इस कहानी में रतन अपने पति की मृत्यु के बाद गहरे शोक में डूबी हुई है। उसकी मानसिक स्थिति इतनी खराब है कि वह न घर की चिंता करती है, न खाने-पीने की। वह अपने पति के गुणों का गुणगान करती है और अपनी कर्तव्यहीनता पर पछताती है। इस दौरान, वकील साहब के भतीजे मणिभूषण ने अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए रतन के धन और संपत्ति पर कब्जा कर लिया है। मणिभूषण ने बैंक के रूपए और किराए का लेन-देन अपने नाम से शुरू कर दिया और रतन को इस सबकी कोई जानकारी नहीं है। जब रतन को इस बारे में बताया जाता है, तो वह गुस्से में आ जाती है, लेकिन मणिभूषण ने अपने चालाकी से सभी को अपने पक्ष में कर लिया है। रतन की स्थिति इस समय बेहद कठिन है, क्योंकि वह अपने दुख में खोई हुई है और आसपास के लोगों पर भरोसा नहीं कर पा रही है। गबन अध्याय 4 by Munshi Premchand in Hindi Short Stories 8 3.5k Downloads 12.4k Views Writen by Munshi Premchand Category Short Stories Read Full Story Download on Mobile Description ग़बन प्रेमचंद द्वारा रचित उपन्यास है। ‘निर्मला’ के बाद ‘गबन’ प्रेमचंद का दूसरा यथार्थवादी उपन्यास है। कहना चाहिए कि यह उसके विकास की अगली कड़ी है। ग़बन का मूल विषय है - महिलाओं का पति के जीवन पर प्रभाव । ग़बन प्रेमचन्द के एक विशेष चिन्ताकुल विषय से सम्बन्धित उपन्यास है। यह विषय है, गहनों के प्रति पत्नी के लगाव का पति के जीवन पर प्रभाव। गबन में टूटते मूल्यों के अंधेरे में भटकते मध्यवर्ग का वास्तविक चित्रण किया गया। इन्होंने समझौतापरस्त और महत्वाकांक्षा से पूर्ण मनोवृत्ति तथा पुलिस के चरित्र को बेबाकी से प्रस्तुत करते हुए कहानी को जीवंत बना दिया गया है। इस उपन्यास में प्रेमचंद ने पहली नारी समस्या को व्यापक भारतीय परिप्रेक्ष्य में रखकर देखा है और उसे तत्कालीन भारतीय स्वाधीनता आंदोलन से जोड़कर देखा है। सामाजिक जीवन और कथा-साहित्य के लिए यह एक नई दिशा की ओर संकेत करता है। यह उपन्यास जीवन की असलियत की छानबीन अधिक गहराई से करता है, भ्रम को तोड़ता है। नए रास्ते तलाशने के लिए पाठक को नई प्रेरणा देता है। कलकत्ते में रमानाथ अपने हितैषी देवीदीन खटिक के यहाँ कुछ दिनों तक गुप्त रूप से रहने के बाद चाय की दुकान खोल लेते हैं। वे अपनी वास्तविकता छिपाए रहते हैं। एक दिन जब वे नाटक देखकर लौट रहे थे, पुलिस उन्हें शुबहे में पकड़ लेती है। घबराहट में रमानाथ अपने ग़बन आदि के बारे में सारी कथा सुना देते हैं। पुलिसवाले अपनी तहकीकात द्वारा उन्हें निर्दोष पाते हुए भी नहीं छोड़ते और उन्हें क्रांतिकारियों पर चल रहे एक मुक़दमें के गवाह के रूप में पेश कर देते हैं। जेल- जीवन से भयभीत होने के कारण रमानाथ पुलिसवालों की बात मान लेते हैं। पुलिस ने उन्हें एक बँगले में बड़े आराम से रखा और ज़ोहरा नामक एक वेश्या उनके मनोरंजन के लिए नियुक्त की गयी। उधर जालपा रतन के परामर्श से शतरंज- सम्बन्धी 50 - का एक विज्ञापन प्रकाशित करती है। जिस व्यक्ति ने वह विज्ञापन जीता, वह रमानाथ ही थे और इससे जालपा को मालूम हो गया कि वे कलकत्ते में हैं। खोजते- खोजते वह देवीदीन खटिक के यहाँ पहुँच जाती है और रमानाथ को पुलिस के कुचक्र से निकालने की असफल चेष्टा करती है। रतन भी उन्हीं दिनों अपने बूढ़े पति का इलाज कराने के लिए कलकत्ते आती है। पति की मृत्यु के बाद वह जालपा की सहायता करने में किसी प्रकार का संकोच प्रकट नहीं करती। क्रांतिकारियों के विरूद्ध गवाही देने के पश्चात उन्हें जालपा का एक पत्र मिला, जिसने उनके भाव बदल दिये। उन्होंने जज के सामने सारी वास्तविकता प्रकट कर दी, जिससे उसको विश्वास हो गया कि निरपराध व्यक्तियों को दण्ड दिया गया है। जज ने अपना पहला निर्णय वापस ले लिया। रमानाथ, जालपा, जोहरा आदि वापस आकर प्रयाग के समीप रहने लगे। Novels गबन ग़बन प्रेमचंद द्वारा रचित उपन्यास है। ‘निर्मला’ के बाद ‘गबन’ प्रेमचंद का दूसरा यथार्थवादी उपन्यास है। कहना चाहिए कि यह उसके विकास की अगली कड़ी है। ग़ब... More Likes This My Shayari Book - 1 by Roshan baiplawat शादी एक समझौता - 1 by SUMIT PRAJAPATI रंगीन कहानी - भाग 1 by Gadriya Boy तीन लघुकथाएं by Sandeep Tomar जब अस्पताल में बच्चा बदल गया by S Sinha आशरा की जादुई दुनिया - 1 by IMoni True Love by Misha Nayra More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories