इस कहानी का शीर्षक "एक जिंदगी - दो चाहतें" है, और यह विनीता राहुरीकर द्वारा लिखी गई है। अध्याय-9 में, तनु एक केंप के पास आती है और कृष्णन से परम के हादसे के बारे में सुनती है। वह परम को ढूंढती है, जो अंदर उदास बैठा होता है। तनु धीरे से उसके पास बैठ जाती है और परम की भावनाओं को समझने की कोशिश करती है। परम को अपनी भावनाएँ व्यक्त करने में कठिनाई होती है, और वह अपनी कमजोरी को छिपाने की कोशिश करता है। तनु परम को सांत्वना देती है और उसकी बहादुरी की सराहना करती है, जिससे परम को गर्व महसूस होता है। वह सोचता है कि उसके परिवार ने कभी उसके प्रति ऐसा अहसास नहीं जताया। तनु के साथ बिताए पल उसे अपनेपन का अनुभव देते हैं, लेकिन वह अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाता। तनु के जाने के बाद, परम अपने दिल में एक दर्द और खालीपन महसूस करता है। उसे अफसोस है कि उसने तनु का फोन नंबर नहीं लिया और उसे याद करता है। राणा और रजनीश भी उसके लिए तनु की यादों में खोए रहते हैं। इस तरह, कहानी में भावनाओं, प्यार, और यादों का एक गहरा चित्रण किया गया है। एक जिंदगी - दो चाहतें - 9 by Dr Vinita Rahurikar in Hindi Motivational Stories 252 2.1k Downloads 6.4k Views Writen by Dr Vinita Rahurikar Category Motivational Stories Read Full Story Download on Mobile Description तनु उसी समय केंप के पास आयी। कृष्णन ने उसे हादसे के बारे में बताया। सुनकर तनु को भी बहुत बुरा लगा। बिना उसे कुछ पूछे ही कृष्णन ने ईशारा किया कि परम अंदर है और बहुत परेशान है। तनु धीरे से केंप के अंदर आयी। परम घुटनों में सिर दिये उदास बैठा था। तनु ने धीरे से परम के कंधे पर हाथ रखा। परम ने चौंक कर ऊपर देखा। तनु धीरे से परम के पास बैठ गयी। परम दो क्षण उसके चेहरे को देखता रहा। उसका मन कर रहा था कि तनु के कंधे पर सिर रखकर अपना दु:ख हल्का कर ले। कितना मजबूर होता है पुरुष भी, भावनाएँ होते हुए भी उन्हें व्यक्त नहीं कर सकता हमेशा डरता रहता है कि उसे 'कमजोर' ना समझ लिया जाय और उसी डर में अंदर ही अंदर घुटते हुए और भी ज्यादा कमजोर होता जाता है। Novels एक जिंदगी - दो चाहतें बचपन से ही भारतीय सेना के जवानों के लिए मेरे मन में बहुत आदर था। मेरे परिवार में कोई भी सेना में नहीं है। मैंने सिर्फ सिनेमा में सैनिकों के बहादुरी भर... More Likes This श्री बप्पा रावल श्रृंखला खण्ड-दो - षष्ठम अध्याय by The Bappa Rawal लड़का होना आसान नहीं होता - भाग 1 by parth Shukla टीपू सुल्तान - 2 by Sonu Rj जादुई मुंदरी - 1 by Darkness दस महाविद्या साधना - 1 by Darkness श्री गुरु नानक देव जी - 1 by Singh Pams शब्दों का बोझ - 1 by DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories