Ziddi Ishq - 16 in Hindi Anything by Sabreen FA books and stories PDF | ज़िद्दी इश्क़ - 16

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ज़िद्दी इश्क़ - 16

माज़ ने रामिश की बात सुनी और माहेरा की तरफ देखा जो सूजी आंखों से उसे देख रही थी।

"रामिश हम मिल कर इस बारे में बात करते है।"

माज़ ने कहा और फ़ोन रख कर माहेरा की आंखों को चूमते हुए वाशरूम में चला गया

माहेरा आंखे बंद किये हुए अपनी आंखों पर उसका स्पर्श महसूस कर रही थी। वोह जानती थी रात को उस ने माज़ की एविल साइड देखी थी जो वोह उसे कभी भी दिखाना नही चाहता था। चाहे वोह कितनी ही शरारत क्यों ना करे।

माज़ चेंज करने के लिए ड्रेसिंग रूम में गया और जब वोह बाहर आया तो माहेरा को वैसे ही आंख बंद किये बैठी थी। वोह वाशहरूम में गया और फर्स्ट ऐड किट से ट्यूब ले कर बाहर आया और उसके पैर के पास बैठ गया।

माज़ के वहा बैठने पर माहेरा ने अपनी आंखें खोली।

माज़ ने माहेरा का पैर अपनी गोद मे रखा और ट्यूब लगाने लगा।..........वोह दोनो ही खामोश थे और येह खामोशी दोनो को ही अच्छी लग रही थी।

माज़ ट्यूब लगाने के बाद अपने हाथ धूल कर बाहर आया और माहेरा को बेड पर बैठने का कह कर कमरे से बाहर निकल गया।

माज़ किचन में गया और रोज़ी को अपना और माहेरा का नाश्ता रूम में भेजने का कह कर वोह कमरे में जाने ही लगा था कि तभी उसके फ़ोन पर किसी की कॉल आ गयी और वोह अपने स्टडी रूम में चला गया।

रोज़ी ने माज़ और माहेरा का नाश्ता कमरे की टेबल पर रखा और वहां से चली गयी।

अपना और माज़ का नाश्ता एक साथ देख माहेरा की आंखे शरारत से चमकने लगी।

वोह बेड से धीरे से उठ कर टेबल के पास गई और टरे में मोजूद काली मिर्च की डिब्बी उठायी और अंडे को दूसरी साइड पलट कर उस पर ढेर सारी काली मिर्च छिड़क दी और अंडे को पलट फिर से पहले जैसे रख कर सोफे पर बैठ गयी।

माज़ जब अपनी कॉल कट करके वापस आया तो माहेरा को नाश्ते पर अपना इंतेज़ार करते देख वोह भी मुस्कुराते हुए उसके साथ बैठ गया।

उसके बैठने पर माहेरा चुप चाप अपना नाश्ता करने लगी। माज़ ने जैसे ही अंडे की एक बाईट ली उसे ऐसा लगा जैसे उसने चमच भर कर काली मिर्च अपने मुँह मे डाल ली हो।

उसने एक नज़र माहेरा की तरफ देखा जो सुकून से अपना अंडा खा रही थी। उसे पता तो चल ही गया था माहेरा ने उसके नाश्ते के साथ छेड़छाड़ की है।

माज़ ने उसे मज़ा चखाने के लिए अपने अंडे की एक और बाईट अपने मुंह मे डाली और बोला।

"अरे वाह क्या बात है आज तो रोज़ी ने बहोत ही अच्छा अंडा बनाया है, मुझे तो खा कर मज़ा ही आ गया।"

माहेरा ने जब उसके मुंह से अंडे की तारीफ सुनी तो हैरान हो कर माज़ की तरफ देखने लगी।

माज़ ने उसे अपनी तरफ देखते पा कर अपने अंडे की एक और बाईट ली और माहेरा के मुंह में ठूँस दी जो हल्का सा खुला हुआ था।

माहेरा जो इन सब के लिए तैयार ना थी अपने मुंह से निवाला निकालने ही वाली थी कि माज़ की बात सुनकर रुक गयी।

"माहेरा मैं ने सोचा तुम भी चख कर बताओ कैसा है आखिकार इतने टेस्टी खाने पर तुम्हारा भी हक़ बनता है।"

माज़ अपनी कॉफी उठा कर पीते हुए बोला।

माज़ की बात सुनकर माहेरा को अपने मुंह मे मौजूद निवाला जाहेर लग रहा जो काली मिर्च से भरा हुआ था। निवाला निगल कर माहेरा ने जल्दी से पानी का गिलास उठाया और एक हो सांस में पी गयी। उसके मुंह का टेस्ट अभी भी ठीक नही हुआ जिसकी वाजह से वोह बुरे बुरे मुंह बना रही थी।

माज़ ने उसे पानी पीते और बुरा सा मुंह बनाते देखा तो ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा।

उसकी हँसने की आवाज़ सु कर माहेरा ने खूंखार नज़रो से घूर कर उसे देखा और अपनी कॉफी पीने लगी।

माज़ अपनी कॉफी खत्म करके उठा एयर माहेरा के माथे पर किस करके अपना ख्याल रखने का कह कर वहां से चला गया।

माहेरा कॉफी खत्म करके उठी और बेड पर आ कर अपना लेपटॉप ले कर बैठ गयी ताकि अपनी क्लासेस ले सके।

तब तक रोज़ी भी कमरे में आ कर बर्तन ले कर जा चुकी थी।

............

