Shoharat ka Ghamand - 33 in Hindi Fiction Stories by shama parveen books and stories PDF | शोहरत का घमंड - 33

Featured Books
  • My Wife is Student ? - 25

    वो दोनो जैसे ही अंडर जाते हैं.. वैसे ही हैरान हो जाते है ......

  • एग्जाम ड्यूटी - 3

    दूसरे दिन की परीक्षा: जिम्मेदारी और लापरवाही का द्वंद्वपरीक्...

  • आई कैन सी यू - 52

    अब तक कहानी में हम ने देखा के लूसी को बड़ी मुश्किल से बचाया...

  • All We Imagine As Light - Film Review

                           फिल्म रिव्यु  All We Imagine As Light...

  • दर्द दिलों के - 12

    तो हमने अभी तक देखा धनंजय और शेर सिंह अपने रुतबे को बचाने के...

Categories
Share

शोहरत का घमंड - 33

आलिया उस आदमी से बात कर रही होती है तभी उसके पापा की कॉल आती है और बोलते हैं, "क्या हुआ अभी तक घर क्यो नही आई बेटा कितनी देर हो गई है"।

तब आलिया बोलती है, "सॉरी पापा मैं अभी आ रही हूं थोड़ी देर में"।

तब वो आदमी बोलता है, "आपके पापा की कॉल है"।

तब आलिया बोलती है, "हा, पता है मेरे पापा का भी आपकी तरह ही एक्सीडेंट हो गया था और अब वो काम नही कर सकते हैं मगर फिर भी मेरी मम्मी उनके ही साथ है और उनका बड़ा ही ख्याल रखती है"।

तब वो आदमी बोलता है, "बड़े ही खुशनसीब हैं आपके पापा जो उन्हे ऐसी बीवी मिली है"।

तब आलिया बोलती है, "जी हा वो तो है, अच्छा अब मै चलती हू वरना मैं और लेट हो जाऊंगी"।

उसकेे बाद आलिया अपने घर चली जाती हैं।

उधर आर्यन और अरूण दोनो क्लब पहुंच जाते है।

आलिया भी घर पहुंच जाती हैं। घर पहुंचते ही उसके मम्मी और पापा उसे डांटते है और बोलते है, " इतना देर क्यो किया रोज तो जल्दी आ जाती थी "।

तब आलिया बोलती है, "बताती हूं बताती हूं थोडा बैठने तो दीजिए "।

तब ईशा बोलती है, "क्या हुआ बताओ कही घूम रहीं थीं क्या "।

तब आलिया बोलती है, "मुंह बन्द करो अपना मे क्यो घूमूंगी "।

तब ईशा बोलती है, "तो फिर आज इतना देर क्यो हुआ "

तब आलिया बोलती है, "दो मिनट सास तो लेने दो मेरी दादी मां "।

तब ईशा बोलती है, "अच्छा ठीक है लेलो सास आराम से "।

तब आलिया बताना शुरू करती है की उसे कोन मिला था और वो लेट क्यो हुई।

ये सुनते ही ईशा बोलती है, "बड़ा ही बुरा हुआ उस आदमी के साथ, आज कल तो अच्छी बीवी आ ही नही रही है सब बस पेसो की भूखी ही है और मां बाप की दुशमन "।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "बताओ उस औरत को अपने बच्चे पर भी तरस नही आया अरे जाती तो अपने बच्चे को भी ले जाती, अब बताओ वो बेचारा आदमी काम करे या फिर बच्चो को संभाले, और ऊपर से एक हाथ भी नहीं, बताओ हमे तो अपना गम ही सबसे ज्यादा लगता है और हम उसका ही रोना रोते रहते हैं, और इस दुनिया में तो न जाने कितने ही लोग हैं जिनके पास हमसे भी ज्यादा गम मगर फिर भी वो खुश हैं "।

तब आलिया के पापा बोलते है, "ये तो है भगवान का बड़ा ही एहसान है मेरे ऊपर की मुझे इतनी अच्छी बीवी और बेटियां दी, और मुझे इस बात का बड़ा ही दुःख रहता था की मेरा कोई बेटा नही, मगर अब जब से मैंने इस आदमी का सुना है, तो मै तो भगवान का शुक्रिया करता हूं की उसने मुझे कोई बेटा नही दिया है बल्की इतनी प्यारी प्यारी से बेटियां दी है जो की मेरा गर्व मेरी इज्जत मेरा सम्मान और मेरा सब कुछ है, ये बिलकुल ठीक बात है कि बेटियां घर की लक्ष्मी होती है "।

तभी तीनो बहने अपने पापा के गले लग जाती हैं।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "बस बस अब रहने दो इसे कुछ खाने भी दो सुबह से गई हुई अभी आई है"।

तब मीनू बोलती है, "अच्छा जी खाली इन्हे ही खाने को मिलेगा हमे नही"।

तब ईशा बोलती है, "नही हमे नही मिलेगा क्योंकि ये कमा कर आती है हम नही..............