"मर्दानी आँख" कहानी एक युवा महिला के जीवन की चुनौतियों और संघर्षों को दर्शाती है। वह हलके गुलाबी रंग के कुरते में है, जिसमें उसकी मासूमियत कम और चालाकी अधिक है। उसकी दिनचर्या में दफ्तर की भागदौड़, मेट्रो में भीड़भाड़, और ऑटो में यात्रा शामिल है, जो उसे मानसिक और शारीरिक थकान में डाल देती है। घर जाकर, उसे माँ के साथ तनावपूर्ण माहौल का सामना करना पड़ता है, जो हमेशा उसकी तकलीफों को सुनने और साझा करने की कोशिश करती है, जबकि पिता एक चुप्पी में रहते हैं। माँ का जिद्दी स्वभाव अक्सर घर में विवाद उत्पन्न करता है, जिससे वह थक जाती है। कहानी में उसके मन में विवाह का विचार भी आता है, लेकिन दूसरों के विवाह के किस्से सुनकर उसे हिम्मत नहीं होती। वह अपने माता-पिता की जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकती और घर की तंग परिस्थिति से निबटने के लिए संघर्ष करती है। कहानी में एक महत्वपूर्ण विषय है, जब वह सार्वजनिक स्थानों पर छेड़खानी का सामना करती है, तो उसे समाज की क्रूरता और असमानता का एहसास होता है। अंततः, वह खुद से सवाल करती है कि क्या वास्तव में कोई भगवान है जो इस दुनिया की समस्याओं को देखता है। यह कहानी महिलाओं की स्थिति और उनके मानसिक संघर्षों को प्रभावी ढंग से उजागर करती है। मर्दानी आँख by Pritpal Kaur in Hindi Women Focused 12 1.8k Downloads 6.4k Views Writen by Pritpal Kaur Category Women Focused Read Full Story Download on Mobile Description हलके गुलाबी रंग के कुरते में गहरे रंग की प्रिन्ट दार पाइपिंग से सजी किनारी वाली कुर्ती उसकी गोरी रंगत पर फब रही थी. उसके चेहरे पर मासूमियत की गुन्जायिश तो कम थी लेकिन चालाकी का दंश अभी उसके दिल को पूरी तरह लपेट नहीं पाया था ये उसकी उथली आँखें और उनमें लगा ऑय लाइनर दोनों बखूबी बयां कर रहे थे. हाथों और बाजुओं पर हलके हलके छोटे छोटे रोयें साफ़ नज़र आ रहे थे. जिसका अर्थ था अब जल्दी ही वह वैक्सिंग करवाने जायेगी. दरअसल इस वक़्त उसके दिमाग में यही उधेड़बुन चल रही थी. आज मंगलवार था. दफ्तर से निकलते निकलते सात बज जायेंगे. फिर मेट्रो की धक्का मुक्की, उसके बाद आधा घंटा ऑटो में सिकुड़ के बैठना और आस पास बैठे लोगों के पसीने की गंध को झेलना, उनकी नज़रों से बचना और तब जा कर घर का मुंह देखना नसीब होता था. More Likes This चंद्रवंशी - 1 - अंक – 1.1 by yuvrajsinh Jadav विभामा - 1 by Vibhama एक लड़की सबके साथ वो सब करती - 1 by Rakesh संत श्री साईं बाबा - अध्याय 4 by ՏᎪᎠᎻᎪᏙᏆ ՏOΝᎪᎡᏦᎪᎡ ⸙ फ्लोरेंस नाइटिंगेल - 2 by Tapasya Singh गर्भ-संस्कार - भाग 1 by Renu तस्वीर - भाग - 1 by Ratna Pandey More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories