The Author Sarvesh Saxena Follow Current Read The Seven Doors - 2 By Sarvesh Saxena Hindi Horror Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books પ્રેમ થાય કે કરાય? ભાગ - 21 સગાઈ"મમ્મી હું મારા મિત્રો સાથે મોલમાં જાવ છું. તારે કંઈ લાવ... ખજાનો - 85 પોતાના ભાણેજ ઇબતિહાજના ખભે હાથ મૂકી તેને પ્રકૃતિ અને માનવ વચ... ભાગવત રહસ્ય - 118 ભાગવત રહસ્ય-૧૧૮ શિવજી સમાધિમાંથી જાગ્યા-પૂછે છે-દેવી,આજે બ... ગામડા નો શિયાળો કેમ છો મિત્રો મજા માં ને , હું લય ને આવી છું નવી વાર્તા કે ગ... પ્રેમતૃષ્ણા - ભાગ 9 અહી અરવિંદ ભાઈ અને પ્રિન્સિપાલ સર પોતાની વાતો કરી રહ્યા .અવન... 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"वास्को, वास्को नाम था, मेरे उस बच्चे का" बुढ़िया ने उदास होते हुए कहा, और फिर बोली," मेरे बच्चों तुम वहां मत जाओ, मैं वास्को को तो बचा ना सकीं पर तुम दोनों को रोक लूँगी " lदोनों बुढ़िया की बात ना मानकर जाने की बहुत जिद करने लगे तब बुढ़िया ने उनको बिठाकर एक बॉक्स खोला और उसमें से एक छड़ी निकाली और कहा, "यह छड़ी जादुई छड़ी है, इसकी मदद से तुम शैतानों से बचे रहोगे इसकी जादुई शक्तियां लड़ने में तुम्हारी मदद करेंगी, लेकिन ये छड़ी तभी काम करेगी जब तुम खुद अपनी रक्षा के लिए लड़ोगे l बुढ़िया रोते हुए उन को विदा करने लगी फिर बोली," मेरे पोते को जल्दी ले आना उसे गए कई साल हो गए हैं, तुम लोग भी जल्दी आना मेरे बच्चों", फिर बुढ़िया उन्हें आधी रात दूर जंगल में एक बड़े से पेड़ के पास ले गई, वह बहुत डरावना पेड़ था, बुढ़िया बोली, " रात के 12 बजते ही पूर्व दिशा मे वो दरवाजा प्रकट होगा यही पहला दरवाजा है, लेकिन समय रहते ही उसमे प्रवेश करना होता है वरना दरवाजा फिर गायब हो जाएगा" l यह कहकर बुढ़िया ने अपनी आँखे बन्द की और कुछ बड़बड़ाने लगी, तभी तेज़ हवाएं चलने लगी और सब हिलने लगा और तेज़ लाल रोशनी के साथ एक दरवाजा प्रकट हो गया l बच्चे उस दरवाजे और लाल रोशनी देख डर गए, तभी बुढ़िया बड़ी तेज़ चिल्लाती हुई उनकी और दौड़ी," जाओ बच्चों, जल्दी जाओ वरना दरवाजा गायब हो जाएगा" l दोनों बच्चे धीरे धीरे आगे बढ़ने लगे तभी पीछे से बुढ़िया ने उन्हें धक्का दे दिया और वो दरवाजे के अंदर चले गए, उनके जाते ही दरवाजा गायब हो गया l दरवाजे के अंदर दोनों ने घबराकर इधर-उधर देखा बहुत अंधेरा था, अचानक वो फिसले और तेजी से फिसलते फिसलते जब रुके तो देखा कि वो एक नई दुनिया में आ गए थे lउन लोगों ने अपने चारों ओर ध्यान से देखा वहां चारों ओर मशीन ही मशीन थी, आदमी और बच्चे सब रोबोट की तरह काम कर रहे थे और लोग चलने की जगह उड़ रहे थे, हर चीज मशीन की थी, पेड़ पौधे, फल, फूल, जानवर सब कुछ मशीन के लग रहे थे, ऐसा लग रहा था जैसे यह दुनिया मशीन की दुनिया हो और वह मशीनों की दुनिया में आ गए थे, वो दोनों एक कोने में जाकर छुप कर उन लोगों को देखने लगे उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें और किधर जाएं सारी मशीने या रोबोट कह लो, वह लोग काम में बहुत व्यस्त थे, कोई कुछ मशीन खोलता कोई कुछ बनाता, कोई औरत बच्चों को खिलाती, कुछ बच्चे पढ़ते, सब कुछ आम जिंदगी की तरह लग रहा था बस फर्क इतना था की हर चीज मशीन की थी तभी अचानक एक औरत जो कि रोबोट थी उसकी नजर दोनों बच्चों पर पड़ गई और वह उनके पास आई और बोली, "तुम लोग कौन हो? और यहां क्या कर रहे हो?", वह उनके हाथ पकड़कर तेजी से फिसलती हुई सब के पास