The Author Manju Prajapat Follow Current Read प्रेम का शहेर - 1 By Manju Prajapat Hindi Short Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books ફરે તે ફરફરે - 41 "આજ ફિર જીનેકી તમન્ના હૈ ,આજ ફિર મરનેકા ઇરાદા હૈ "ખબર... ભાગવત રહસ્ય - 119 ભાગવત રહસ્ય-૧૧૯ વીરભદ્ર દક્ષના યજ્ઞ સ્થાને આવ્યો છે. મોટો... પ્રેમ થાય કે કરાય? ભાગ - 21 સગાઈ"મમ્મી હું મારા મિત્રો સાથે મોલમાં જાવ છું. તારે કંઈ લાવ... ખજાનો - 85 પોતાના ભાણેજ ઇબતિહાજના ખભે હાથ મૂકી તેને પ્રકૃતિ અને માનવ વચ... ભાગવત રહસ્ય - 118 ભાગવત રહસ્ય-૧૧૮ શિવજી સમાધિમાંથી જાગ્યા-પૂછે છે-દેવી,આજે બ... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Novel by Manju Prajapat in Hindi Short Stories Total Episodes : 2 Share प्रेम का शहेर - 1 (3) 2k 5.5k प्यार का शहर 1 हैलो, ये मेरी पहली कहानी कृपया करके समर्थन करें । दिल्ली प्यार का शहर। भारत की टॉप सिटी में से एक। कहते हैं ना कि अगर आपकी किस्मत में जो लिखा होता है वही आपको मिलता है लेकिन हमारी प्यारी श्रेया को ये बात को समझाए। श्रेया एक 22 साल की यंग, क्यूट और सुंदर लड़की जो किस्मत में बिल्कुल यकीन नहि करती हैं ।वह अपनी किस्मत खुद बनाने पर विश्वास रखती हैं । पर आज उसके साथ कुछ ऐसा होने वाला है कि जो उसकी किस्मत बदल के रख देगा। मॉर्निंग के 7 बज चुके तबी एक आवाज दरवाजा से आई मिस उठ्जाये सुबह हो गही हैं आप लेट हो जाएगी .ये थी मिस मोनिका मित्तल हाउस की सब से वफादार और पुरानी सर्वेंट और । मित्तल हाउस ये घर था श्रेया का जो नॉर्थ दिल्ली में था। श्रेया मित्तल उदय मित्तल और पाखी मित्तल की बेटी थी। और श्रेया एकलौती लड़की थी मित्तल खानदान की। वैसे श्रेया के पास पैसों की कमी नहीं है। पर वो अपनी किस्मत खुद बनाना चाहती थी इसलिए वो जॉब करती थी। इस पर उसके पापा नहीं मान रहे थे। पर बेटि की जिद के आगे क्या करते। वैसे श्रेया घर के बाहर एक आम सी लड़की की तरह ही रहना पसंद करती है। वो बाहर किसी को भी अपनी पहचान नहीं बताती हैं । वो नहीं चाहती कि कोई भी उसकी अमीरी देख कर उसे पसंद करे। श्रेया एक काबिल या होनार् लड़की है। आज उससे देर हो रही थी। वो जल्दी से नीचे उतरी और बोली मिस मोनिका। मेरा नाश्ता लगा दिया । श्रेया ने जल्दी से ब्रेकफास्ट किया और मोनिका को गाल पे किस करके जा ही रही थी कि तभी पीछे से आवाज़ आही रुको श्रेया ने पीछे देखा तो एक बनारसी सादी पहन के एक औरत आई वो औरत थी पूजा मित्तल श्रेया कि मासी या चाची पूजा ने कहा रुखो प्रसाद लेके जाओ तुम पाखी ने ना बोलते हुए कहा मेरा आज सोमवार का वार्त हैं । तबी पूजा हस्ति बोली तुम्हें अच्छा लड़का मिल जाएगा तुम इतनी खुबसुरत जो हो। अगर ऐसे वर्त रखने से अच्छा पति मिलता तो मुझे तुम्हारे चाचा थोड़ी मिलती और दोनो हसने लगे। तबी पीछे से एक आवाज आही तो क्या में अच्छा नहीं हु दोनो ने देखा ये श्रेया के चाचा अभय थे। श्रेया जाकार उनसे गले मिली और बोली नहीं चाचू आप बहुत अच्छे चाचू हो पर चाची बोल रही थी कि आप अच्छे पति नहीं हो। ये बोलते ही अभय पूजा को देखने लगा और बोला हा तो मुझे भी कोनसी अच्छी पत्नी मिली और सब हसने लगे। तबी श्रेया पूजा से कहती है। चाची मम्मी पापा कहा है। पूज कहती है। तुम्हें तो पता है, तुम्हारी मम्मी और पापा को ऑफिस से टाइम ही कहा मिलता है दोनो मॉर्निंग में जल्दी चले गए। तब भी पाखी ने घड़ी की तरफ देखा और बोली चाचा चाची आप कि वजह से किसी दिन मेरी जॉब जाएगी। पूजा बोली तुम्हें जॉब करने की जरुरत ही नहीं है। तुम्हे जो चाहिए वो हम लेक देंगे ना।श्रेया बोली चाची आपको पता है ना में ये जॉब कियू कर रही हूं मैं अपने पैरो पे खड़ी होना चाहती हूं इसका ये मतलब नही है कि आप सब मुझसे प्यार नहीं करते।आप सब तो मेरी जान हो। तभी चाची बोली अब उससे भी मिलवा दे जिसे तू सच में जान बोलती है श्रेया हस्ति हुई। वहा से बाहर आ जाती है। अपनी एक्टिवा 6जी लेकर निकल जाति है। ऑफिस की तरफ इस बात से अंजान की आज उसकी जिंदगी बदल जाएगी। जारी रहेगा... › Next Chapter प्रेम का शहेर - 2 Download Our App