Kahani Pyar ki - 37 in Hindi Fiction Stories by Dr Mehta Mansi books and stories PDF | कहानी प्यार कि - 37

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कहानी प्यार कि - 37

संजना मोहित और अंजली के लिए बहुत परेशान थी.. उसे समझ नही आ रहा था की वो उनकी परेशानी कैसे दूर करे..
तभी अनिरुद्ध वहा आया..

" अरे संजू तुम इतनी परेशान क्यों हो रही हो.. सब ठीक हो जायेगा ..."

" हा पर में क्या करू.. दिमाग में उनके ही खयाल चलते रहते है ..."

" और इन सब की वजह से हम साथमे कुछ टाइम भी स्पेंड नही कर पा रहे है ..! " अनिरूद्ध ने उदास होते हुए कहा..

" आई एम सोरी अनिरुद्ध.. में इन सब के बीच तुम पर ध्यान ही नही दे पा रही हू.. चलो आज रात को हम दोनो कही चलते है..."

" इट्स अ गुड आइडिया... चलो आज रात को हम एक रोमेंटिक डेट पर चलते है .. "

" ओके " संजना ने मुस्कुराते हुए कहा..

इस तरफ किंजल बाजार से घर आ रही थी पर उसे कब से कोई ऑटो नही मिल रही थी...

" रुकिए भैया ..." किंजल ने ऑटो को रोकते हुए कहा..

तभी वह ऑटो वाला रुक गया..

" बोलिए मैडम कहा जाना है ...?"

" ये बताओ की आप कहा जाना चाहते है ..क्योंकि हमे जहा जाना होता है वहा तो आप लोग मना ही करते हो.. इतनी देर से एक भी ऑटो वाला हा नही कह रहा था .." किंजल ने चिड़ते हुए कहा..

" मेडम गुस्सा क्यों कर रही हो.. आप.. आप कहिए ना कहा जाना है...? "

" वसंत कुंज जाना है .. चलोगे...? "

" मेडम में अभी वही से आ रहा हू.. माफ कीजिएगा आप किसी और ऑटो वाले को ढूंढ लीजिए..." उसने खी खी करते हुए कहा ...

तब किंजल को बहुत गुस्सा आया... किंजल का गुस्सा देखकर वो ऑटो वाला जल्दी से वहा से भागा..

" सभी के सभी निकम्मे हो... कही जाना ही नही होता है तो ऑटो लेकर रोड पर घूमते क्यों हो ? ऑटो को कही कबडखाने में क्यों नही डाल देते हो...! सारे के सारे कामचोर है..." किंजल गुस्से से जोर जोर से चिल्ला रही थी..

" अब नही जाना है किसी के भी ऑटो से में चलके ही चली जाती हु..." बोलकर किंजल चलने लगी..

थोड़ी देर चलने के बाद वो थक गई.. धीरे धीरे अंधेरा भी होने लगा था..

आगे कुछ आवारे लड़के खड़े खड़े बीड़ी पी रहे थे और साथ में मजाक मस्ती कर रहे थे..

उनकी नजर सामने से आ रही किंजल पर पड़ी.. अकेली लड़की देखकर वो किंजल के करीब आ रहे थे पर किंजल का ध्यान उस तरफ नही था..

वो जैसे ही किंजल के और नजदीक पहुंचते उनके बीच एक गाड़ी आकर खड़ी हो गई..
करन ने एक तीखी नजर उन लड़कों की तरफ की.. करन को देखकर वो लोग वहा से चले गए..

करन गाड़ी में से उतरा और किंजल के पास गया..

" तुम यहां इस वक्त अकेली क्यों खड़ी हो ? "

" तुम्हे इससे क्या ? और तुम यहां क्यों आए हो ..? "

" एक्सक्यूज मि मैने पहले तुमसे सवाल पूछा.. उसका जवाब देने की वजह तुम मुझे ही सवाल कर रही हो.."

" यार..! थोड़ी देर शांत रहो ना में ऐसे ही इतनी परेशान हू.. और एक भी ऑटो वाला भी नही दिखाई दे रहा है.."

" पर तुम इस जगह क्यों आई थी ? "

" में यहां नही आई थी बाजार गई थी वहा से चलते चलते यहां पहुंच गई.."

" आर यू मेड.. ऑटो नही मिला तो थोड़ी देर वैट नही कर सकती थी क्या ?ऐसे चलके क्यों जा रही थी..? "

" मुझे कोई शोक नही है चलके जाने का.. एक भी ऑटो वाला आने को तैयार नहीं था तो मैं कैसे आती..? "

" हा तो किसीको फोन कर देती ! "

" किसे फोन करती ? मुझे यहां कौन लेने आता भला..! "

" क्यों तुम्हारी बहन और तुम्हारे वो दोस्त नही है क्या ? उनको कोल नही कर सकती थी ? क्या वो तुम्हारी इतनी भी हेल्प नही करते ? "

" वो चाहे कैनेडा में होते ना तो भी मेरे फोन करने पर वो मेरी हेल्प करने यहां आ जाते .. वो तो में इतनी छोटी बात के लिए उन्हें परेशान नहीं करना चाहती थी.."

" हा तो मुझे फोन कर देती..! " करन ने थोड़ा अटकते हुए कहा..

यह सुनकर किंजल उसकी तरफ देखने लगी..
करन नजरे जुकाकर खड़ा था..

" क्या तुम मेरे दोस्त हो ? "

" नही " करन ने तुरंत जवाब दिया..

" तो में तुम्हे कैसे कोल कर सकती थी ? "

" फर्गेट ईट.. चलो गाड़ी में बैठो.. "

किंजल करन के मुंह से हा सुनना चाहती थी पर उसका जवाब सुनकर वो मायूस हो गई.. और गाड़ी में बैठ गई.
" वैसे ये जगह कौन सी है ? "

" तुम्हारे काम की नही है वहा देखो.." करन ने किंजल को आगे आई कुछ रेस्टोरेंट्स की तरफ इशारा किया..

" ये तो शराब की रेस्टोरेंट्स है ..! " किंजल शॉक्ड थी उसे पता ही नही था की वो चलते चलते रास्ता भटककर किस और चली आई थी..

" अब आगेसे कभी इस जगह पर आना मत .. तुम्हारे लिए सेफ नहीं है.."

" हम.. शुक्रिया.. मेरी हेल्प करने के लिए.."

" इट्स ओके..."

" वैसे तुम यहां क्या कर रहे थे? "

करन ने किंजल की बात का जवाब नही दिया..

किंजल ने पीछे की सीट की तरफ देखा..

वहा एक प्लास्टिक की बैग में शराब की दो बोटल थी..

" करन गाड़ी रोको..." किंजल ने कड़क आवाज में कहा

" क्या हुआ ? "

" मैने कहा गाड़ी रोको .."

करन ने गाड़ी रोक दी..

" करन यह सब क्या है ? तुम इतनी शराब क्यों पीने लगे हो ? "

" ये मेरी लाइफ है में जो चाहे करूंगा.."

" नही .. ये तुम्हारी हेल्थ के लिए ठीक नहीं है.. और यह सब किस लिए उस मोनाली की वजह से ना ? " किंजल ने गुस्से से कहा..

" इट्स नोट योर प्रोब्लम किंजल.. "

" आई नो मेरा तुम्हारी लाइफ में बोलने का कोई हक नही है .. पर यह सब तुम जिसकी वजह से कर रहे हो ना वो ठीक नही है "

" ओह ! तो बोलोना में यह सब किसकी वजह से कर रहा हु ? "

" ऑब्विस्ली वो छिपकली मोनाली की वजह से.."

" माइंड योर लैंग्वेज किंजल.. "

" क्यों सच सुनकर बुरा लगा ? "

" शट अप.. " करन आगे कुछ बोलने जा रहा था पर वो चुप हो गया..
यह सुनकर किंजल गाड़ी से उतरकर बाहर आ गई..

करन ने एक गहरी सांस ली और वो भी बाहर आ गया..

" हा यू आर राइट... में यह सब मोनाली की वजह से कर रहा हु.." करन ने मोनाली के नजदीक जाते हुए कहा

" पर क्यों ? "

" आई डोंट नो...! उसकी कही बातों ने परेशान कर रखा है मुझे..सही गलत कुछ समझ नही पा रहा हु.."

" यस राइट मोनाली के मामले में तुम सही गलत समझते ही नही हो.."

" किंजल..." करन ने आंख दिखाते हुए कहा..

" अच्छा सोरी...एक बात बताओ ऐसा क्या कहा मोनाली ने ...? "

करन ने सारी बात किंजल को बताई..

" हह फिर से नई कहानी बनाकर गेम खेल रही है जूठी कहिकी..." किंजल धीरे से बोली..

" क्या कहा तुमने ? "

" नही करन से में अभी मोनाली के बारे में कुछ नही कह सकती... नही तो मेरे पर भड़क जायेगा और आगे कुछ बताएगा भी नही " किंजल मन में सोच रही थी..

" नही कुछ भी तो नहीं कहा ..."

" मोनाली को मैने माफ तो कर दिया है पर "

" क्या माफ कर दिया इतनी जल्दी.." करन की बात सुनकर किंजल ने मन में ही गुस्सा दिखाते हुए कहा.

" पर अब वो मुझे फिर से रिलेशनशिप में आने के लिए कह रही है.. बट में नही जानता हु की में क्या चाहता हु ? में मोनाली से प्यार तो करता हु पर पहले में जैसा फिल करता था उसके लिए अब में ऐसा फील नहीं कर पा रहा हु.."

" हे भगवान इतना सब होने के बाद भी करन मोनाली से प्यार करता है.. ऐसा क्या जादू किया है इस चुड़ेल ने की करन उसकी माला जपना बंध ही नही करता.." किंजल मन में बड़बड़ाए जा रही थी..

" तुम सुन रही हो में क्या बोल रहा हु ...? "

" हा हा सुन रही हू..."

" अब तुम ही बताओ में क्या करू...? "

करन की बात सुनकर अचानक किंजल को हसी आ गई और वो जोर जोर से हसने लगी..

" वाय आर यू लाफिंग ? तुम्हे ये कोई जोक्स लग रहा है ? " करन ने गुस्से में कहा..

" नही नही आई एम सोरी .. पर में कंट्रोल ही नही कर पाई.. वो तुम ऐसे तो कितनी अकड़ के साथ घूमते रहते हो पर आज देखो ना तुम कैसे अपनी फीलिंग्स मुझसे शेर कर रहे हो.. बस इसीलिए हसी आ गई.."

" मैने ही गलती करदी तुम पर भरोसा करके .." बोलकर करन जाने लगा..

किंजल ने उसका हाथ पकड़ लिया..

" ऐसा नहीं है करन में सिर्फ यह कहना चाहती थी की .. तुमने जूठी अकड़ की परख अपने पर चढ़ा रखी थी.. तुम असल में ऐसे नही हो.. अभी तुम जैसे खुलकर मुझे अपनी परेशानी बता रहे थे तुम में मुझे वो पहले वाले करन की झलक दिखाई दे रही थी.. "

" नही में पहले वाला करन अब नही बन सकता .."

" तुम खुद को बदल नही सकते करन .. तुम बाहर से जीतने भी कठोर दिखने की कोशिश करो.. तुम तुम्हारी अच्छाई छुपा नहीं सकते.. हा तुम कभी मुझसे इस तरह बात नही करते थे क्योंकि उस वक्त हम कभी बात भी नही करते थे पर मुझे याद है की तुम ऐसे ही अनिरुद्ध और सौरभ को अपनी सारी परेशानी बताते थे...."

" ऐसा कुछ नही है..."

" ठिक है तुम मेरी बात पर भरोसा मत करो.. पर अपने आप पर तो भरोसा कर सकते हो ना ? तुम्हारा दिल तुमसे जो कहता है वो करो .. वो तुमसे कहता है की तुम मोनाली को दूसरा चांस दो तो तुम ऐसा ही करो और वो तुम्हे ऐसा करने से मना करता है तो फिर.... और हा दिमाग शांत करके उस बारे में सोचो जिसका फैसला तुम नही कर पा रहे हो.. सही गलत तुम्हे समझ आ जायेगा..पर इस शराब से तुम्हारी किडनी खराब होने के अलावा कुछ नही होगा.."

" थैंक यू " करन ने हल्की से मुस्कुराहट के साथ कहा..

और फिर किंजल गाड़ी में बैठ गई.. करन भी आकर गाड़ी में बैठ गया.. अब वो शांत लग रहा था.. उसके चहरे पर एक सुकून था.. जिसे देखकर किंजल बहुत खुश थी..

" अ... किंजल ..."

" हा बोलो..."

" वो वो में यह कह रहा था की .." करन को बोलने में हिचकिचाहट हो रही थी..

" ये वो वो क्या कर रहे हो बोलो ना...! "

" हा वो.. क्या हम दोस्त बन सकते है ...? " करन ने नजरे जुकाते हुए कहा..

किंजल को तो अपने कानो पर विश्वास ही नहीं हुआ..

" कही में सपना तो नहीं देख रही ....! " किंजल ने मन में सोचते हुए ही खुद को चिमटी काटी..

" नही नही ये तो सच है...." किंजल बहुत ही ज्यादा खुश हो गई..

" तुमने जवाब नही दिया...? "

" या ऑब्विसली में तो कितने वक्त से इसी बात का ही तो इंतजार कर रही थी..." किंजल ने एक्साइटेड होकर कहा..

" क्या ? "

" नही कुछ नही... चलो ..."

फिर करन ने किंजल को घर छोड़ दिया...आज किंजल की लाइफ का सबसे बेस्ट डे था.. करन भी खुश था.. किंजल से बात करने के बाद उसे समझ आ गया था की उसे क्या करना था ...

