Risky Love - 33 in Hindi Thriller by Ashish Kumar Trivedi books and stories PDF | रिस्की लव - 33

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रिस्की लव - 33



    (33)

सागर खत्री की घूरती हुई निगाहें ‌मीरा के शरीर में ‌सिहरन पैदा कर रही थीं।‌ वह उन निगाहों की ज़द से दूर भाग जाना चाहती थी। लेकिन वह ऐसा कर नहीं सकती थी। कुछ देर तक घूरने के बाद सागर खत्री ‌ने सवाल किया,
"अंजन को धोखा क्यों दिया ?"
उसने बिना तेज़ आवाज़ किए यह सवाल किया था। पर उसकी आवाज़ में जो गुस्सा था उसने मीरा के मन में खौफ पैदा कर दिया। वह कांपते हुए बोली,
"मैंने कोई धोखा नहीं दिया।"
"तुमने ही मानवी और निर्भय को उसके बीच हाउस जाने की खबर दी थी।"
मीरा ने खुद को बचाने के लिए कहा,
"मैं किसी मानवी और निर्भय को नहीं जानती हूँ।"
सागर ने एक बार फिर उसे घूरकर देखा। फिर कड़क कर बोला,
"तुम जिस घर में रह रही थी वह निर्भय का है। अगर जानती नहीं हो तो उसके घर में क्या कर रही थी।"
मीरा इतनी घबराई हुई थी कि उसे यह भी ध्यान नहीं रहा था कि उसका अपहरण निर्भय के घर से ही हुआ था। सागर खत्री की इस बात पर वह चुप हो गई। उसे पूरा यकीन था कि अब वह उसे मार देगा। उसने गिड़गिड़ा कर कहा,
"प्लीज़ मुझे छोड़ दो। गलती हो गई मुझसे।"
"जानता हूँ तुम्हारी कुंडली खंगाली है मैंने। पहली बार नहीं है कि तुमने किसी को धोखा दिया है। इससे पहले भी कई मर्दों को इसी तरह धोखा दे चुकी हो तुम। लेकिन हर बार सिर्फ तुम इस्तेमाल करके छोड़ देती थी। इस बार जान लेने की कोशिश की।"
मीरा का चेहरा सफेद पड़ गया था। सागर खत्री उसके बारे में बहुत कुछ जानता था। सागर खत्री ने आगे कहा,
"लेकिन इस बार तुमने अंजन को धोखा दिया है। तुम बेवकूफ हो। इतने दिन उसके साथ रिश्ता रखा। फिर भी उसकी ताकत नहीं पहचान पाई। तुम्हें पैसा ही चाहिए था ना। आखिर मानव और निर्भय ने कितना पैसा दिया होगा। अंजन से धोखा ना करती तो रानी बनाकर रखता। अब तुम्हारे साथ क्या करना है यह वही तय करेगा। तब तक तुम मेरे इस बंगले में रहोगी।"
उसने इंटरकॉम पर किसी से बात की। एक लड़की आई। सागर खत्री ने उससे कहा,
"ये हमारी खास मेहमान है। इसे ले जाओ। खास खयाल रखना इसका।"
उसके बाद उसने मीरा से कहा,
"यहाँ से निकल जाओ यह मुमकिन नहीं है। इसलिए कोई ऐसी हरकत मत करना कि हमें मेहमान नवाज़ी भूलकर तुम्हारे साथ सख्ती करनी पड़े।"
वह लड़की मीरा को लेकर चली गई। लिफ्ट से वो लोग चौथे फ्लोर पर गए। यहाँ एक पूरा सुइट था। मीरा को छोड़कर जाते समय उस लड़की ने कहा,
"यहाँ ज़रूरत की हर चीज़ है। खाना नाश्ता समय पर यहीं मिल जाएगा। किसी चीज़ की ज़रूरत हो तो इंटरकॉम पर बता दीजिएगा।"
वह लड़की चली गई। मीरा अपने खूबसूरत कैदखाने को देख रही थी। 

अंजन को खबर मिली कि माइकल के आदमी ने अपना बयान दे दिया है। अपने बयान में उसने समर का नाम लिया है। यह सुनते ही अंजन सतर्क हो गया। उसने अपने दोस्त सागर खत्री को फोन करके बताया कि अगर पुलिस समर तक पहुँच गई तो फिर उस तक पहुँचने में देर नहीं लगेगी। वह लंदन आना चाहता है। सागर खत्री ने उससे कहा कि वह लंदन ना आए। वहाँ अक्सर उसका आना जाना लगा रहता है। पुलिस उसे वहाँ भी तलाश कर सकती है। वह सिंगापुर आ जाए।
समर ने उससे संपर्क करने की कोशिश की। उसने कोई जवाब नहीं दिया। अपना सिमकार्ड निकाल कर फेंक दिया।‌ एक दूसरा सिम इस्तेमाल करने लगा।
सागर खत्री की बात अंजन को ठीक लगी थी। वह सिंगापुर के लिए निकल गया।

मीरा खाना खाने के बाद अपने बेड पर लेटी थी। खाना खाने में उसका मन नहीं लगा था। उसने बहुत थोड़ा सा खाना खाया था। इस समय उसकी स्थिति उस कैदी की तरह थी जिसे कुछ ही समय में फांसी मिलनी हो। बेड पर लेटे हुए उसके मन में सागर खत्री की बात घूम रही थी। 
'आखिर मानव और निर्भय ने कितना पैसा दिया होगा। अंजन से धोखा ना करती तो रानी बनाकर रखता।'
मीरा सोच रही थी कि पैसा तो उसे मुंह मांगा मिला था। लेकिन अगर उसकी बुद्धि समय पर काम कर गई होती तो अंजन से शादी करके आराम से रह सकती थी। उसने अंजन से पहले भी तीन लोगों के साथ प्रेम संबंध रखा था। पर उसका मकसद उनकी दौलत और रसूख का फायदा उठाकर आगे बढ़ जाना था। उसने वैसा ही किया भी।
अंजन के साथ भी वह इसी नियत से जुड़ी थी। यहाँ उसका दोहरा फायदा था। अंजन तो उस पर पैसे खर्च ही करता था।‌ मानवी और निर्भय ने भी उसे पैसे देने की बात कही थी। 
मीरा अंजन का खूब फायदा उठा चुकी थी। वह जानती थी कि अंजन उससे अपने प्यार का इज़हार करने के लिए बीच हाउस ले जा रहा है। वह अब उसके साथ रिश्ता खत्म करना चाहती थी। 
अंजन ने उससे कई बार अपने बीच हाउस शिमरिंग स्टार्स चलने की बात कही थी। मानवी और निर्भय अंजन से बदला लेने के लिए भारत आए हुए हैं यह उसे पता था। उन्होंने उससे कहा था कि वह ‌उसे बीच हाउस लेकर आए। पर अंजन ने खुद ही बीच हाउस जाने की बात कही। तैयार होने के समय वह यही सोच रही थी कि अच्छा मौका है। अगर वह मानवी और निर्भय को उसके बीच हाउस जाने की बात बता दे तो वह उससे अपना बदला ले लेंगे। वह मुक्त हो जाएगी। वह फोन करने की सोच रही थी कि मानवी का फोन आ गया। उसने उसे सबकुछ बता दिया।
उसने सोचा था कि अंजन का खात्मा होने के बाद वह वहाँ से निकल जाएगी। पर अंजन ने उसे पंकज के साथ जाने को कहा। उसने सोचा था कि पंकज उसे अंजन के घर ले जाएगा। कुछ दिन अफसोस करके वह चुपचाप लंदन चली जाएगी। किसी को उस पर शक नहीं होगा। पर पंकज उसे किडनैप करके ले गया और कैद कर दिया।
आज वह अंजन के दोस्त सागर खत्री की कैद में थी। सागर खत्री ने कहा था कि अंजन आकर फैसला करेगा कि उसका क्या करना है। 
वह डर के साए में अंजन के आने की राह देख रही थी।

