Fifty Shades Of Grey - 1 in Hindi Motivational Stories by Makvana Bhavek books and stories PDF | फिफ्टी शेड्स ऑफ़ ग्रे - 1

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फिफ्टी शेड्स ऑफ़ ग्रे - 1

मैंने खुद को शीशे में बड़ी कुंठा से निहारा। आग लगे मेरे बालों को ये काबू में ही नहीं आ रहे हैं और भाड़ में जाए कैथरीन कैवेना, जो अचानक बीमार पड़ गई और मुझे मुसीबत में डाल दिया। कहां तो मुझे अगले हफ्ते होने वाले फाइनल पेपरों की तैयारी करनी चाहिए और कहां मैं अपने बालों को सुलझाकर संवारने के लिए पागल हुई जा रही हूं। मुझे इन गीले बालों के साथ नहीं सोना चाहिए। मैंने इस बात को मंत्र की तरह रटते हुए एक बार फिर से ब्रश चलाया। फिर मैंने शीशे में हल्के पीले रंग की, भूरे बालों वाली लड़की को देखा, जो अपने चेहरे से कहीं बड़ी नीली आंखों के साथ मुझे ही घूर रही थी, मैंने भी उसे देखकर आंखें गोल घुमाई और हार मान ली। बस यही चारा बचा था कि बालों को पोनीटेल में बांध लिया जाए ताकि वे कम से कम दिखने लायक तो हो जाएं।

केट यानी कैथरीन कैवेना मेरी रूममेट है और उसने भी फ्लू का शिकार होने के लिए आज का ही दिन चुना। इसी वजह से वह उस इंटरव्यू के लिए नहीं जा पा रही, जिसकी तैयारी काफी समय से चल रही थी। वह अपने स्टूडेंट न्यूज़पेपर के लिए किसी मेगा उद्योगपति टाइकून का इंटरव्यू लेना चाहती थी। वैसे मैंने आज तक उस इंसान के बारे में कुछ नहीं सुना था। आज मैं अपनी मर्जी से केट का यह काम करने जा रही थी। फाइनल पेपर सिर पर हैं, निबंध निपटाना था और आज दोपहर काम पर भी तो जाना था पर नहीं, आज तो मुझे 165 मील की ड्राइविंग करके सिएटल जाना है ताकि ग्रे इंटरप्राइज़िज होल्डिंग, इंक के रहस्यमय सीईओ से मुलाकात हो सके। हमारी यूनीवर्सिटी को भारी मात्रा में चंदा देने वाला और एक असाधारण उद्यमी उसका समय सचमुच बड़ा कीमती है मेरे वक्त से कहीं कीमती पर उसने केट को इंटरव्यू का समय दिया है। हे भगवान! केट की ये निराली गतिविधियां !

वह ड्राइंग रूम के काउच पर गोलमोल होकर लेटी है।

"एना, सॉरी! मैं पिछले नौ महीनों से इस इंटरव्यू के लिए भागदौड़ कर रही थी। दोबारा इंटरव्यू का समय लेने में छह महीने लग जाएंगे और तब तक तो हमारी ग्रेजुएशन भी हो चुकी होगी। एक संपादिका होने के नाते मैं इसे हाथ से जाने नहीं दे सकती। प्लीज़।" केट ने अपने रुंधे स्वर में कहा यार! बीमार होने के बावजूद वह कितनी प्यारी और सुंदर लग रही है। उसके स्ट्राबेरी ब्लांड बाल अपने ठिकाने पर हैं, हरी आंखें चमक रही हैं। हालांकि उनमें हल्की लाली और सूजन भी दिख रही है। मैंने अपने भीतर से उठ रही अनचाही सहानुभूति की लहर को काबू किया।

"बेशक! मैं चली जाऊंगी केट तुम्हें बिस्तर में आराम करना चाहिए। क्या तुम नाइक्विल या टाइलीनॉल लेना चाहोगी?"

"नाइक्विल प्लीज़ ये रहे मेरे सवाल और डिजीटल रिकॉर्डर। बस रिकॉर्ड का बटन दबा देना। नोट्स बन जाएंगे तो मैं सब लिख लूंगी।"

"मैं उसके बारे में कुछ नहीं जानती।" मैं बुदबुदाई और अपने भीतर जाग रहे डर को शांत करना चाहा।

"ये सवाल ही काफी कुछ बता देंगे। ये एक लंबी ड्राइव है। मैं नहीं चाहती कि तू देर से पहुंचे। "

"ओ के! मैं जा रही हूं। तू बिस्तर में जा । मैं सूप बना देती हूँ। गर्म करके पी लेना।" मैंने उसे प्यार से देखा। सिर्फ तेरे लिए केट क्या मैं कर पाऊंगी?

"गुडलक और थैंक्स एना तूने हमेशा की तरह इस बार भी मेरी मदद की है।"

मैं अपना सामान थैले में डालते हुए उसे देखकर मुस्कुराईं। फिर दरवाजे से कार की ओर चल दी। मैं यकीन नहीं कर सकती कि मैं केट की जगह ये काम करने जा रही हूं। वह तो एक जबरदस्त पत्रकार बनेगी, वह कहीं भी, किसी से भी बात कर सकती है। वह बहुत ही सृजनशील, सभ्य, अपनी धुन पक्की, बहसबाजी में चुस्त और खूबसूरत है और मेरी सबसे पक्की, सबसे प्यारी सहेली है। की

मैं वैंकूवर वाशिंगटन से इंटरस्टेट 5 की तरफ निकली तो सड़कें साफ थीं। अभी काफी टाइम है और मुझे सिएटल दोपहर तक पहुंचना है। वैसे भी मुझे केट ने अपनी स्पोर्टी मर्सीडीज़ सीएलके दे दी है। मैं पक्के यकीन से नहीं कह सकती कि मेरी वांडा यानी पुरानी वीडब्लयू बीटल सही वक्त पर सफ़र कर पाती या नहीं? वाह! मर्सी चलाने का भी अपना ही मज़ा है और एक बार स्टार्ट करते ही मीलों गायब होते चले

गए।

मुझे मि. ग्रे ग्लोबल एंटरप्राइजेज के मुख्यालय जाना है। ये एक विशाल बीसमंजिला ऑफिस की इमारत है, जो चारों तरफ से कांच और स्टील से घिरी है, एक आर्किटेक्ट की उपयोगितावादी फैंटेसी, आगे वाले दरवाजों के कांच पर छिपे तौर पर स्टील में लिखा है-ग्रे हाउस। मैंने कांच, स्टील और सफेद सैंडस्टोन से बनी लॉबी में पौने दो के करीब कदम रखा और चैन की सांस ली क्योंकि मैं लेट नहीं थी ।

सैंडस्टोन के ठोस डेस्क के पीछे, एक बहुत ही आकर्षक, संवरी हुई गोरी व सुनहरे बालों वाली युवती ने मुझे मुस्कुराकर देखा। उसने बड़े ही भड़कीले रंग में चारकोल सूट जैकेट और ऐसी सफेद शर्ट पहन रखी है, जो शायद मैंने कभी देखी तक नहीं। वह काफी निखरी हुई दिखी।

"मैं यहां मि. ग्रे से मिलने आई हूं। कैथरीन कैवेना की ओर से एनेस्टेसिया स्टील।"

"एक मिनट माफ करें, मि स्टील।" उसने अपनी एक भौं उठाई और मैं अपने में सकुचाई हुई उसके सामने खड़ी रही। मैं सोचने लगी कि काश अपनी नेवी ब्ल्यू जैकेट पहनने की बजाए केट के फॉर्मल ब्लेजर्स मांग लिए होते। मैंने बड़ी तैयारी के साथ अपनी इकलौती स्कर्ट, घुटनों तक आने वाले भूरे जूते और एक नीला स्वेटर पहना था। मेरे हिसाब से तो यही स्मार्ट था। मैंने अपने चेहरे पर झूल आई लट को पीछे करते हुए दिखावा किया मानो मैं उससे बिल्कुल भी भयभीत नहीं थी ।

"मिस कैवेना आने वाली थीं। मिस स्टील आप यहां साइन करें। आप दाईं ओर आखिरी लिफ्ट के पास जाएं और बीसवीं मंजिल के लिए बटन दबा दें।" वह मुझे देखकर दया भरी निगाहों से मुस्कुराईं। बेशक मुझे साइन करते देख वह मन ही मन मजाक उड़ा रही थी।

