I Hate You I Love You - 4 in Hindi Love Stories by Swati Grover books and stories PDF | I Hate You I Love You - 4

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I Hate You I Love You - 4

4

यह गाड़ी तो बहुत बड़ी और अच्छी है । सिया ने पूरी गाड़ी देखते हुए बोली । दीदी !, सर के पास तो इससे भी अच्छी गाड़ियाँ है । तुम्हें बाकी गाड़ियों में भी कभी बिठाऊँगा । आदित्य ने यह सुना तो ज़ोर से बोला, "इस बार गॉंव जाओंगे तो लौटने के ज़रूरत नहीं है ।" यह सुनकर दोनों चुप हो गए । अच्छा भैया, यही रोक दो।

सिया गाड़ी से निकली उसने आदित्य को मुस्कुराते हुए देखा और कहा, थैंक्स आदी । Aditya Sir ! Understood । यह सुन वो थोड़ा झेंपी । उसने सॉरी कहा पर उसकी सॉरी को अनसुना करते हुए आदित्य ने गाड़ी आगे बढ़वा दी और सिया जाती हुई गाड़ी को देखती रह गई ।

घर पर माँ को चाय बनाता देख सिया ने अपनी बहन कनु के बारे में पूछा । वो सो रही है । उसकी तबीयत अब ठीक है, सुबह तेरे जाने के बाद ही बुखार आ गया था । डॉक्टर ने पाँच दिन की दवाई दी है । यह डॉक्टर तो घर का बजट ही बिगाड़ देते हैं, भगवान किसी को इनका मुँह न दिखाए। माँ आप भी आराम करो । बेकार की बातें करने से क्या फायदा । तेरा दिन कैसे गुज़रा ? अच्छा गुज़रा। मैं अपने कमरे में जा रही हूँ । सिया अपने कमरे में चली गई और धम्म से पलंग पर लेट गई ।

उसने अपना फ़ोन चेक लिया तो मुस्कान, कुणाल के मैसेज आ रखे थें । सुबह से उसने अपना फ़ोन नहीं देखा । ज़्यादा फ़ोन पर रहना भी ठीक नहीं है । यह उनके टीम लीडर ने उन्हें बता दिया है । उसने आंखें बंद कर ली । और उसकी आँखों के सामने वही दृश्य आ गया, जब वो पहली बार मुस्कान से मिली थीं । उस शाम को जब अपने कोर्स की क्लासेज से घर लौट रही थीं । तभी उसने देखा कि गाड़ी में एक लड़की बेहोश पड़ी है । सर्दियो का समय था और कोई नहीं था । कुछ लोग उसकी गाड़ी खोलकर कुछ सामान लेने की कोशिश कर रहे थें । उसने बिना देरी किये, पुलिस को फ़ोन घुमा दिया और अपने स्कूल के दोस्त आरव को भी सारी बता दी । फ़िर शोर मचाना शुरू कर दिया । सड़क पर कोई नहीं था । मगर वह ऐसे चिल्लाई कि उन चोरों को लगे बहुत लोग आ रहे हैं । वे चोर भाग गए । तब तक पुलिस भी पहुँच गई । होश आने पर उस लड़की ने अपना नाम मुस्कान बताया और कहा कि उसका बी.पी. लो हो गया था और वह गाड़ी में ही बेहोश हो गई । पुलिस ने सिया और आरव को धन्यवाद दिया और मुस्कान को भी बीमार हालत में गाड़ी न चलाने की सलाह दी। आरव और सिया ने ने उसे उसके घर छोड़ दिया ।

सिया को उम्मीद नहीं थी कि मुस्कान उसे कभी फ़ोन भी करेगी, मगर मुस्कान ने उसे अपने घर बुलाया । वही से दोस्ती का सिलसिला शुरू हो गया । उसके घर पहुँचकर सिया को पता चला कि उसके मम्मी-पापा साथ नहीं रहते । माँ ने लंदन जाकर दूसरी शादी कर ली है और पिता उसे और उसके भाई को आया के भरोसे छोड़ अक्सर बाहर रहते हैं । उस दिन उसकी उसके बॉयफ्रेंड से लड़ाई हो गई थी इसलिए उसने गाड़ी गुस्से में रोड पर पड़े लोहे के कट्टे से दे मारी, तब उसका सिर स्टीयरिंग व्हील से टकराया और वो बेहोश हो गई । सिया थोड़ी झिझकी। मगर मुस्कान और उसके भाई ने अपनी ज़िन्दगी में अच्छे से उसका वेलकम किया । मुस्कान का साउथ दिल्ली में अपना डिज़ाइनर बुटीक है । उसका भाई अमन कुछ टाइम बाद जर्मनी चला गया । मुस्कान ने उसके घर आना शुरू कर दिया । उसकी मम्मी, बहन यहाँ तक कि उसके फ्रेंड्स से भी उसकी दोस्ती हो गई । मुस्कान के जरिये वह कुणाल से मिली । वह उसके बचपन का दोस्त है । उसने भी सिया को अपनी दोस्त कहने में देर नहीं की । सिया ने भी कुणाल की हर मुश्किल दौर में मदद की । जब उसका म्यूजिकल शो फ्लॉप होता, तब वह उसे बेहतर गाने के लिए प्रेरित करती । अपने जान-पहचान के सभी लोगों को उसका शो दिखाने के लिए ले जाती । भीड़ इकट्ठी करने में सिया माहिर है । आदित्य को उसने सबसे पहले कुणाल के घर देखा था । पूछने पर पता चला कि उसका कजिन है । दरअसल कुणाल एक जॉइंट फैमिली में रहता है । कुणाल के मम्मी-पापा के अलावा उसकी बहन अनन्या, उसके बड़े ताई-ताया और आदित्य के पापा । आदित्य जब दसवीं में था तभी उसकी मम्मी गुज़र गई थीं । आदित्य की चाची

यानि कुणाल की मम्मी और उसकी नानी ने उसका ध्यान रखा। बारहवीं के बाद वो अमेरिका पढ़ने चला गया । वहाँ से बिज़नेस की पढ़ाई करकर यहाँ अपने तीन दोस्तों के साथ मिलकर कंपनी खोल ली । बड़ी ताई के बच्चे तो विदेश में शादी करके वहीं बस गए हैं । अनन्या की शादी पिछले साल हो गई । वह भी फ्रांस चली गई । आदित्य अलग घर लेकर दिल्ली के पॉश एरिया में रह रहा है । उसके पापा भी चंडीगढ़ के फार्म हाउस में रहने लग गए हैं ।

आदित्य को दूसरी बार उसने नोएडा के स्पोर्ट्स क्लब में देखा था। जहाँ सिर्फ इलीट क्लॉस ही जाता है । उसकी मेम्बरशिप बड़ी महँगी है, मगर कुणाल और मुस्कान की वजह से उसे हद से ज्यादा डिस्काउंट मिला । वहाँ पर दिखा चारों का ग्रुप; कार्तिक, सिद्धार्थ अनुज और आदित्य । चारों के पीछे लडकियो की भीड़ रहती थी, और आज भी है । मगर आदित्य स्पोर्ट्स में ज्यादा रुचि लेता था । उसने दोनों भाइयो को ज्यादा बात करते कभी नहीं देखा । मगर कुणाल बड़े गर्व से कहता, "आदी उसका भाई है ।" आदित्य ने कभी उस पर गौर नहीं किया । मगर जब उन्ही के दोस्त मयंक के साथ बास्केट बॉल मैच खेलती और उसे हराती तो वह ज़रूर उसे नोटिस करता था । मुस्कान और आदित्य भी दोस्त है । सबको यहीं पता है कि अमेरिका में उसकी कोई गलफ्रेंड है । पर उसमे कितनी सच्चाई है, किसी को नहीं मालूम । कुणाल ने बताया था कि अपनी मम्मी के जाने के बाद वह कम ही बोलता है। कार्तिक, अनुज और सिद्धार्थ तो फ़िर भी लड़कियों से घिरे रहते। मगर आदित्य लड़कियों को आसानी से भाव नहीं देता था । कभी-कभी आदित्य उसे अकड़ू लगता । 29 साल की उम्र में टॉप टेन बिज़नेस मेन में उसका नाम है तो अकड़ तो होगी ही । मगर उसे पता है कि वो दिल का अच्छा है । क्योंकि जब स्पोर्ट्स क्लब के बाहर एक गरीब परिवार आकर बैठ गया था और लोगों ने पुलिस को कंप्लेंट कर दी थी। तब आदित्य ने उस परिवार को रहने की जगह ही नहीं दिलवाई बल्कि घर चलाने का साधन भी दिया ।