Prayaschit - 10 in Hindi Fiction Stories by Devika Singh books and stories PDF | प्रायश्चित- 10 - Dushmani

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प्रायश्चित- 10 - Dushmani

डैनी के लोग अंकित को उसके अड्डे पर लेकर आ जाते हैं डैनी उसका स्वागत करता है पर वहां पर अंकित की नजरें राज को ही ढूंढती रहती है अंकित को समझ में नहीं आ रहा होता है कि आखिर यह आदमी है कौन जो उसे यहां पर ले आया है। डैनी उसे से आराम से बैठने के लिए कहता है और ड्रिंक ऑफर करता है

लेकिन अंकित पूछता है

अंकित: राज कहां पर है।

डैनी उसे आराम से बैठने के लिए कहता है और बताता है

डैनी: असल में वह तुम्हारी दोस्ती के लायक ही नहीं है।

इतना सुनते ही अंकित को थोड़ा गुस्सा आने लगता है लेकिन वह अपने आप को संभालता हुआ उस सोफे पर बैठा हुआ होता है।

अंकित उसे कुछ नहीं कहा अंकित उसकी बातें सुनता रहता है तब डैनी उसे बताता है

डैनी: असल में राज ने तुमसे धोखा किया है। क्या तुम्हें यह सोचकर गुस्सा नहीं आता अगर मैं तुम्हारी जगह होता तो मैं उसे जरूर ढूंढता।

तब अंकित उसे बोलता है

अंकित: आखिर तुम हो कौन मैं तुम्हें जानता नहीं और तुम मुझे अपने दोस्त के ही खिलाफ भड़का रहे हो।

तब डैनी कहता है

डैनी: मैं तुम्हारे भले के लिए ही कह रहा हूं अगर तुम मेरी बात मानते हो तो तुम फायदे में ही रहोगे तुम इतने दिनो तक तुम हॉस्पिटल में पड़े रहे लेकिन तुमसे मिलने के लिए राज एक बार भी नहीं आया।

अंकित: तो इससे तुम्हे क्या करना है। तुम मेरी इतनी हेल्प क्यों कर रहे हो

अंकित ने उससे पूछा

तब डैनी उसे बताता है

डैनी: मेरा इसमें कोई फायदा नहीं है मैं बस सच्चाई तुमसे छुटी ना रहे तुम्हें भी सच्चाई का पता चले इसलिए मैंने तुम्हें यहां पर बुलाया हैं। और ठीक है तुम अगर तुम राज को ढूंढते भी नहीं हो तो उसमें मेरा कुछ नहीं जाता वह तुम्हारा दोस्त था तुम उसे ढूंढो या ना ढूंढो उसमें मेरा कुछ नहीं है। उसमें कुछ फायदा नहीं है लेकिन अगर तुम उसे ढूंढोगे ही नहीं तुम्हें तो असलियत का पता ही नहीं चलेगा कि आखिर राज ने तुम्हारे साथ ऐसा क्यों किया।

अंकित ने कुछ सोचा और फिर वह सोचने लगा कि बात तो यह सही कह रहा है। अगर पुलिस वालों ने अगर हॉस्पिटल में वह भर्ती कराया था तो राज उससे से मिलने एक बार तो आ सकता था लेकिन अंकित को उस बात का याद आया जब राज को उसने वहां से भागने के लिए मजबूर कर दिया था राज वहां से जाना नहीं चाहता था लेकिन अंकित के बोलने से वहां से वह चला गया था लेकिन अब बात कुछ और थी अंकित अब ठीक हो चुका था।

अंकित ने सोचा कि एक बार तो मुझसे मिलने आना ही चाहिए था लेकिन उसने एक बार भी पीछे मुड़कर नहीं देखा वह सोच रहा था कि पैसे का बुखार उसे निगल चुका था आखिरकार उसने पैसे और दोस्ती के बीच में पैसों को ही चुना था उसे अपनी गलती पर एहसास हो गया था कि उसने गलत दोस्त से दोस्ती की थी। और ऐसा सोच भी रहा था कि क्या वह जो सोच रहा है वह सही है।

तब डैनी ने उसे बताया कि

डैनी: वह किसी लड़की के साथ भाग चुका है और उस लड़की का नाम पायल है।

अब अंकित को कुछ कुछ समझ आ रहा था वह सोच रहा था कि लड़की भी मिल गई और पैसे भी मिल गए तो बंदे को और चाहिए क्या दोस्ती गई तेल लेने

इतना सोचने के बाद जब पायल का नाम उसने सुना तो उसका गुस्सा कुछ और बढ़ने लगा यह देखकर डैनी मन ही मन खुश होने लगा था डैनी की चाल अब धीरे-धीरे कामयाब होते जा रही थी उसने राज को एक और बात बताई कि जिस रात गोलीबारी हुई थी उस रात न्यूज़ में बताया जा एक लड़का भाग चुका था। असल में साल्वे ने राज का स्केच बनाने में पुलिस की मदद की थी। उन्होंने उसका नाम राज बताया जा रहा था।

अंकित: क्या फायदा अब तो हो जा चुका है मैं उसे कहां ढूंढूगा वो वक्त ही ऐसा था कि मैंने ही उसे जाने के लिए कहा था। उस खैर छोड़ो जाने दो उसका नसीब है।

अंकित का गुस्सा ठंडा होते हुए देख डैनी थोड़ा अचरज में पड़ जाता है वह सोचता है कि अगर इसका गुस्सा ठंडा हो गया तो हमारे पूरे प्लान पर पानी फिर जाएगा वह उसे कहता है कि मैं

डैनी: तुम्हारी मदद करूंगा। राज को ढूंढने में क्या तुम राज को ढूंढना नहीं चाहोगे।

अंकित: वह सब तो ठीक है आप मेरी मदद करना क्यों चाहते हैं आप मुझे बताएंगे आप हैं कौन।

डैनी: असल में मुझे भी राज से मिलना है मैं उसका दोस्त हूं क्या मेरे बारे में राज ने तुमसे कुछ नहीं बताया अंकित सोच में पड़ गया राज का इतना बड़ा दोस्त भी हो सकता है।




अंकित: राज ने कभी तुम्हारे बारे में बताया नहीं तुम्हारा नाम क्या है।

डैनी ने उसे अपना नाम अमित बताया

डैनी: मेरा नाम अमित है। मैं राज से अभी कुछ दिन पहले ही मिला था और मुझे नहीं पता था कि राज के साथ ऐसा कुछ हो जाएगा राज को मैं उस तरह से तो नहीं जानता था लेकिन वह एक अच्छा आदमी था मुझे उसक भाग जाने का और तुम्हारे साथ धोखा करने का बड़ा दुख है।

जब उसने धोखा करने का बड़ा दुख है जैसे धोखा जैसे वर्ड का यूज किया।




तब अंकित के दिल में एक और ज्वाला उठने लगा अंकित को थोड़ा लगा कि राज को ढूंढना ही चाहिए और उसे पूछना था कि आखिर राज ने उसे क्यों भुला दिया।

कहां पर डैनी अपने जाल में कामयाब होता जा रहा था उसने अंकित के दिल में राज के खिलाफ बगावत छेड़ दी थी अब अंकित उसके कंट्रोल में था अब उसे सिर्फ अंकित को यह पूछना था। कि राज कहां पर है और कहा पर जा सकता है उसका काम आसान हो जाता।

डैनी: तुम्हें क्या लगता है कि राज कहां पर जा सकता है तुम्हें तो पता होगा तुम तो उसके दोस्त हो गए ना काफी अच्छे दोस्त हो वैसे

अंकित: मुझे उतना तो पता नहीं है लेकिन राज बोला करता था कि अगर उसकी लाइफ अच्छी हो जाए तो एक बार लंदन जरूर जाएगा हो सकता है वह लंदन गया हो

डैनी: हां जरूर हो सकता है।

इतने पैसे पाने के बाद आख़िर राज में इंडिया में क्यों रहेगा।उसने अपने मन में कहा

केकडा भी अपनी बोरिंग लाइफ से बाहर और निकलने की कोशिश करता है लेकिन हम जैसे केकड़ो की वजह से उसकी लाइफ सिर्फ उस बकेट में है। और कही नहीं

दूसरी तरफ साल्वे भी उनका पीछा करता हुआ डैनी यहां पर पहुंच जाता है यहां पर पहुंचने के बाद उसे कुछ कुछ समझ आने लगता है कि कुछ तो दाल में गड़बड़ है आखिर वह डैनी जितने बड़े गुंडे साथ यह क्या कर रहा है शायद वो राज का पता बताने तो नही आया। और कोई दूसरी बात साल्वे के दिमाग में तो आ नहीं रही थी उसके दिमाग में यही एक बात चल रही थी।

उनके मिलने के पीछे यही बात हो सकती है आखिर अंकित राज का दोस्त है राज के खो जाने से इनका भी कोई लॉस हुआ होगा क्योंकि उस ब्लैक मनी में इनका भी पैसा हुआ होगा इसलिए शायद डैनी ने उसे अपने घर बुलाया है।

इतना सुनते ही डैनी ने अंकित से कहा मेरे कुछ दोस्त एअरपोर्ट में है। तुम फिक्र मत करो में उस रात की सारी टिकेक्ट्स के बारे में पता लाऊंगा जो लंदन के लिए उड़ी उनसे बात कर के तुम्हें बताऊंगा।

तब तक के लिए तो मेरे मेहमान हो जब तक जाओ यहीं पर रहो तुम्हें यहां पर किसी भी चीज की कमी नहीं होगी।

अंकित के वहां से चले जाने के बाद माथुर और उसके पास आकर कहता है

माथुर साहब: डैनी मुझे लगता है अब हमारा काम हो गया है हम जल्द से जल्द राज के बच्चे को पकड़ लेंगे मैं उसे पकड़कर सीधा उसे मार ही दूंगा।




डैनी: ऐसा बिल्कुल मत करना!!!!

अगर तुमने ऐसा किया तो अब हमारे सारे प्लान पर पानी फिर जाएगा अगर तुमने ऐसा किया तो उन पैसों के बारे में पता नहीं कर पाएंगे जो उस राज के बच्चे ने हमसे चोरी किए हैं हमें पहले पैसों के बारे में पता करना है राज तो एक छोटा प्यादा है असल में इसके पीछे कोई है मुझे ऐसा लग रहा है।

कुछ घंटे बीत जाने के बाद अंकित उस बंगले से वापस नहीं आता तब साल्वे का शक यकीन में बदल जाता है कि यकीनन अंकित को राज का पता करवाने के लिए उन्होंने शायद अंकित को अपने पास रख लिया है अब जब तक राज नहीं मिल जाता तब तक अंकित उनके साथ ही रहेगा क्या पता कि अंकित भी उनके साथ मिल चुका हो इन्हीं सारी बातों सोचता हुआ साल्वे अपनी सिगरेट जलता है।







क्या अंकित और राज से बदला लेगा और क्या होगा राज का और कौन था यह तीसरा आदमी जो पैसों के बारे में जानता था डैनी ने ऐसा क्यों कहा जानने के लिए पढ़ते रहिए।




प्रायश्चित।