Saat fere Hum tere - 26 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | सात फेरे हम तेरे - भाग 26

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सात फेरे हम तेरे - भाग 26

अतुल ने कहा सच यार कितने सालों के बाद हम लोग कानपुर घुमने जा रहें हैं वो भी विक्की की वजह से।सच में ये बात बिमल ने कहा।
विक्की ने कहा बस बस इतना तारीफ की आदत नहीं है यारों पहले बोलो कहां जाना है?

माया ने कहा यूपी के ऐतिहासिक शहरों में से एक कानपूर एक ऐसी जगह है, जहां जाकर आपको कुछ अलग ही देखने को मिलेगा। कानपूर शहर एक प्रमुख औद्योगिक और सांस्कृतिक केंद्र था, जिस पर कई साम्राज्यों और राजवंशों का शासन रहा है। कानपूर जितना अपने खूबसूरत मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है, उतने ही लोकप्रिय यहां की कुछ खास जगह हैं, जिन्हें देखने के लिए आपको एक बार जरूर जाना चाहिए। अगर आप यूपी भ्रमण के लिए निकलें हैं, तो हमारा मानना है कि आपको कानपूर भी घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए।

विक्की ने कहा वाह दी क्या बात कही है!
ड्राइवर ने कहा पहले मंदिर चलें।

नैना ने कहा हां, पहले मंदिर चलते हैं।
जेके मंदिर, जिसे जुग्गी लाल कम्पलापत मंदिर या श्री राधाकृष्ण मंदिर कहा जाता है,

चलो फिर कुछ देर बाद ही सब मंदिर पहुंच गए।

विक्की ने कहा वाह कितना सुन्दर है।

फिर कुछ देर बाद ही सब गाड़ी में बैठ गए।
ड्राईवर ने कहा कानपुर में सर्वोदय नगर के गोविंद नगर रोड पर स्थित है।

वहां पर सब उतर गया।।
वहां पर एक गाइड था जो सब कुछ बहुत ही अच्छे से समझा रहा था।
यह प्राचीन और आधुनिक दोनों तरह की वास्तुकला का एक सुंदर संयोजन है। 1953 में सिंघानिया परिवार की देखरेख में निर्मित, जेके मंदिर का मैनेजमेंट बड़े पैमाने पर आज भी जेके ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। हिंदू देवता राधा कृष्ण की मूर्ति मंदिर के केंद्र में पाई जाती है जो हरे-भरे हरियाली और छोटी झीलों से घिरी हुई है। मंदिर में अलग-अलग टावरों में पांच मंदिर हैं, मुख्य मंदिर भगवान राधाकृष्ण को समर्पित है, जबकि अन्य लक्ष्मीनारायण, अर्धनारीश्वर, नामदेश्वर और हनुमान की मूर्तियों से युक्त हैं।

अब आपलोगो खाना पीना कर लीजिए।।


माया ने कहा हां यहां पर एक अच्छा सा ढाबा है
चलो फिर वहां ही कुछ खा लेंगे। सभी लंच करने पहुंचे।

नैना ने कहा मुझे तो रोटी खाना।
विक्की ने कहा हां ठीक है सब अपनी पसंद का खा लेते हैं।


फिर सभी ने अच्छे से खा लिया। विक्की ने सबके लिए लस्सी मंगवाया।

माया ने कहा अरे विक्की तुमको कैसे पता कि हमें लस्सी पीना है।

विक्की ने कहा हां ठीक है।
चलिए

फिर वहां से सब गाड़ी में बैठ गए।

विमल ने कहा अब मोती झील चलें।

वहां पहुंच कर सब लोग काफी मजेदार हो
मोती झील, कानपुर के बेनझाबर इलाके में स्थित है, एक खूबसूरत झील होने के साथ-साथ एक बेहतरीन दर्शनीय स्थल भी है। आपको बता दें, इस झील का निर्माण अंग्रेजों के समय में शहर को पानी उपलब्ध कराने के लिए किया गया था। बाद में, बच्चों के लिए इसे मनोरंजक बनाने के लिए इसमें पार्क और लैंडस्केप गार्डन जोड़ा गया। यहां कई फूड स्टॉल और एक्टिविटी के लिए आप यहां बोटिंग भी कर सकते हैं। आप यहां सुबह 5 बजे से रात के 9 बजे के बीच कभी भी आ सकते हैं।


माया ने कहा अब फूल बाग चलो।


वहां पहुंच कर देखा तो एक लड़की खड़ी थी।


फूल बाग, कानपुर में एक शहरी पार्क है, जो कि एक ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। ये एक सदी से भी अधिक समय से राजनीतिक रैलियों और जनसभाओं का स्थल रहा है। इसे 19वीं शताब्दी में ब्रिटिश प्रशासन के मनोरंजन स्थल के रूप में डिजाइन और निर्मित किया गया था।
यहां से मन है कि संग्रहालय चलो।

फिर गाड़ी निकल गई।


वहां पहुंच कर सब बहुत ही खुश हो देखने लगें।

आज, यहां के प्रमुख स्थलों में से एक कानपुर संग्रहालय भी है, जिसे शहर का सबसे बड़ा संग्रहालय, फूल बाग में स्थित है। कानपुर संग्रहालय औपनिवेशिक काल से लेकर आधुनिक कानपुर तक की कलाकृतियों और दस्तावेजों को प्रदर्शित करता जैन ग्लास मंदिर जैन धर्म को समर्पित प्रमुख मंदिरों में से एक है, जो माहेश्वरी महल में।सफं स्थित है।

विमल ने कहा अब कांच के मंदिर में चले।

वहां से फिर गाड़ी निकल गई।

कांच से बने इस सुंदर मंदिर में शक्तिशाली भगवान महावीर और शेष 23 जैन तीर्थंकरों की प्रतिमाएं मौजूद हैं। यहां विभिन्न हस्त-निर्मित मूर्तियां, आकर्षक अलंकरण और नाजुक कांच के भित्ति चित्र हैं जो जैन इतिहास और परंपराओं के महत्वपूर्ण विवरणों को उजागर करते हैं।

मंदिर में एक खूबसूरत बगीचा भी है, जिसमें
जैन देवताओं की प्रमुख मूर्तियां मौजूद हैं।
हां पर ऐसा कैसे।

यह मंदिर स्थानीय निवासियों और पर्यटकों के बीच एक प्रसिद्ध पवित्र स्थान है।इस्कॉन मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है।
विक्की ने कहा अरे वाह मजा आ गया।।

विक्की ने कहा अरे बाबा मजा आ गया।

ड्राईवर ने कहा अब वापसी पर क्या है और।

अतुल ने कहा एक और मंदिर है।
अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक पर्यटक आकर्षण है। मंदिर कानपुर से लगभग 4 किमी दूर बिठूर रोड के मैनावती मार्ग पर स्थित है। आप अंदर की खूबसूरती को देखने के बाद इसके आश्रम में कुछ समय शांति से बैठ सकते हैं। मंदिर के अंदर एक खाने की जगह भी है जहाँ पौष्टिक शाकाहारी भोजन परोसा जाता है। मंदिर परिसर में संगमरमर से तराशी गई हिंदू देवी-देवताओं की कई मूर्तियाँ हैं और अन्य आकर्षणों में एक सुंदर तालाब और म्यूजिक फाउंटेन भी शामिल है। ये मंदिर जन्माष्टमी और राधाष्ठमी के दौरान जगमगा उठता है।

फिर सब थक हार कर नौ बजे घर पहुंच गए।
नैना ने देखा सबकी हालात देखने लायक थी।


फिर सब फेश् होने चले गए।

नैना ने कहा दीदी शायद पहली बार हमें कोई इस तरह से घुमाने ले गया मैं कभी नहीं भूलना चाहती हुं। निलेश अगर होते तो जरूर समझ जाता।

माया ने कहा हां जिंदगी में हमें क्या क्या करना पड़ता है कभी खुशी कभी ग़म।

विक्की ने कहा क्या एक काॅफी मिलेगा?

माया ने कहा हां क्यों नहीं पर नैना बहुत अच्छा बनाती है। नैना ने कहा हां ठीक है मैं सबके लिए बनाती हुं।

माया ने कहा भाई आज जो खुशी तुमने दिया वो एक धन्यवाद से नहीं होगा।

विक्की ने कहा हां कर दिया ना पराया अगर निलेश होता तो।

माया रोते हुए विक्की को अपने गले से लगा लिया।भाई।

विक्की ने कहा दीदी मैं कब से आपको दीं मान चुका हूं।
कमश!