Saat fere Hum tere - 38 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | सात फेरे हम तेरे - भाग 38

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सात फेरे हम तेरे - भाग 38


विक्की ने कहा माया दी आज हम लोग एक क़िले में जाएंगे।
माया ने कहा अरे बाबा ये भूत हुआ तो।। बिमल और अतुल दोनों ही बोल उठें अरे बाबा विक्की वाह क्या बात है भूत है क्या।।
नैना ने कहा अरे वाह बहुत ही मजा आने वाला है।

विक्की ने कहा चलो अब जल्दी निकलना होगा। वरना देर हो जायेगी।।
फिर जल्दी से तैयार हो कर नाश्ता करने के बाद बस में बैठ गए।
बस में सभी यात्रियों से निवेदन है कि हम पुराने किले में जा रहे हैं।
यमुना नदी के किनारे बसा है काफी दूर है।दो जगह पर रूकेगी।


काफी समय बाद ही हम वहां पर पहुंच गए। नैना ने कहा वाह क्या सुन्दर सा किला है। विक्की ने कहा हां नैना पर साथ साथ रहो ।।
नैना ने कहा हां मुझे डर नहीं लगता है।।
एक दो गाइड थे वहां पर और फिर वो बोलना शुरू किया।

पुराना किला नई दिल्ली में यमुना नदी के किनारे स्थित प्राचीन दीना-पनाह नगर का आंतरिक किला है। इस किले का निर्माण शेर शाह सूरी ने अपने शासन काल में 1540 से 1545 के बीच करवाया था। किले के तीन बड़े द्वार हैं तथा इसकी विशाल दीवारें हैं। इसके अंदर एक मस्जिद है जिसमें दो तलीय अष्टभुजी स्तंभ है। हिन्दू साहित्य के अनुसार यह किला इंद्रप्रस्थ के स्थल‍ पर है जो पांडवों की विशाल राजधानी होती थी। जबकि इसका निर्माण अफ़गानी शासक शेर शाह सूरी ने 1540 से 1545 के बीच कराया गया, जिसने मुगल बादशाह हुमायूँ से दिल्ली का सिंहासन छीन लिया था। ऐसा कहा जाता है कि मुगल बादशाह हुमायूँ की इस किले के एक से नीचे गिरने के कारण दुर्घटनावश मृत्यु हो गई।

इतना सुनते ही नैना एक दम से चौंक गई और फिर वो दौड़ते हुए किले के अंदर चली गई।।
विक्की भी बिमल को रूकते हुए कहा कि मैं नैना को लेकर आता हूं।
अन्दर पहुंच कर देखा तो नैना रो रही थी। विक्की नैना को पीछे से छूने की कोशिश करते हुए कहा नैना ऐसा क्यों होता है हम इंसान के हाथों में कुछ नहीं होता है जो हम चाहते हैं हमें नहीं मिल पाता है। जानती हो नैना मेरी दादी क्या कहती है वो कहती हैं कि आप जिसे प्यार करते हो उसके लिए कुछ भी कर जाओ। भले ही वो आपको न चाहे आप अपनी चाहत बरकरार रखो। क्यों कि भगवान सब कुछ देखता है और जब वो ये देखते हैं कि आप जिसे प्यार करते हो उसकी छोटी छोटी खुशियों के लिए आप कुछ भी कर सकते हो तो उसमें आपकी दुआ के साथ साथ पुरी कायनात मिल कर उसके लिए दुआ करती है और फिर एक दिन वो आपकी हो जाएगी।

नैना तुम रो मत देखो हम यहां खुशियां ढूंढने आएं हैं।
नैना तुम ठीक हो।कह कर नैना को अपने गले से लगा लेता है। नैना भी कुछ देर के लिए सब कुछ भुला कर विक्की की बाहों में अच्छा लगता है और उसका स्पर्श भी अच्छा लगता है।
फिर अचानक से नैना खुद को सम्हाल कर विक्की को धक्का दे देती है विक्की एक दरवाजा से लड़ कर गिर जाता है और उसके हाथों से खुन निकलने लगता है।
नैना दौड़ कर जाती है और विक्की को उठाती है और कहती हैं कि हीरो बने फिरते हैं पर खुद को सम्हाल नहीं पाते हैं।
विक्की हंसते हुए कहा हां जितना भी लड़ाई हुई आज तक जीत मेरी हुआ पर यहां पर तो ममला मुहब्बत का है जो एक तरफा ही है। चलो चलें।
नैना ने कहा एक मिनट अपना एक रूमाल निकाल कर विक्की के हाथों में जहां चोट लगी थी वहां पर बांधने लगी।
विक्की ने कहा अरे रहने दो इतना तो आदत है।चोट तो ऐसी जगह लगी है जो मलहम से नहीं ठीक होगी।
नैना ने कहा बहुत बोलते हो आप।ये चोट खुला छोड़ दोगे तो नासूर बन जाएगा।
विक्की ने कहा हां ऐसे ही।। हा।हां।हां।हां।
फिर दोनों वहां से वापस आ गए।

माया ने कहा अरे बाबा कितना देर कर दिया। विक्की ने कहा नैना काफी दूर चली गई थी।
चलो अब चलते हैं।वो देखो तीन दरवाजे हैं।।
गाइड आगे बोलने लगा।
पुराना किला मूलतः यमुना नदी के तट पर ही बना था परन्तु उत्तर और पश्चिम दिशाओं के ढलान से प्रतीत होता है कि नदी को जोड़ती हुई एक खाई सुरक्षा के दृष्टि से बनी थी। इस किले की चहर दीवारी लगभग 2.4 किलोमीटर लम्बी है और इसके तीन मुख्य दरवाज़े उत्तर, पश्चिम और दक्षिण में हैं। इनमे से पश्चिमी दरवाज़े का प्रयोग आजकल किले में प्रवेश के लिए किया जाता है। उत्तर की ओर का द्वार “तलाकी दरवाजा” कहलाता है। यह स्पष्ट नहीं है कि कब और क्यों इस दरवाज़े के उपयोग को प्रतिबंधित किया गया। यह किला मुग़ल, हिंदू तथा अफघानी वास्तुकला के समन्वय का एक सुंदर नमूना माना जाता है।

शेरशाह द्वारा बनवाया गया शेर मंडल जो अश्तकोनीय दो मंजिला भवन है। इसी भवन में हुमायूँ का पुस्तकालय हुआ करता था। यहीं पर एक बार पुस्तकों के बोझ को उठाये हुए जब हुमायूँ सीढियों से उतर रहा था, तभी अजान (इस्लामी प्रार्थना) की पुकार सुनाई पड़ती है, नमाज़ का समय हो चला था। हुमायूँ की आदत थी कि नमाज़ की पुकार सुनते ही, जहाँ कहीं भी होता झुक जाया करता। झुकते समय उसके पैर लंबे चोगे में कहीं फँस गये और वह संतुलन खो कर गिर पड़ा। इस दुर्घटना से हुई शारीरिक क्षति से ही 1556 के पूर्वार्ध में वह चल बसे।

नैना ने कहा देखो दीदी आज हमें कितना कुछ पता चला हम कक्षा में बच्चों को कहानी सुना सकतें हैं।
माया ने कहा हां ठीक कहा तुमने।

विक्की ने कहा बस पन्द्रह मिनट का रास्ता है। फिर सब एक साथ बस में बैठ गए।
इसके बाद हम सब लाल किले जाएंगे।

फिर सब को बहुत ही रोचक जानकारी के लिए उत्सुक हो रहें थे।
गाइड ने कहा कि अब सबको लाल किला या लाल क़िला, दिल्ली के ऐतिहासिक, क़िलेबंद, पुरानी दिल्ली के इलाके में स्थित, लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है। किले को "लाल किला", इसकी दीवारों के लाल-लाल रंग के कारण कहा जाता है। इस ऐतिहासिक किले को वर्ष २००७ में युनेस्को द्वारा एक विश्व धरोहर स्थल चयनित किया गया था। [1] भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित लाल किला (Lal Kila) देश की आन-बान शान और देश की आजादी का प्रतीक है। मुगल काल में बना यह ऐतिहासक स्मारक विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल है और भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। लाल किला के सौंदर्य, भव्यता और आर्कषण को देखने दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं और इसकी शाही बनावट और अनूठी वास्तुकला की प्रशंसा करते हैं।
सभी लोग बहुत ही उत्साहित हो कर सारी बात सुन रहे थे।
नैना ने कहा ये शाही किले की विशेषता क्या है।

गाइड ने कहा वाह मैम सवाल भी आपका शाही है
लाल क़िलायह शाही किला मुगल बादशाहों का न सिर्फ राजनीतिक केन्द्र है बल्कि यह औपचारिक केन्द्र भी हुआ करता था, जिस पर करीब 200 सालों तक मुगल वंश के शासकों का राज रहा। देश की जंग-ए-आजादी का गवाह रहा लाल किला मुगलकालीन वास्तुकला, सृजनात्मकता और सौंदर्य का अनुपम और अनूठा उदाहरण है।

1648 ईसवी में बने इस भव्य किले के अंदर एक बेहद सुंदर संग्रहालय भी बना हुआ है। करीब 250 एकड़ जमीन में फैला यह भव्य किला मुगल राजशाही और ब्रिटिशर्स के खिलाफ गहरे संघर्ष की दास्तान बयां करता हैं। वहीं भारत का राष्ट्रीय गौरव माने जाना वाला इस किले का इतिहास बेहद दिलचस्प है।

विक्की ने कहा वाह क्या बात है बहुत ही अच्छे।
माया ने देखा कि विक्की के कोहनी पर नैना का रूमाल। माया ने कहा क्या हुआ हाथ में। विक्की ने कहा वो कुछ नहीं। माया ने कहा हां प्यार का रंग दिख रहा है।

विक्की ने अपने होंठ पर अंगुली रख दिया। माया खुब हंसने लगी।

माया ने कहा अरे बाबा वापस ये सब जाएंगे या फिर क़िले में रहना है।
बिमल ने कहा अरे शादी भी नहीं हुईं मरना नहीं है।
फिर सब बस में बैठ गए। नैना माया के बगल में बैठ गई थी और फिर एक दम से सो गई।

विक्की ने कहा दीदी आज रात को डिनर में दाल चावल पापड़ दही भाजी ये सब खाएंगे।
माया ने कहा हां ठीक है तुमने बहुत ही दिनों से तला-भुना सब खा रहे है।

बिमल ने कहा मुझे अभी भुख लगी है।
माया ने कहा अरे नैना सो गई।
फिर सब होटल पहुंच गए।सब नीचे ही होटल खाना खाने बैठ गए। नैना ने कहा मुझे बहुत नींद आ रही है।

माया ने कहा हां ठीक है पहले कुछ खा लेंगे फिर सोने चले जाएंगे।
विक्की ने खाना आर्डर कर दिया। कुछ देर बाद ही गर्म गर्म खाना आ गया। चावल दाल भाजी,दही चटनी और पापड़।
सब बहुत ही मन से खाना खाने लगे।
बिमल और अतुल बोले कि एक प्लेट चावल और मंगवा दो।
विक्की ने कहा हां ठीक है फिर चावल दाल भाजी सब आ गया। नैना थोड़ा सा खा कर बैठ गई।
फिर सब खाना खाने के बाद ऊपर चलें गए।
विक्की अतुल और बिमल अपने कमरे में चलें गए। और माया और नैना भी रूम में जाकर सो गए।

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