Saat fere Hum tere - 68 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | सात फेरे हम तेरे - भाग 68

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सात फेरे हम तेरे - भाग 68

फिर विक्की ने कहा आज मेरी तरफ से पार्टी।।
नैना ने कहा हां ठीक है हम एक अच्छे से रेस्तरां पर चले।।

माया ने कहा हां ठीक है पर क्या नैना को अदालत में जाना होगा।
विक्की ने कहा नहीं, नहीं ऐसा कुछ नहीं होगा।
अदालत में केस दर्ज किया नहीं जाएगा पर हां आजीवन कारावास दे दिया जाएगा।
एक बार नैना को साइन करने के लिए बुलाया जाएगा।
नैना ने कहा हां ठीक है मुझे अब कोई डर नहीं है।
फिर सब तैयार हो कर नीचे पहुंच गए।
विक्की ने गाड़ी निकाल लिया और फिर तीनों निकल गए।

रेस्तरां पहुंच कर विक्रम सिंह शेखावत ने नैना की पसंद का खाना आर्डर कर दिया।
नैना ने कहा थैंक यू विक्की अगर तुम नहीं होते तो शायद मैं इस दोहरी जिंदगी से कभी भी बाहर निकल नहीं पाती।


फिर खाना खाने के बाद सब निकल गए।
घर पहुंच कर सब सोने चले गए।
दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो कर नाश्ता करने बैठ गई।
विक्की ने कहा अब अगले हफ्ते ही हमें दिल्ली के लिए निकलना होगा।
माया ने कहा हां आज ही सागर ये सब कह रहे थे पर मुझे खुशी तब होगी जब तुम और नैना भी शादी करोगे।
विक्की ने कहा हां पर मुझे तो मिशन में जाना होगा और उसके बाद अगर वापस आया तो शादी वरना।।
नैना ने कहा वरना क्या हां? मुझे पुरा विश्वास है कि तुम जरूर आओगे और फिर हम शादी कर लेंगे।
विक्की ने कहा इरादा क्या है ।

लंदन जाकर रहोगी तो?
नैना ने कहा हां जहां तुम वहां मैं।
जहां पिया वहां मैं।

अरे गंगा तू काहे जाए परदेस
काहे जाए परदेस
छोड़के अपना देस
छोड़के अपना देस
गंगा चलि कहाँ कसम तोड़ के
हमे छोड़ के
गंगा चलि तू कहाँ कसम तोड़ के
हमे छोड़ के

पिया मेरे पिया
जहाँ पिया वहाँ मैं
मेरे पिया वहां मैं
देस छुड़ाय परदेस बुलाया
देस छुड़ाय परदेस बुलाया
संदेश ये आया मेरे नाम
जहाँ पिया वहाँ मैं
मेरे पिया वहां मैं
मैं क्या करूं मेरे राम
आम आम आम आम
जहाँ पिया वहाँ मैं
मेरे पिया वहां मैं

ऐसा लगता है कि दिल के
अंदर कुछ टूट रहा है
बाबुल के आँगन में
मेरा बचपन छूट रहा है
मैं खुश भी हूँ उदास भी

क्या करूँ मेरी राम
आम आम आम आम
जहाँ पिया वहाँ मैं
मेरे पिया वहां मैं

चांदी की कटोरी सोने का पिटारा
चांदी की कटोरी सोने का पिटारा
लगे मैया मेरी मुझको
सासू ने पुकारा
लाली काजल पाउडर बिंदिया
लाली काजल पाउडर बिंदिया
लगे मेरी मैया मुझको
सैया ने पुकारा
अनदेखा अनजाना सा
एक सपना देख रही हूँ
अपने मनन के दर्पण मई
मुख अपना देख रही हूँ
ये मैं हूँ या कोई और है
संजोग पे किसका ज़ोर है
मैं क्या करूँ मेरी राम।।

गाना खत्म होने के बाद ही माया और नैना गले लग कर रोने लगी।।

विक्की ने कहा अरे बाबा ये बहुत ही ज्यादा हो गया।

माया ने कहा मैं तो पैकिंग भी शुरू कर दिया है।
नैना ने कहा हां दीदी पहले तो आपका पैकिंग करवाना है फिर बाकी सब।