चली गई l सारे आदमी औरत रोबोट उनके पास आकर उन्हें देखने लगे कोई उनके बालों को ध्यान से देखता, कोई मुंह को, कोई बोलने का तरीका, सब रोबोट उन्हें गौर से देखने और छूने लगे तभी रशेल और एंजेल ने कुछ कहा और दोनों बेहोश होकर गिर पड़े l रोबोट शांत हो गए फिर थोड़ी देर बाद दोनों बच्चे उठे और रोबोट की तरह चलने और बोलने लगे तब सारे रोबोट खुशी से नाचने लगे पर जब रोबोट ने उन्हें उड़ने के लिए कहा तो दोनों उड़ नहीं पाए और सब ने मिलकर दोनों एक अनजान जगह बंद कर दिया l उस अनजान जगह पे इधर उधर देखने पर उन्हें कुछ दिखाई दिया, पास जाकर देखा तो वो एक दम घबरा गए, एक विशालकाय मशीन के अंदर एक आदमी बंद था जिसका सिर्फ चेहरा दिख रहा था और नीचे से एक अजीब काला पदार्थ निकल रहा था, दोनों बच्चों ने एक दूसरे को देखा और कहा, " ये मशीने इंसान की जान भी ले लेती है.!! उन्होंने सामने बंधे आदमी से कुछ पूछना चाहा कि तभी वो आदमी चिल्ला पड़ा," यहाँ से चलो जाओ ..... यहां से चले जाओ यहां तुम लोगों को मौत के सिवाय कुछ नहीं मिलेगा " एंजेल और रशेल ने उस आदमी से पूछा कि," तुम्हें यहां मशीन में क्यों बांधा गया है"? तो उसने बताया, "यह मशीनों की दुनिया है, यहां जो भी इंसान आता है ये मशीनी इंसान उसको इन बड़ी मशीनों में कैद कर लेते हैं और फिर इंसानों को मशीनें धीरे-धीरे जलाती हैं और जलाने के बाद जो पदार्थ निकलता है उसे ये नए मशीनी इंसान बनाने मे प्रयोग करते हैं, तुम लोग भाग जाओ" ये कहकर वो आदमी बेहोश हो गया l अब उनकी चिंता बढ़ने लगी क्योंकि एक दरवाजे से सिर्फ एक दिन के अंदर ही निकल कर दूसरे दरवाजे में जाना होता था वरना पांच साल तक उसी दरवाजे में बंद रहना पड़ेगा l उस बूढ़ी औरत ने उन दोनों को एक दिशा और समय मापी यंत्र दिया था, जिसमें समय का पता चलता रहे पर दरवाजों के अंदर का दिन बाहर के 10 दिनों के बराबर था पर फिर भी यह काम खतरनाक था l दोनों ने उस आदमी को खोलने के लिए जैसे ही मशीन को हाथ लगाया वहाँ दो मशीनी दैत्य आ गए और बच्चों को मारने लगे, उनको रोकने के लिए एंजेल ने छड़ी निकाली और उन मशीनी दैत्यों का सामना किया,रशेल ने भी अपनी होशियारी से दैत्यों को चकमा दिया वो वहा रखी मशीनों के पीछे जा छुपा और उन दैत्य मशीनों ने प्रहार कर कर के सभी मशीन खत्म कर दीं l रशेल भागते भागते एक कमरे मे चला गया वहां उसे एक बच्चा दिखाई दिया जो लगभग 6 साल का था, बच्चे ने अपने नाम ब्रैवो बताया l रशेल ने उसे अपने साथ ले लिया पर उन्हें बहुत घबराहट हो रही थी, वो तीनों वहाँ से भागने लगे तभी ब्रैवो ने बताया वहां पर कुछ होने वाला है, तभी एंजेल के हाथ मे उस समय व दिशा यंत्र की सूइयां हिलने लगीं अब रात के बारह बजने वाले थे और अचानक एक दरवाजा प्रकट हुआ जिससे बड़ी तेज़ लाल रोशनी निकलने लगी, तीनों दरवाजे की ओर दौड़े पर बीच मे वो दैत्य मशीन आगई, ब्रैवो ने उस दैत्य के ऊपर चढकर एक पेच निकाल दिया जिस से वो वही ढेर हो गया, इस से पहले कोई और मुसीबत आती वो जल्दी से उस दरवाजे में कूद गए और पीछे से दो-तीन रोबोट भी भागते आए पर तभी दरवाज़ा गायब हो गया और वो रोबोट देखते ही रह गए lआगे की कहानी अगले भाग मे..कहानी पढ़ने के लिए आप सभी मित्रों का आभार lकृपया अपनी राय जरूर दें, आप चाहें तो मुझे मेसेज बॉक्स मे मैसेज कर सकते हैं l?धन्यवाद् ?? सर्वेश कुमार सक्सेना ‹ Previous ChapterThe Seven Doors - 1 › Next Chapter The Seven Doors - 3 Download Our App