Saat fere Hum tere - 62 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | सात फेरे हम तेरे - भाग 62

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सात फेरे हम तेरे - भाग 62

पार्टी बहुत ही अच्छे से हो गया था।
माया की सहेलियां अभी तक माया के साथ हंसी-मजाक कर रही थी।
नैना ने सबको आइसक्रीम दिया खाने को।
माया ने कहा आप लोग प्लीज़ रात का खाना लेकर जाओ।
कोकिला ने कहा हां ठीक है मैं अब चलती हूं रेखा खाना लेकर आएंगी।


फिर रात को खाना खाने बैठ गए।।
दोपहर का बहुत सारा भोजन बचा था।
रेखा ने सबको खाना सर्व कर दिया।
माया ने खाना पैक करके रेखा को दे दिया।
रेखा भी चली गई।


खाना खाते समय सागर का फोन आया और माया ने सब कुछ बता दिया।
सागर ने कहा अरे मेनू नहीं बताया? माया ने हंस कर कहा अरे बाबा बताती हूं।
जीरा राइस, रूमाली रोटी, दम आलू पालक,दाल मखनी, पनीर बटर मसाला, पापड़, दही, भाजी, चटनी,।।।

सागर सुनकर मुंह में पानी आ गया यार।।
माया ने कहा हां इसलिए नहीं बता रही थी।
विक्की ने कहा अरे बाबा जीजू अब आपकी बारी है।
अतुल और बिमल ने कहा हम जा रहे हैं।
माया ने कहा नहीं अब इतनी रात को नहीं जाओ।कल जाना।


अतुल ने कहा मुझे तो नींद आ रही है। बिमल ने कहा हां ठीक है जाओ सो जाओ।।
अतुल खाना खा कर सो गया।

विक्की ने कहा पापड़ और चटनी बच गया है ना।।
नैना ने कहा हां तुम ने ही कहा था ज्यादा बनाने को।
माया ने कहा कल सारे गिफ्ट्स खोलेंगे।
विक्की ने कहा ओके दी।
फिर सब जाकर सो गए।
रात को विक्की ने एक शरारत सूझी।


विक्की को किसी भी तरह नैना को परेशान करना था।
उसने अपने बैग से एक इलैक्ट्रिक कार निकाली और उसे किसी तरह ठीक करके रख दिया।
सुबह वो कार बजने लगा तो नैना सबसे पहले उठ गई और फिर इधर उधर देखने लगीं और फिर बोली पता नहीं क्या बज रहा है। नींद खराब हो गई।
फिर नैना सो गई।
जब सब उठकर तैयार हो कर चाय पीने लगे तो नैना सोती रही और इसी तरह नैना का स्कूल भी मिस हो गया।
नैना दस बजे उठीं और फिर चौंक गई कि उसका स्कूल छुट गया।

माया ने कहा क्या बात है नैना आज तुम देर तक सोती रही।
नैना ने कहा हां दीदी पता नहीं क्यों ऐसा क्या हो गया।
विक्की ने कहा चल चल बहाने मत बनाओ।।
नैना ने कहा अरे बाबा मैं तो बस।
फिर नैना अतुल को देखने विक्की के रुम में गई तो वो उस कार को देखा और फिर वो उठाया तो उसमें से वही आवाज आने लगा जो सुबह आया था।
नैना ने कहा ओह तो ये विक्की की शरारत थी अच्छा उसे बताती हूं।
माया ने नैना को आवाज लगाई और बैठक में सब जाकर बैठ गए।
माया ने कहा आओ गिफ्ट्स देखते हैं।
विक्की की नजरें नैना पर टिकी हुई थी पर नैना भी बहुत चालाक थी। उसने कहा हां दीदी चलो आज वैसे भी छुट्टी थी।
ये बोल कर नैना हंसने लगी।।हां,हां,हां।
विक्की ने कहा अच्छा कल क्यों नहीं बताया।।
नैना ने कहा अच्छा सब कुछ तुम्हें बताना है क्या।
विक्की मन में बोला सारा मेहनत बेकार गया।
नैना ने कहा कुछ कहा क्या?
विक्की ने कहा अरे नहीं।
माया एक एक करके गिफ्ट खोलने लगी। माया ने कहा हर एक एक काम की चीज मिली है।देख नैना तुझे कुछ लेना है।।
नैना ने कहा अरे नहीं दी। और शादी में मिली चीज़ें कभी नहीं देते हैं।

