Your glory is incomparable…. in Hindi Short Stories by Piyush Goel books and stories PDF | तेरी महिमा अपरम्पार ….

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तेरी महिमा अपरम्पार ….

एक मध्यवर्गीय सेठ जी अपनी दुकान पर जा रहे थे, रास्ते में सड़क पर पड़े कागज को सेठ जी ने पता नहीं क्या सोच कर उठा लिया, सेठ जी ने कागज पढ़ा, सेठ जी दंग रह गए एक दम वापिस घर आए और सिर्फ़ अपनी पत्नी को बताकर चल दिये, उस कागज पर लिखा था अभी तुरंत खाटू श्याम जाना हैं और वहाँ पर जब मंदिर की ओर जा रहे होगे तुमसे एक बुजुर्ग टकरायेगा और तुम्हारा हाथ पकड़ कर तुम्हें अपने साथ ले जाएगा,मना मत करना उसके साथ चले जाना, आगे सब ठीक होगा.सेठ जी पहुँच गए वैसा ही हुआ जो कागज में लिखा था, सेठ जी जब बाबा के दर्शन के लिए जा रहे थे एक बुजुर्ग उनसे टकराया और वो बुजुर्ग सेठ जी का हाथ पकड़ कर ले गया अपनी झोंपड़ी में. झोपड़ी की दशा देख कर सेठ जी का मन बहुत दुखी हुआ, बुजुर्ग अपनी पत्नी के साथ रह रहे थे, बुजुर्ग ने अपनी दर्द भरी कहानी सुनानी शुरू की और सेठ जी को दो सूटकेस पैसों से भरे दिए और रोते हुए कहने लगे मैने अपनी ज़िंदगी में पाप का पैसा कमाया हमारा सब कुछ ख़त्म हो गया आज हमारी ये दुर्दशा तुम देख ही रहे हो, सिर्फ़ ये पैसे बचे हैं जो मैं तुमको देना चाहता हूँ और अब मैं प्रायश्चित करना चाहता हूँ . सेठ जी एक दम सकते में आ गए क्या करूँ कागज में जो लिखा था सब सच हो रहा था.सेठ जी ने यह बात सिर्फ़ अपने बड़े बेटे व पत्नी को बताई और खाटू श्याम बुला लिया. सेठ जी में भी ईमानदारी का परिचय दिया.उन पैसों से एक सुन्दर धर्मशाला बनवाई, उन बुजुर्ग दम्पत्ति को धर्मशाला में रहने को बुला लिया, सेठ जी भी अपनी पत्नी के साथ धर्मशाला में ही रहने लगे, उसी पैसे से कई जगह प्याऊ बनवाई, एक गौशाला का निर्माण करवाया, एक प्राईमरी स्कूल का निर्माण करवाया, बुजुर्ग दम्पत्ति सेठ जी से बोले बेटा … तुम बहुत अच्छे हो तुमने सब काम कर दिया तुम अब यही हमारे साथ मेरे बेटे की तरह रहना , लेकिन बेटा ये बताओ मैं इतने सारे लोगों से टकराया पर कोई भी मेरे साथ चलने को तैयार नहीं हुआ फिर तुम कैसे मेरे साथ मेरी झोपड़ी तक आए और मेरी सब बात सुनी और इतने आसानी से ये सब काम कर दिए जो मैं अपनी ज़िंदगी में कर ना चाहता था … सेठ जी की आँखो में आंसू आ गए और बुजुर्ग का हाथ पकड़ कर सब कुछ बता दिया उस कागज के बारे में… ये सब सुनते सुनते बुजुर्ग सेठ जी से गले लग कर बहुत रोए … जो भी वहाँ था सबकी आँखो में आँसू थे …बुजुर्ग दम्पत्ति सेठ जी से बोले बेटा एक काम और करना हर साल ५ गरीब बिटियों की शादी भी करते रहना … सेठ जी ने हामी भर दी …जय खाटूश्याम बाबा तेरी महिमा तू ही जाने … तू कब क्या कर दे कुछ नहीं पता … बुजुर्ग कही के सेठ जी कही के …कैसे एक कागज ने सब कुछ कर दिया … तेरी महिमा अपरम्पार … जय बाबा खाटूश्याम … हारे का सहारा बाबा खाटूश्याम हमारा …