Prayaschit - 4 in Hindi Fiction Stories by Devika Singh books and stories PDF | प्रायश्चित- 4 - Ek Chaal

Featured Books
  • MH 370 - 25

    25. નિકટતામેં એને આલિંગનમાં જકડી. જકડી લેવાઈ ગઈ. એ આભારવશ હત...

  • મારા અનુભવો - ભાગ 53

    ધારાવાહિક:- મારા અનુભવોભાગ:- 53શિર્ષક:- સહજ યોગીલેખક:- શ્રી...

  • એકાંત - 58

    પ્રવિણે એનાં મનની વાત કાજલને હિમ્મત કરીને જણાવી દીધી. કાજલે...

  • Untold stories - 5

    એક હળવી સવાર       આજે રવિવાર હતો. એટલે રોજના કામકાજમાં થોડા...

  • અસ્તિત્વહીન મંઝિલ

    ​પ્રકરણ ૧: અજાણ્યો પત્ર અને શંકાનો પડછાયો​[શબ્દ સંખ્યા: ~૪૦૦...

Categories
Share

प्रायश्चित- 4 - Ek Chaal

होटल से बाहर निकलने के बाद राज के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था कुछ दूर जाने के बाद उसने फाइल खोलकर देखा तो उसे पता चला इसमें माथुर किस-किस बैंक में कहां-कहां पैसे जमा थे इसका सबूत था और यह फाइल साल्वे कोर्ट में ये दिखा कर साबित करने वाला था।

फाइल उसके पास थी वो सोच रहा था। की क्यू ना ये फाइल वो उससे दे ही ना क्यू कि उस फाइल के जरिए वो उन बैंकों पैसे निकाल सकता था। जो की एक अनजान लड़की के नाम से थे उसने सोचा कि ये पैसे वही निकलेगा लेकिन फिर अंकित का सोच कर वो चिंता में पड़ गया। और कुछ सोचने के बाद वो उस फॉल्वर शॉप के रास्ते पर चल पड़ा।




पायल: अरे आप तो कल आए नहीं आपके फोन तो मुरझा गए। क्या हुआ उस लड़की से लड़ाई हो गई क्या कल




राज: अरे ऐसी बात नही है। दरहसल में तुमसे कुछ पूछने चाहता हु।




पायल: हा-हा पूछो क्या तुम्हें दूसरे फूल चाहिए ? आज एक नए तरह का फूल है।




राज: फुलों के बारे में नहीं है मैं तुमसे कुछ और बात करना चाहता हूं।




पायल ने हंसकर कहा।

पायल: क्या तुम मुझे किडनैप करने वाले हो तुम्हारे चेहरे से तो यही लग रहा है तुम बड़े टेंशन में लग रहे हो।




राज: दरअसल यह सारे फुल में तुम्हारे लिए ले रहा था लेकिन मेरे अंदर कभी इतनी हिम्मत ही नहीं हुई और आज हिम्मत हुई है तो मुझे यह लगा की तुम्हें यह कह देना चाहिए।

क्या तुम पूरी जिंदगी इस फ्लावर शॉप पर ही काम करना चाहती हो मैं तुम्हारे सारे सपने पूरा कर सकता हूं लेकिन उसमें मुझे तुम्हारी एक हेल्प चाहिए।

मैं तुमसे यह काम करवाना नहीं चाहता था लेकिन अब मेरे पास इसके अलावा और कोई चारा ही नहीं है मैं तुम्हें ऐसे प्रपोज नहीं करना चाहता था पर मैं भी अभी मुसीबत में हूं तुम मना कर सकती हो तुम्हारी मर्जी।




पायल: क्या तुम मुझे प्रपोज कर रहे हो!!!!

तुम मुझे प्रपोज कर रहे हो की किसी के सामने मिन्नते कर रहे हो। ऐस कोई प्रपोज करता है तुमसे ना कोई पटने वाली




राज: हां तुमने सही कहा पर क्या करूं मुझे पहली बार हुआ है और यह मेरा पहली बार है तो मुझे पता नहीं कि मैं कैसे करूं।




पायल: या दूसरे प्रपोज करने के बाद लड़की को कहीं घुमाने लेकर जाते हैं लेकिन तुम तो सीधा मुझसे ही हेल्प मांग रहे हो अब मैं तुम्हें हा कहूं कि ना तुम मुझे समझ में नहीं आ रहा है ।

मतलब तुम्हें मुझसे हेल्प चाहिए इसका मतलब तुम्हें मेरी जरूरत है ना कि तुम मुझसे प्यार करते हो तो मैं तुम्हारा यह प्यार समझू या तुम्हारी ये जरूरत




राज: बेशक मैं तुमसे प्यार करता हूं इसमें कोई शक नहीं है बस मेरे मेरे हालात ऐसे हैं कि मुझे तुमसे हेल्प मांगनी पड़ रही है।




पायल; तुम करते क्या हो? क्या तुम मुझसे कुछ गलत काम करवाना चाहते हो अगर ऐसा है तो बिल्कुल यहां से चले जाओ मैं उस टाइप की लड़की नहीं हूं कि प्यार का झांसा देकर तुम मुझसे कुछ गलत करवाओ।




राज: तुम्हें ऐसा क्यों लगा कि मैं तुमसे कुछ गलत काम ही करवा लूंगा हां बोलो क्या तुम मुझ पर भरोसा नहीं करती।




पायल: भरोसा वो तुम पर मैं तुम्हें जानती कितना हूं बस यही कुछ दिनों से और तुम कह रहे हो कि मैं तुम पर भरोसा करू।

पायल की यह बात सुनकर महसूस होने लगा था कि शायद उसकी यह काम नहीं करेगी।

राज: अगर तुम्हें मुझ पर भरोसा नहीं है तो कोई बात नहीं मैं तुम्हें एक अच्छी लाइफ दे सकता था लेकिन दुनिया में सब भरोसे पर टिका हुआ है अगर तुम ने यह सोच ही लिया है कि मैं बुरा हूं तो कोई बात नहीं मुझे तुम्हें प्रपोज करना नहीं आया लेकिन मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं।

इतना कहते हुए राज वहां से जाने लगा राज को जाता देख पायल को सोचने लगी।

राज को जाता देख पायल ने सोचा इसे एक चांस देना चाहिए क्या पता यह उतना बुरा ना हो जितना मैं सोच रही हुं।

उसके बातों से उसका दिल पिघला नहीं था लेकिन वह जानना चाहती थी कि आखिर वह उससे चाहता क्या है!

उसने उसे दरवाजे पर रोक लिया और बुलाया




पायल: तुम कहना क्या चाहते हो मुझे साफ-साफ कहो मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है।

राज ने कहा

राज: राज ने कहा तुम्हें कुछ बैंकों में जाकर पैसे निकालने हैं और पैसे निकाल कर निकालने के बाद मैं तुम्हें एक पासपोर्ट दूंगा तुम यह देश छोड़कर चली जाना कुछ टाइम के बाद मैं तुम्हें फोन करके तुम्हारे पास चला आऊंगा तब तक तुम्हें वहां पर अपना ध्यान खुद ही रखना है मैं तुम्हें फसा नहीं रहा हूं बस तुम्हें एक बेहतर लाइफ देने की कोशिश कर रहा हूं तुम एक अच्छी जिंदगी डिजर्व करती हो और तुम्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि तुम्हें जिस अकाउंट से पैसे निकालने हैं। तुमे में उसका नाम बता दूंगा




पायल: जहां तक मुझे समझ आया तुम मुझसे चोरी करवाना और चाहते हो मैं उन पैसों से एक अच्छी जिंदगी जीयु।

इतना कहने के बाद पहले सोच रही थी कि जो यह कह रही थी और सच भी है मैं अच्छे काम करके एक अच्छी जिंदगी कभी नहीं मिल सकती हां पर क्या हुआ पैसे चोरी के हुए तो किसी चोर के घर चोरी कर रही हूं तो यह बुरा नहीं होगा और वैसे भी यह जिंदगी से वह जिंदगी बेहतर होगी लेकिन उसने राज को अभी तक हां नहीं कहा था उसे डर भी लग रहा था कि कहीं राज उसे धोखा ना दे।

उसे राज पर पर भरोसा नहीं था पर उस पर भरोसा करने के अलावा और कोई चारा नहीं था वह सोच रही थी वैसे तो वह पैसे निकाल लेगी लेकिन अगर बाहर देश में उसे पुलिस पकड़ लेगी तो वह क्या करेगी वह तो अपना देश नहीं होगा और वहां पर बचाने के लिए राज भी नहीं होगा यही सोचकर वह उससे हां नहीं बोल रही थी।

पायल एक अनाथ आश्रम में पली बड़ी लड़की थी। उसके सपने बड़े बड़े अपने लाइफ में बहुत कुछ हासिल करना चाहती थी लेकिन यह उससे दो टके की नौकरी में कभी नसीब नहीं होता और आज नसीब उसके सामने खुद चलकर आई है तो वह सोच नहीं पा रही थी कि उसे यह करना है यहां नहीं।

पायल ज्यादा सोचा नहीं!!!!

और उसे दरवाजे पर ही रोक लिया और पास बुला कर कहा मैं तैयार हूं क्या और कैसे करना है ?

मुझे बताओ!!!

क्या राज पायल को इस्तेमाल करना चाहता था या उसे सच में पायल से प्यार था और वह अपने अंकित दोस्त को कैसे छुड़ाएगा।

जानने के लिए पढ़ते रहिए




प्रायश्चित