"हाँ अब बोल क्या बात पता चली है।"

माज़ ने गाड़ी में बैठ कर रामिश से पूछा।

"मुझे नही बताना है जा अब खुद पता करले।"

रामिश ने मुँह फुलाते हुए कहा।

"बेटा रामिश तुझे नही लगता जब से तेरी शादी हो गयी है तू कुछ ज़्यादा ही बचपना करने लगा है।"

माज़ ने उसे घूरते हुए कहा।

"और तुझे नही लगता जब से तेरी शादी हुई है तू मुझे इग्नोर करने लगा है।"

रामिश ने भी उसे घूरते हुए कहा।

"तू येह कह रहा है कि मैं बदल गया हूं।"

माज़ खुद की तरफ उंगली करके हैरान हो कर बोला।

"बड़ी जल्दी समझ आ गयी।"

रामिश ने कार स्टार्ट करते हुए कहा।

"यार मेरा दोस्त और मेरी बीवी दोनो एक जैसी है साला ना घर मे सुकून है ना घर के बाहर।"

माज़ ने तिरछी नज़रो से रामिश को देखते हुए कहा।

"उस छोटी डॉन से मेरा मुकाबला ना ही करो तो अच्छा है।"

रामिश ने चिढ़ कर कहा तो माज़ हँसने लगा।

"चल अब बता बात क्या है।"

माज़ अब सीरियस हो गया था उसे सीरियस होते देख रामिश बोला।

"तुम्हारे कहने पर मैं ने माहेरा के बारे में पता करवाया है मुझे येह पता चला है कि वोह जब पांच साल की तह तभी किसी ने उसके मॉम डैड का मर्डर कर दिया था।"

"ऐसा कैसे हो सकता है फिर वोह लोग कौन है जिसे वोह अपना मॉम डैड कहती है।"

माज़ उसकी बात काटते हुए बोला।

"मेरी पूरी बात तो सुन।"

रामिश उसके बीच में टोकने पर चिढ़ कर बोला।

"जिन्हें वोह अपना मॉम डैड कहती है असल में वोह उसके डैड के भाई है। एक एक्सीडेंट में माहेरा की यादाश्त चली गयी थी इसी वाजह से वोह डॉक्टर सैम के पास जाती ताकि किसी भी तरह से उसकी यादाश्त वापस आ जाये। मैं ने उस डॉक्टर से भी बात की है उनका कहना है अगर माहेरा ने ज़बरदस्ती अपने दिमाग पर ज़ोर देने की कोशिश की तो उसकी जान भी जा सकती है।"

"मैं समझ गया तुम उसके रियल मॉम डैड के बारे में पता करो।"

माज़ ने रामिश की बात सुन कर कहा।

"भाई बुरा मत मानना लेकीन तेरी बीवी किसी शैतान से कम नही है।"

रामिश ने गाड़ी से उतरते हुए कहा।

"अगर वोह शैतान है मैं भी जहन्नुम का दरोगा हु मैं उसे अच्छे से सबक सिखाऊंगा।"

माज़ ने हस्ते हुए कहा।

उसकी बात सुनकर रामिश भी मुस्कुरा दिया।

माज़ और रामिश अब माल देखने जा रहे थे। क्योंकि वोह कल जा नही सके थे इसीलिए उन्होंने आज जाने का सोचा था।

वोह इस वक़्त एक पूरी बिल्डिंग में जा रहे थे। वोह बिल्डिंग बाहर से देखने मे पुरानी लग रही थी लेकिन अंदर से अलग ही थी। थोड़ी देर चलने के बाद वोह एक कमरे में गए। वहां क्लेन के नीचे एक बेसमेंट था। येह बेसमेंट आम बेसमेंट से बिल्कुल अलग था।

माज़ और रामिश सीढ़ियों से उतर कर नीचे गए। उनके सने एक दरवाज़ा था। माज़ ने दरवाज़े के पास मशीन पर अपना फिंगरप्रिंट डाला तो वोह दरवाज़ा खुल गया और वोह दोनो अंदर चले गए।

अंदर जाते ही उन्हें पांच बॉडीगार्ड नज़र आये। माज़ और रामोश ने उन्हें देख कर अपना सिर हिलाया।

सामने की तरफ जाते हुए बड़े बड़े डब्बे उनके अस पास मौजूद थे। जिन मे हर तरह के हथियार मौजूद थे और हर जगह माज़ के आदमी खड़े थे।

माज़ और रामिश एक जगह आ कर रुक गए जहां सिक्युरिटी हेड था। उन्हें देख कर उस ने बॉक्स खोल कर उन्हें दिखाया।

उन्हें एक हफ्ते में जो माल डिलीवर करना था उसे चेक करने के बाद वोह बेसमेंट की सिक्युरिटी चेक करने लगे।

............

माहेरा जो अपनी क्लासेस खत्म कर के हॉल में बैठी रोज़ी ऊंची आवाज में कुछ खाना लेन के लिए कह रही थी।

थोड़ी ही देर में रोज़ी भी उसके लिए पास्ता रख कर चली गयी। उसी वक़्त माहेरा को किसी गाड़ी का हॉर्न सुनाई दिया उसे लगा माज़ आ गया है।

माहेरा सीधी हो कर बैठ गयी ताकि उसे तंग कर सके। तभी किसी के अंदर आने की आवाज़ सुनकर माहेरा माज़ को ज़ोर ज़ोर से आवाज़ देने लगी।

"माज़ मेरी मदद करो कमरे में जाने के लिए मेरे पैर में बहोत दर्द हो रहा है।"

वो मुंह मे पास्ता डाल कर खाते हुए बीच बीच मे कह रही थी।

किसी की कदमो की आवाज़ सुनकर माहेरा ने पास्ते से नज़र हटा कर ऊपर देखा तो माज़ की जगह वहां कोई और ही खड़ा था।

कौन था वोह जो माहेरा के सामने खड़ा था?

कहानी जारी है........