उसने मुझे एक पास दिया, जिस पर 'विजीटर' लिखा था। मैं अपनी मुस्कान रोक नहीं पाई। ये तो साफ ही था कि मै वहां किसी से मिलने ही आई थी। मुझे देखकर ही लगता था कि मैं वहां के लिए फिट नहीं थी। कुछ भी तो नहीं बदलता। मैंने मन ही मन आह भरी। मैं उसे धन्यवाद देकर लिफ्ट की ओर बढ़ी और दो सिक्योरिटी वालों के पास से निकली, जो अपने बढ़िया काले सूटों में मुझसे कहीं अच्छे दिख रहे थे।

लिफ्ट ने बीसवीं मंजिल तक जाने में पूरी फुर्ती दिखाई। दरवाजा खुलते ही मैं एक और लॉबी में आ गई फिर वही कांच, स्टील व सफेद सैंडस्टोन वहां भी डेस्क पर एक और ब्लांड युवती वाऊ!

मैंने बैठकर बैग से सवाल निकाले और उन्हें पढ़ने लगी और साथ ही केट को भी कोसा, जिसने मुझे इस बंदे के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं दी थी। मैं जिसका इंटरव्यू लेने जा रही थी, उसके बारे में राई रती भी नहीं जानती थी। हो सकता था कि वह नब्बे साल का हो या फिर तीस साल का मेरे चारों तरफ घबराहट बढ़ रही थी। मैंने कभी भी इस तरह के आमने-सामने वाले इंटरव्यू में खुद को सहज नहीं पाया। मुझे तो ग्रुप डिस्कशन पसंद आती है, जहां मैं कोने में गोलमोल होकर बैठ सकती हूं। वैसे मैं ईमानदारी से कहूं तो मुझे अपनी ही सोहबत पसंद आती है। हाथ में कोई क्लासिक ब्रिटिश उपन्यास और कैंपस लाइब्रेरी का कोई एकांत कोना! इस तरह कांच और स्टील की विशाल इमारत से मेरा कोई लेन-देन नहीं

है।

मैंने खुद को देखकर आंखें घुमाईं। स्टील! अपने पर काबू कर इतनी मॉर्डन और क्लीनिकल इमारत को देखकर तो यही अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि ग्रे चालीस के लपेटे में होगा; फिट, धूप से तपा हुआ और बाकी व्यक्तित्व से मेल खाती हर चीज़

दाईं ओर के एक बड़े से दरवाजे से एक और बड़ी ही सभ्य और शिष्ट दिख रही ब्लांड ने प्रवेश किया। क्या बात है, यहां सारे ब्लांड लोग ही हैं? मैं एक गहरी सांस के साथ उठ खड़ी हुई।

"मिस स्टील!" नई वाली ब्लांड ने 'पुकारा।

"हां जी!" मैंने गला खंखार कर कहा । "जी हां!" इस बार कुछ सही आवाज़ निकली।

"मि. ग्रे आपसे कुछ ही देर में मिलेंगे। मैं आपका जैकेट ले सकती हूं?"

"ओह प्लीज़!" मैंने खुद को जैकेट से बाहर निकाला। "क्या आपको चाय-पानी पूछा गया?"

"उम्म नहीं कुछ नहीं चाहिए।" ओह डियर! लगता है कि ब्लॉड नंबर वन की शामत आ गई। ब्लांड नंबर दो ने त्यौरियां चढ़ाई और और डेस्क वाली युवती को आंखें दिखाईं। "आप क्या लेना चाहेंगी-चाय, काफी या पानी वगैरह ?" उसने मुड़कर मुझसे पूछा

"एक गिलास पानी! थैंक्स।" मैं बुदबुदाई।

"ओलीविया ! प्लीज़ मिस स्टील के लिए एक गिलास पानी ले आओ।" उसने कड़े स्वर में कहा। वह उठी और बरामदे की ओर चल दी।

"सॉरी मिस स्टील! ये हमारी नई इंटर्न है। आप बैठिए । मि. ग्रे को पांच मिनट और लगेंगे।"

ओलिविया एक गिलास ठंडे पानी के साथ लौटी।

"ये लीजिए। मिस स्टील।"

"धन्यवाद!"