। नव दंपति जो विदेश में अपना हनीमून मनाने चाहते हैं, ।

माया ये सुनकर एक दम शर्म से लाल हो गई। सागर हंसने लगे।
बस अब एक रेस्तरां पर जाकर रुक गई।
माया ने कहा बहुत ही भुख लगी है।
सागर ने कहा हां ठीक है मैं मंगवा लेता हूं।

फिर दोनों ने मिलकर लंच किया।
माया ने कहा अब वापस चलते हैं।
सागर ने कहा हां वो तो जाना ही होगा आज बस यहां तक।
क्रमशः