ये तो आप-हम सभी जानते हैं कि पानी हमारे लिए कितना आवश्यक है। ठीक उसी प्रकार एक और चीज़ जो हमारे शरीर के अत्याधिक आवश्यक है और वो है ख़ून।ऐसा इसलिए कि- एक बार मैं अपने दोस्त के साथ गर्मियों के दिनों में शिमला घूमने गया हुआ था। मैं बिहार का रहने वाला हूँ और हमारे यहाँ गर्मियों के समय कुछ ज़्यादा ही गर्मी पडती है। इसलिए मैं और मेरा दोस्त शिमला गर्मियों की छुट्टी बिताने गये हुए थे।
हमने क़रीब आठ-दस दिन बहुत ही मज़े से बिताए। फिर हमने सोचा कि आज पहाडियों पर घूमने चलेंगे। और थोडी ही देर बाद हम पहाडियों पर घूमने चले गये। पहाडों पर से नीचे का दृश्य बहुत ही शानदार दिखाई पड़ रहा था। तो हमने सोचा कि क्यों ना और ऊपर जाकर इन ठंडी हवाओं और बादलों का लुफ़्त उठाया जाए। और फिर हम दोनों ऊपर की तरफ़ चल दिये। जब हम ऊपर जा रहे थे तो अचानक मेरे दोस्त की तबीयत ख़राब हो गयी। फिर हम नीचे आने लगे। लेकिन कुछ ही मिनटों में उसकी तबीयत और भी ज़्यादा ख़राब हो गयी। उसे ख़ून की उल्टियां होने लगी।
उसकी हालत को देखकर शिमला की इतनी ठंड में पसीनों से तरबतर हो गया। वहाँ नज़दीक कोई अस्पताल भी नही था। क्योंकि पहाडों से शहर की ख़बसूरती देखने के चक्कर में हम कुछ ज़्यादा ही ऊपर चले गये थे। अब वो भी ख़ुद चलने की हालत में नही था। मैने उसे अपने कंधों पर उठाया और नीचे की तरफ़ आने लगा। काफ़ी मसक्क़त के बाद मैं उसे अस्पताल तक लाने में सफ़ल हुआ।
मैं उसे सीधा बड़े डॉक्टर के पास ले गया और उस डॉक्टर ने जल्दी ही उसका इलाज़ शुरू कर दिया।
मैं बहुत देर तक डॉक्टर के बाहर आने का इंतज़ार करता रहा। ताकि उससे अपने दोस्त की हालत का जायज़ा ले सकूँ। बहुत देर के बाद डॉक्टर साहब बाहर आए, मैं भागकर उनके पास गया। और पूछा कि अब मेरे दोस्त की तबीयत कैसी है?
तो डॉक्टर ने कहा कि "उनके शरीर में ख़ून बिलकुल भी नही है और अगर उन्हें जल्दी ही ख़ून नही दिया गया तो उनकी जान भी जा सकती है।"
डॉक्टर की बात सुनकर मैं अंचमभित-सा खड़ा रह गया।
सच में उल्टियों के साथ ख़ून बहुत ज़्यादा निकल गया था। डॉक्टर ने बताया कि उसे बहुत समय से साँस की बीमारी है। और बहुत ज़्यादा चलने के कारण उसे ख़ून की उल्टी हुई।
जो ख़ून उसे चाहिए था वो अस्पताल में नही था और बदक़िस्मती से वहाँ दूरों तक कोई भी अस्पताल नही था। और समय से ख़ून ना मिलने के कारण मेरे दोस्त हमेशा-हमेशा के लिए मुझे छोड़कर भगवान के पास चला गया।
उस समय मुझे लगा कि- मनुष्य को जीवन में जितनी आवश्यकता पानी की है, उतनी ही आवश्यकता ख़ून की भी है।
शिक्षा
समस्या प्रत्येक व्यक़्ति के जीवन में होती है। उसे अनदेखा करने की बज़ाय, उसे दूर या ख़त्म करने की कोशिश करें। क्योंकि कोई भी समस्या, कोई भी बीमारी छोटी नही होती है। इसीलिए समय रहते ही इलाज़ कराओ।
मंजीत सिंह गौहर