अनिरूद्ध और संजना एक रेस्टोरेंट में रोमेंटिक डेट के लिए आए थे...
संजना रेड रंग के गाउन में बहुत ही प्रिटी लग रही थी..साथ में अनिरुद्ध भी रेड सूट में बहुत ही हेंडसम लग रहा था..

अनिरूद्ध ने अपना हाथ आगे बढाया...
संजना ने उसका हाथ थामा और दोनो फूलों से बने फर्श पर आगे बढ़ने लगे...
वहा पर बहुत सारे कपल ऐसे ही रोमेंटिक डेट पर आए हुए थे..

गार्डन में सजी एक बहुत ही सुंदर टेबल के पास संजना और अनिरुद्ध आए..

अनिरूद्ध ने संजना के लिए चेयर खींची और संजना को बिठाया...

" ब्यूटीफुल फ्लावर्स फॉर माय ब्यूटीफुल वाइफ..." अनिरूद्ध ने लाल रोज का एक गुलदस्ता संजना को देते हुए कहा..

" थैंक यू..."

" सो कैसी लगी तुम्हे यह जगह ? "

" सो नाइस... आई लव घिस प्लेस... "

" हा और यह म्यूजिक सुन रही हो.. कितना पीसफुल है.. "

" हा .. और यहां और भी कितने सारे कपल्स है .. वो सब भी कितने अच्छे लग रहे है.."

" या.. जगह ही ऐसी है.. कोई भी यहां आकर रोमेंटिक हो जाए..! "

" याह इट्स ट्रू.."

फिर संजना और अनिरुद्ध अपनी इस डेट को बहुत अच्छे से एंजॉय कर रहे थे..

तभी एक कपल उठकर वहा डांस करने लगा... सबकी नजर उनकी तरफ गई.. सब ताली बजाकर उनको प्रोत्साहित कर रहे थे... धीरे धीरे और भी कपल डांस करने आने लगे..

" चलो ना अनिरुद्ध हम भी चलते है...."

" नही नही मुझे नही जाना है.."

" नही मुझे तुम्हारे साथ डांस करना है .. चलो.."

" ओके ओके आता हु पर डांस मेरे पसंदीदा सॉन्ग पर करेंगे...! "

" डन... आई एम रेडी..."

अनिरूद्ध उनके स्टाफ के पास गया और उनसे कुछ बात की..

" हेलो एवरीवन मे आई हैव योर अटेंशन प्लीज..."

यह सुनकर सब कपल्स अनिरुद्ध की तरफ देखने लगे..

" आप सभी ब्यूटीफुल कपल्स यहां आ जाइए.. अभी एक बहुत ही ब्यूटीफुल सॉन्ग बजेगा जिसे में अपनी वाइफ को डेडिकेट करना चाहता हु .. तो आप सब भी डांस में हमारे साथ हिस्सा लेकर इस पल को एंजॉय कीजिए थैंक यू..."
सब कपल्स ने अनिरुद्ध के लिए तालिया बजाई.. और वह सब भी वहा डांस के लिए आ गए..

तभी वहा एक बहुत सुंदर सा सॉन्ग प्ले हुआ...

" कैसे बताऊँ तुझे कि दिल मेरा क्या कह रहा
रहे ना फ़ासले ये जो है अपने दरमियां
तेरे करीब मैं हो सकूं
दे दे तू अपनी रजा..
पास बिठाऊं ये ज़ुल्फ़ संवारूं
और बाहों में ले लूं तुझे मैं
है दिल की ये ख़्वाहिश
कि सुन ले गुज़ारिश
और दे दे तू ख़ुद को मुझे
हो … हो …"

सभी कपल्स एक दूजे में खोए हुए डांस कर रहे थे कब गाना खत्म हो गया उनको पता ही नही चला.. फिर सब ने अपने लिए ताली बजाई..

संजना और अनिरुद्ध अपनी सभी परेशानी भूलकर एक दूजे में खोए हुए थे .. पर उनको नही पता था की एक परेशानी सामने से चलकर उनके पास आ रही थी..

उसी रेस्टोरेंट के बाहर मोनाली गाड़ी में से उतरी..

" तो यहां आए है दोनो.. लवबर्ड्स डेट पर... चलो अभी एंजॉय करने दो दोनो को.. क्योंकि बाहर आते ही उनकी सारी खुशियां चूर चूर जो होने वाली है... जल्दी आओ अनिरुद्ध और संजना आई एम वेटिंग...." मोनाली ने हस्ते हुए कहा..



🥰 क्रमश: 🥰