माया ने कहा अच्छा मेरी मां।।
विक्की ने कहा हां सबकी नानी है।
नैना ने कहा हां हुं तो।
विक्की ने कहा दीदी आज मुवी देखने चले?
माया ने कहा हां ठीक है पर मुझे कुछ देर के लिए स्कूल जाना होगा उसके बाद।
विक्की ने कहा हां ठीक है हम शाम को जाएंगे।
फिर विक्की का एक फोन कॉल आ गया और फिर वो बालकनी में चला गया।
नैना एक दम से बेचैन हो गई जैसे कोई बहुत किमती चीज बहुत दूर जा रहा हो।

फिर एक घंटे तक बात हो रही थी। नैना बार बार बालकनी में जाने की कोशिश कर रही थी पर वो।।
माया ने कहा नैना मैं स्कूल जा रही हुं।
नैना ने कहा हां ठीक है।
फिर माया के जाने के बाद नैना भी किचन का सारा काम करने लगी। दोपहर का खाना भी तैयार कर लिया उसने।
फिर वो बैठक में टहलने लगीं।पर विक्की अभी तक वापस नहीं आया था।।
काफी देर के बाद विक्रम सिंह शेखावत वापस आ गए तो देखा कि कोई भी नहीं है बैठक में।
विक्की ने कहा अरे सब कहां गए?
नैना अपने रूम से बाहर निकल आई और बोली अब क्या हुआ?
विक्की ने कहा अरे माया दी कहां गई?
नैना ने कहा अरे बाबा स्कूल गई।
विक्की ने कहा हां ठीक है और तुम क्या कर रही थी? नैना ने कहा किचन का काम।
विक्की ने कहा ओके अब आओ कुछ बातें करनी हैं।
नैना ने कहा अभी नहीं।
विक्की ने कहा अच्छा विक्रम सिंह शेखावत को आज तक किसी ने ना नहीं कहा पर आज तुमने।


नैना ने कहा हां जी किसी ने भी नहीं कहा तो उसमें मैं क्या करूं जिंदगी मज़ाक है क्या।
विक्की ने कहा नैना तुम आओगी यहां नहीं।
नैना ने कहा नहीं आऊंगी।
विक्की नैना को पकड़ने की कोशिश करते हुए दोनों नैना के रूम में पहुंच गए।
नैना हंसते हुए भाग रही थी तो विक्की भी कहां रुकने वाला था।
फिर विक्की ने नैना को पकड़ लिया और फिर उसे अपनी तरफ खींचा तो दोनों ही नैना के पलंग पर जा गिरे।
नैना ने कहा छोड़ो मुझे। छोड़ो मुझे जाने दो।
विक्की ने कहा नहीं अब तो नहीं छोडुगा।
विक्की किस करने लगा तो नैना भी गुस्से से लाल हो गई थी।
बस यही होती है तुम जैसे लड़कों की फितरत हां।
क्या समझते हो खुद को मैं क्या तुम्हारी जागीर हुं।
विक्की ने कहा हां बहुत ज्यादा बोल दिया तुमने आज के बाद छूना तो दूर बात भी नहीं करना है तुमसे।

