Mahila Purusho me takraav kyo ? - 70 in Hindi Human Science by Captain Dharnidhar books and stories PDF | महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 70

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 70

अभय के दिमाग मे एक शक का बीज पनप चुका है , वह किसी की कही बात पर यकीन न करके खुद दामिनी की हकीकत जानने का प्रयास कर देता है । जानबूझकर अभय ने आर्मी कैन्टीन डिपो जाने का नाम लिया , ताकि वह दामिनी की उत्सुकता को जान सके । अभय का तीर सही निशाने पर लगा । दामिनी तो' खुद चाहती थी', कि वह आर्मी एरिया को देखे । उसे ऐसा मौका अभय ने खुद दे दिया ।
डिनर करके आने के बाद, अभय बिस्तर पर लेट गया, अपनी आंखे बंद करली । दामिनी ने सोचा, आज अभय का मूड शायद ऑफ है । इस लिए जल्दी ही सो गया है..वह अभय से सटकर बैठ गयी ..उसने धीरे से अभय को पुकारा.. अभय..! अभय की ओर से कोई उत्तर नही मिला । दामिनी ने उसे सोया हुआ जानकर वहां से उठी और अपने बैग को खोला ..उसमे से अपनी एक ड्रेस निकाल कर उसे ठीक करने लगी । शायद वह अगले दिन पहनने के लिए उसे अलग निकालकर रख रही थी । अभय सोया नही था बैग की चेन खुलने की आवाज से वह हल्की बंद आंखो से सब देखने लगा । फिर उसे ऐसा संदेहास्पद कुछ नजर नही आया .इस तरह से देखादेखी मे उसे कब नींद आगयी उसे पता ही नही चला ..
अगली सुबह अभय की आंख खुली ..दामिनी पहले से ही तैयार होकर बैठी थी ..अभय के उठते ही उसने फोन करके चाय के लिए बोल दिया .. अभय ने आंखों के सामने दामिनी को सजधजकर तैयार देख दामिनी से कहा ..गुड़ मोर्निंग मेडम..! क्या बात है ? आप तो ' तैयार भी हो गयी । हां अभय ! मेरी आंख आज थोड़ा जल्दी खुल गयी थी । फिर आगे दामिनी ने कहा ..आज आपका क्या प्रोग्राम है ? अभय ने कहा ..हां आज मुझे आर्मी के कैन्टीन डिपो मे जाकर आना है । दामिनी ने कहा ठीक है अभय आप हो आइए ! मै तो फिर कभी देख लूंगी आज मुझे थोड़ा काम है । अभय ने कहा ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी.. दामिनी ने कहा ..आप कब निकल रहे हो ? बस दामिनी ब्रेकफास्ट करके निकल जाऊंगा ..ठीक है मै पुलिस स्टेशन हो आऊंगी...अभय ने उसे ताड़कर देखा ..फिर कहा ..कल तो गयी ही थी ? क्या कोई काम रह गया क्या ? हां अभय कल काम नही हुआ ..अभय ने अब कुछ नही कहा ..मौन स्वीकृति दे दी ।
वेटर ने बेल बजाई ..बेल सुनकर दामिनी ने कहा लो चाय आगयी ..दामिनी ने उठकर गेट खोला ..वेटर अंदर आगया और चाय रखकर बोला ..मेडम ! रूम की सफाई करने के लिए सफाई वाले को 8:00 बजे भेज दूं .. दामिनी ने कहा ..ठीक है 7:30 बजे आप ब्रेकफास्ट दे देना ...उसके बाद सफाई करवा देना । वेटर अपनी सहमति मे सिर हिलाकर कहता है ठीक है मेडम !
अभय चाय पीने के बाद फ्रेस होकर तैयार हो गया ..ब्रेकफास्ट भी आ चुका था ..अभय और दामिनी ने ब्रेकफास्ट किया ..
ब्रेकफास्ट करने के बाद अभय जाने लगा तो ..दामिनी ने कहा ..अभय ! आप सीधे ही निकलोगे या होटल आकर जाओगे? अभय ने कहा वह तो वहां जाने के बाद ही बताऊंगा.. दामिनी ने कहा ..आप मुझे फोन कर देना ..अभय ने कहा ठीक है । अभय होटल से बाहर आजाता है वहां से एक टेक्सी करता है ..उसे अंधेरी मुम्बई चलने को कहता है ... टेक्सी मे बैठकर..अभय अपने पूर्व ससुर को फोन करता है .. कहता है ..पापा ! प्रणाम। आप अभी घर पर ही हैैं क्या ? मै अभी घर पर आरहा हूँ । उधर से ससुर ने कहा हां मै घर पर ही हूँ ..किन्तु घर पर केतकी भी है ..मै उसे वापस डॉक्टर साहब के घर भेज देता हूँ । अभय ने कहा नही नही आप उसे भी वही रहने को कह दीजिए.. उसके सामने ही बात क्लीयर होगी ।