Nagin ka akhri intakam in Hindi Short Stories by Appa Jaunjat books and stories PDF | नागिन का आखरी इंतकाम - भाग-१

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नागिन का आखरी इंतकाम - भाग-१

हे एक गाव मै एक लडकी और उसका पती और उसके मा बाबा रहथे थे लेकीन ऊन चारो को कोई तो मारदेता हे उसे किसने मारा देखेगे हम एक शहर में एक शुभांगी नाम की एक लडकी रेहती थी उसके घरमे program होता हे वो शिवमंदिर जारहीथी लेकीन उसका बाप आजा ता हे शुभांगी के बाप का नाम नरेंद्र था उसने बोहत पाप किये थे लेकीन वो उसे शिवमंदिर मे मारडालता हे ओर उसे जमीन के अंदर गाड देता हे ओर चला जाता है तब अचानक से बिजलिया जोर से बजती हे तब शुभांगी मंदिर मे होती हे शिवजी उसे इच्छाधारी नागिन का वरदान देते हे ओर उसे एक नया चेहरा देते हे ओर एक राज बताते हे . शुभांगी घर जाती हे वो नागिन रुप लेकर अपने कमरे मे जाती हे तब उसकी बेहन देखलेती हे ओर नागिन हे तब शुभांगी भाग जाती हे ओर शिवमंदिर मे जाकर सोचती हे तब उसे कैसी तो आवाज आती है वो देखनी जाती हे शिवमंदिर के पिछेसे आवाज आती है तब शुभांगी वो गेट तोड देती है तब उसमे उसके मा बाबा होते हे शुभांगी उसके नकली मा को फोन करती है और उसे शिवमंदिर मे बोलाकर मारडालती हे तब नरेंद्र शुभांगी के मा बाबा को मारडालता हे तब शुभांगी उसे मारने जाए तब कोइ तो लडका शुभांगी को गाडी से उडा देता हे तब वो गाडी आगे जाकर रुक जाती हे वो लडका शुभांगी को गाडी मे बिठाकर hospital ले जाता है और वो चला जाता है शुभांगी भी चली जाती हे और अपना नया घर धोंडती हे ओर उसे मिल जाता है धीरे धीरे वो काम पे चली जाती हे उसका boss उसके प्यार में पड जाता है उसका नाम दिपक था फिर शुभांगी भी प्यार में पड जाती हे ओर दोनो शादी करलेते हे दिपक के घर में नरेंद्र था तब शुभांगी अपना रुप लेती हे तब नरेंद्र, दिपक, राहुल, मीनाक्षी,शेषा अपना भी रुप लेते हे तब दिपक उसे कमरे मे ले जाता है शुभांगी सोबाह उठकर एक रहस्य म ए मंदिर जाती हे उसे एक किताब मिलती है उसमे सब लिखा होता हे उसमे चंद्रकला की काहाणी लिखी होती हे चंद्रकला उस दिन अपने घर जारही थी तब कोछ लडके उसे छेडते हे तब वो अपना नागिन रुप लेकर उने डराती हे ओर वो भाग जाते हे चंद्रकला की कल शादी थी उसकी शादी हो जाती हे ओर उन्हे एक बच्ची हो जाती है और वो घोमणे जाती हे तब सामणे से एक बडी गाडी आती है और वो गाडी 🚚 चंद्रकला की गाडी को खाई मे फेक देती है और शुभांगी मर जाती हे उस का इंतकाम शुभांगी ले गी ओर नरेंद्र को चंद्रकला ही मार सकती हे तब शुभांगी घर चली जाती हे उसका पती उसे मारने की कोशीस करता हे शुभांगी उसे बेहुश कर देती है कल उनके घरमे भगवान गणेश आते है तब पेहलि आरती शुभांगी लेती हे तब उसे कैसी तो आवाज आती है वो देखणे जाती है तब उसे एक दरवाजा दिखता हे तब नरेंद्र आता हे उसे रोकलेता हे शुभांगी चली जाती हे