समर को मीडिया से खबर मिली कि माइकल मारा गया और उसका एक साथी घायल हो गया है। वह पुलिस की गिरफ्त में है। पर अधिक घायल हो जाने के कारण अस्पताल में भर्ती है। यह खबर सुनते ही समर गोवा छोड़कर पुड्डूचेरी भाग गया। उसने अपना एक आदमी वहाँ स्थितियों पर नज़र बनाए रखने के लिए लगा दिया था। 
उसे उम्मीद थी कि शायद माइकल का घायल साथी अधिक गंभीर होगा और बच नहीं पाएगा। पर उसकी उम्मीद से ठीक उल्टा हुआ।‌ माइकल का साथी बच गया। उसने पुलिस को बयान दे दिया। उसने क्या बयान दिया यह तो समर को नहीं पता चला। लेकिन वह जानता था कि उसका नाम अवश्य सामने आ गया होगा। उसने ‌फौरन अंजन को फोन किया। पहले तो उसने फोन उठाया नहीं। उसके बाद जब समर ने दोबारा फोन मिलाया तो नंबर स्विच्ड ऑफ बता रहा था।
समर समझ गया कि अंजन उससे संपर्क नहीं रखना चाहता है। वह खुद अपने आप को बचाने की कोशिश कर रहा होगा। समर भी पुलिस की गिरप्त में नहीं आना चाहता था। उसने भी विदेश भागने का फैसला किया।
उसका एक ठिकाना दुबई में भी था। उसने तय किया कि वह ट्रेन से चेन्नई जाएगा। फिर वहाँ से दुबई की फ्लाइट पकड़ेगा।

इंस्पेक्टर कौशल सावंत के सामने समर का नाम आया तो उसने उसके बारे में पता किया। उसे उसके मोटेल के बारे में पता चला। अपनी टीम के साथ वहाँ पहुँचा। उसने वहाँ के मैनेजर और कर्मचारियों से उसके बारे में पूँछताछ की। पर किसी को भी उसके बारे में कुछ पता नहीं चला। कर्मचारियों का कहना था कि वह अक्सर ही कुछ दिनों के लिए बिना बताए चले जाते हैं। इसलिए कहना कठिन है कि वह कहाँ गए हैं। मोटेल से इंस्पेक्टर कौशल सावंत समर के घर गया। समर अकेला रहता था। उसके नौकर ने बताया कि अचानक ही वो कुछ सामान पैक कर कहीं चले गए। 
समर की खोज करना इंस्पेक्टर कौशल सावंत के लिए ज़रूरी था। उसने गोवा के आसपास के राज्यों में समर की डीटेल्स भिजवाकर वहाँ की पुलिस से सहायता मांगी।

सागर खत्री बंगले के दूसरे फ्लोर पर रहता था। इस फ्लोर पर उसका खूबसूरत सुइट था। उसके साथ यहाँ उसकी गर्लफ्रेंड अलीशिया भी रहती थी। लंदन के बाद यह उसका ऐसा ठिकाना था जहाँ वह साल के कम से कम दो महीने बिताता था। 
इस समय वह बेड पर लेटा था। अलीशिया उसकी बाहों में थी। लेकिन उसके मन में मीरा का खयाल घूम रहा था। यह सोचकर कि उसने उसके दोस्त को धोखा दिया उसका मन गुस्से से भरा हुआ था। उसने अलीशिया की बाहों से खुद को निकाला और बेडरूम से बाहर निकल गया। वह बार काउंटर में गया। अपने लिए एक ड्रिंक बनाया और पीने लगा। कुछ देर बाद अलीशिया कमरे से बाहर आई। वह समझ नहीं पा रही थी कि सागर खत्री के इस व्यवहार का क्या मतलब है। सागर खत्री ने उससे कहा कि अभी वह कुछ ना पूँछे। जाकर सो जाए। उसका खराब मूड देखकर अलीशिया चुपचाप बेडरूम में चली गई। 
सागर खत्री ने अंजन को मीरा के बारे में कुछ नहीं बताया था। वह चाहता था कि जब वह आ जाए तो इत्मीनान से उसे सारी बात बताएगा। फिर मीरा का क्या करना है यह फैसला वह लेगा।