new year celebration in Hindi Short Stories by राज कुमार कांदु books and stories PDF | नए साल का जश्न

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नए साल का जश्न

राहुल को उसके मित्र करण ने नए साल का जश्न अपने साथ मनाने का न्यौता दिया था। करण और राहुल सहित उसके चार अन्य मित्रों ने करण के फार्म हाउस पर रात बिताने की योजना बनायी थी जो कि शहर की बाहरी सीमा पर स्थित था।

31 दिसंबर की रात लगभग दस बजे ही राहुल घर से निकल पड़ा। घर से निकलते हुए उसकी छोटी बहन रश्मि ने उसे अग्रिम ही नए साल की मुबारकबाद दे दी। दोस्तों के साथ पार्टी का आनंद लेने की कामना करता प्रफुल्लित राहुल ख़ुशी ख़ुशी घर से निकला और तय जगह पर अपने दोस्तों से जाकर मिला। निर्धारित जगह पर करण अपनी कार के साथ पहले से ही उसका इंतजार कर रहा था।

राहुल सहित सभी मित्रों के बैठते ही करण ने अपनी कार आगे बढ़ा दी। कुछ देर के बाद करण ने कार एक वाइन शॉप के सामने रोकी और कुछ बियर की बोतलें खरीदी। राहुल यूँ तो इस सबके खिलाफ था, लेकिन अपने दोस्तों की ख़ुशी में रोड़ा नहीं बनना चाहता था सो वह खामोश ही रहा।

करण की कार अब शहर से बाहर उसके फार्म हाउस की तरफ तेजी से बढ़ रही थी। गाडी के हेड लाइट की रोशनी में सड़क के किनारे किनारे पैदल जा रही लड़की को देखकर करण की आँखों में वहशियाना चमक उभर आई।

उस लड़की के करीब जाकर करण ने कार धीमी की और इससे पहले कि राहुल कुछ समझ पाता उसके दूसरे दो दोस्तों ने उस लड़की को जबरदस्ती खींच कर गाड़ी में बिठा लिया।

राहुल ने उनके इस कृत्य पर ऐतराज किया था लेकिन करण ने उसे अपनी दोस्ती का वास्ता देकर खामोश कर दिया।

फार्म हाउस पर पहुँच कर करण और उसके दोस्तों ने उस लड़की के हाथ पाँव बांधकर उसे एक कमरे में ढकेल दिया।

राहुल के मित्र बैठकर बियर का आनंद लेने लगे। राहुल ने भी उनके साथ बैठकर पेप्सी पीकर उनका साथ दिया। कुछ देर बाद नशे के सुरूर में सभी दोस्तों ने जमकर हुड़दंग मचाई। राहुल भी उनकी ख़ुशी में शामिल उनका साथ दिए जा रहा था। इसी हल्लेगुल्ले और मस्तीभरे हंगामे के बीच साल का आगमन हो चुका था।

सभी मित्र हाथों में जाम लिए कमरे में चल रहे अंग्रेजी संगीत पर थिरक रहे थे। अचानक करण बगल के कमरे में से हाथ बंधी हुई उस बेबस लड़की को उठा लाया और अपने दोस्तों के आगे ढकेलते हुए बोला, ”लो दोस्तों ! नए साल का तोहफा, एन्जॉय करो।"

अचानक लड़की पलटी और बिलखते हुए राहुल के कदमों से लिपट गई, "भैया, मुझे बचा लो भैया !"

राहुल पहले तो कुछ समझ नहीं पाया, लेकिन फिर उसे ऐसा लगा मानो रश्मि ही जमीन पर पड़ी बिलख रही हो और फिर उसने मन ही मन उस लड़की की मदद करने का इरादा पक्का कर लिया।

उसने अपने दोस्तों से उस लड़की को छोड़ देने के लिए कहा, लेकिन वो तो शराब के नशे में हैवान बन चुके थे। और कोई चारा न देख राहुल ने वहीँ पास ही पड़ी बियर की बोतल का निचला सीरा फोड़ दिया और उन्हें धमकी देता हुआ लड़की का हाथ थामे फार्म हाउस से बाहर निकल गया।

वहाँ से कुछ दूर आकर उसने आते हुए ऑटो को हाथ दिखाकर रोका और लड़की को उसके घर के नजदीक छोड़कर वह अपने घर पहुँचा।

इस नायाब तरीके से उसने नए साल का जश्न कभी नहीं मनाया था। साल के शुरुआत में ही उसने एक नेक कार्य करने का अवसर प्रदान किया था।
आज वह बहुत ही प्रसन्न था।