हां ठीक है चलो फिर। विक्की और नैना मिलकर माया की सारी पैकिंग करने लगते हैं।।।

नैना ने कहा दीदी आपके जाने के बाद इस घर को क्या करना है?
माया ने कहा हां मैं भी वहीं सोच रही थी कि किराये पर दे दूं।
विक्की ने कहा हां दीदी सही सोचा है मेरा एक दोस्त है आर्मी में।उसकी पोस्टिंग यहां हो रही है।

उसको आप दें देना।
माया ने कहा हां जैसा तुम ठीक समझो।

मेरी तरफ से कोई बात नहीं है। पैसे कितने लेना है वो तुम बताओ।
विक्की ने कहा हां उसको बैंक एकाउंट देना होगा फिर हर महीने आपके एकाउंट में जमा हो जाएगा।

माया ने कहा हां ठीक है फिर।

आज बहुत दिनों के बाद सब कुछ ठीक हो रहा है ये बात नैना ने कहा।
माया ने कहा देखो नैना कुछ पैसे मैं तुम्हारे एकाउंट में जमा करा दुंगी। निलेश का जो कुछ भी है उस पर तुम्हारा भी अधिकार है।

हां,पर मुझे नहीं चाहिए दीदी कुछ भी क्योंकि निलेश की आंखें ही है सदा के लिए मेरे पास।।

मुझे और कुछ भी नहीं चाहिए।
भगवान ने मुझे इतना कुछ दे दिया है और क्या चाहिए मुझे।।


विक्की ने कहा हां भगवान ने मुझे बहुत कुछ दिया है और बहुत कुछ छिना भी है।


माया ने कहा जाने दो पुरानी बातों को।
नैना ने कहा हां ठीक कहा विक्की ने मुझे अगर विक्की ने आज सही रास्ता नहीं दिखाया होता तो मैं कभी कुछ भी नहीं कर पाती।
माया ने कहा सच मानो नैना निलेश ने कभी भी कुछ नहीं बताया था मुझे वो तुमसे सच्चा प्यार करता था।
नैना ने कहा हां ठीक कहा दीदी निलेश सच में मेरे दिल में हमेशा रहेगा।

बातों बातों में सब कुछ पैकिंग हो गया था।
माया ने कहा विक्की तुम गिटार ले जाओगे?
विक्की ने कहा हां दीदी जरूर लें जाऊंगा।
नैना ने कहा हां बहुत मज़ा आएगा है ना।।


फिर सब मिलकर खाना खाने के लिए बैठ गए।
सागर का फोन आया और फिर बोला कि सारी तैयारियां शुरू हो गई है।
माया ने कहा हां यहां पर भी कल अतुल,बिमल सब आ रहा है।


सन्डे को हम लोग निकलेंगे।रात की ट्रेन है बस जल्दी से जल्दी पहुंच जाएं।
नैना ने कहा हां, हां और इन्तजार नहीं हो रहा है दीदी से है ना।।
माया ने कहा हां ठीक है जब तेरी बारी आएगी तब देखेंगे।
माया ने कहा सागर को नारियल का लड्डू ख़ाना है।
विक्की ने कहा हां और मुझे बेसन का लड्डू जो नैना बनाएगी।
नैना ने इतराते हुए कहा ना जी ना।।


माया ने कहा मुझे जाना होगा नारियल माला लाने।
विक्की ने कहा नहीं दुल्हन कही नहीं जाएगी।

ये मैं ला देता हूं। विक्की चला गया।
माया ने कहा नैना तुम भी पैकिंग कर लो।
नैना ने कहा हां सब हो गया है सिर्फ बैग में डालना है।
कुछ देर बाद ही विक्रम सिंह शेखावत नारियल लेकर आ गए।
माया ने कहा थैंक यू विक्की।
विक्की ने कहा चलो मैं मदद कर देता हूं। फिर विक्की ने सारा नारियल तोड़ दिया और फिर सब हाथ वाले मशीन से निकाल भी दिया।।

फिर उसके बाद माया जल्दी जल्दी नारियल के लड्डू बनाने लगी।


क्रमशः