विक्की एक दम घर से बाहर निकल गया।
नैना रोने लगी और फिर बोली हे भगवान ये कहां फंसा दिया तुमने मुझे आज मैं एक मझधार में पहुंच गई हुं। विक्की क्या चाहता है मैं उसे विश्वास क्यों नहीं कर पा रही हुं।हर समय कोई न कोई शरारत करता है मेरे साथ।
पर मैं विक्रम को नहीं खोना चाहती हुं पर ये कैसे सब कुछ ठीक होगा।
फिर नैना ने बार बार विक्की को फोन कर रही है और विक्की बार बार फोन कट कर रहा है।
नैना ने कहा प्लीज़ फोन उठा लो।
फिर विक्रम ने फोन उठाया और फिर कहा क्यों परेशान कर रही हो? नैना ने कहा घर छोड़कर क्यों गए ये तो माया दी का घर है अगर जाना होगा तो मैं चली जाऊंगी।
विक्की ने कहा हां ठीक है ज्यादा नाटक मत करो मैं आता हूं।

फिर कुछ देर बाद विक्रम आ गया।
नैना ने कहा अच्छा चलो खाना खा लो।
विक्की ने कहा नहीं मुझे नहीं खाना है।जाओ तुम।
नैना ने कहा हां ठीक है मैं जा रही हुं।
विक्की ने कहा अपने कमरे में जाओ।
सही कहा तुमने कोई हक नहीं है मेरा तुम्हें छूने का, प्यार करने का,किस करने का है ना। तुम्हें क्या लगता है कि मैं एक आवारा लड़का हुं।
जो तुम्हें धोखा देगा। निलेश ही अच्छे थे उसने तुम्हें छूआ नहीं।।
पर मैं निलेश नहीं हुं मैं एक अलग पहचान बनाई है जो कि एक आर्मी ऑफिसर की है।
तुमको लगता है कि मैं तुम्हारे पीछे पड़ा हुआ हुं।
नैना ने कहा कि ऐसा कब कहा मैंने।
नैना ने कहा कि वह तुम मुझे परेशान करते हो तो डर सा लगता है कि।
विक्की ने कहा कि मैं भाग जाऊंगा तुम्हें अकेला छोड़ कर।

नैना ने कहा नहीं तुम बहुत देर तक फोन पर थे तो मैं घबडा गई थी कि क्या बात हुई।।
विक्की ने कहा हां ये बात तो मैं तुमसे करना चाहता था पर तुमने क्या कहा कि तुम नहीं आ सकतीं।
नैना ने कहा हां तो मुझे डर लगता है कि तुम भी कहीं खो ना जाओ।


विक्की ने कहा जब प्यार पर विश्वास नहीं हो तो कैसा प्यार।।
नैना ने कहा हां नहीं मुझे तुम पर विश्वास क्या करूं मैं बताओं।
विक्की ने कहा कुछ नहीं करना है बस इन्तजार करो कि कब में यहां से जाऊं।
नैना ने कहा ऐसा कैसे कह सकते हो विक्की।

मैंने तुमसे सच्चा प्यार किया है।
विक्की ने कहा हां सच्चा प्यार।।
जाने दो नैना तुम अन्दर जाओ।
नैना रोते हुए अन्दर जाकर दरवाजा बंद कर दिया।
विक्की ने खुद को सम्हाल कर बैठ गया।
कैसा ये प्यार है कैसे ये प्यार है।।
कुछ देर बाद माया आ गई।
विक्की ने कहा आओ दी सब कैसा रहा।
माया ने कहा बहुत अच्छा। पता है मेरी प्रिंसिपल मैम ने एक पार्टी रखी है मेरे लिए मेरा फेयरवेल पार्टी।
विक्की ने कहा अच्छा बहुत ही अच्छा।
माया ने कहा सबको बुलाया है पता है।
विक्की ने कहा अच्छा बहुत बढ़िया।। माया ने कहा अरे नैना कहां है?
विक्की ने कहा कुछ नहीं जाने दिजिए।

माया ने कहा फिर कुछ हुआ है।
माया अन्दर की तरफ पहुंच गए और फिर बोली नैना चल खाना खाने।
नैना ने कहा मुझे नहीं खाना खाना ।
क्रमशः