कहानी "ज्ञानी भिखारी" में ऋषि शौनक और अभिप्रत्तारी, जो वायु देव के उपासक हैं, एक दिन भोजन कर रहे होते हैं। इसी बीच एक ब्रह्मचारी भिक्षा मांगने आता है, लेकिन दोनों ऋषियों ने उसे भोजन देने से मना कर दिया। भिक्षुक ने पूछा कि वे किस देवता के उपासक हैं, और जब उन्होंने बताया कि वे वायु देव की पूजा करते हैं, तो भिक्षुक ने प्राण के जीवनदायिनी शक्ति होने की बात कही। भिक्षुक ने यह भी कहा कि प्राण हर जीव में विद्यमान है, और इसलिए वायु देव उनके भीतर भी हैं। उसने ऋषियों को यह बताकर चौंका दिया कि उनके आराध्य भूख से परेशान हैं, और अगर वे अपने देवता को भूखा रखकर भोजन करते हैं, तो यह कैसे उचित है। इस संवाद के बाद ऋषियों को अपनी गलती का एहसास हुआ। कहानी का सार है कि हर प्राणी में ईश्वर का वास होता है, और जिसे यह सत्य ज्ञात होता है, वही सच्चा ज्ञानी होता है। भगवान श्री कृष्ण ने भी कहा है कि जो सभी में ईश्वर को देखता है, वह दूसरों की पीड़ा को समझ सकता है और बिना भेदभाव के मदद कर सकता है। कहानी हमें यह सिखाती है कि ईश्वर केवल मूर्तियों में नहीं, बल्कि हर मानव में उपस्थित हैं। इसलिए हमें अपनी भक्ति में केवल बाहरी आडंबरों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि मानवता की सेवा करनी चाहिए। ज्ञानी भिखारी by Ashish Kumar Trivedi in Hindi Spiritual Stories 42 2.5k Downloads 11k Views Writen by Ashish Kumar Trivedi Category Spiritual Stories Read Full Story Download on Mobile Description ज्ञानी भिखारी ऋषि शौनक तथा अभिप्रत्तारी दोनों वायु देव के उपासक थे। एक दिन दोपहर को जब वह दोनों भोजन करने बैठे तो वहाँ एक ब्रह्मचारी आया और भिक्षा मागने लगा। लेकिन दोनों ऋषियों ने उसे भोजन देने से मना कर दिया। आश्रम में द्वार पर आए भिक्षुक को मना करना सही नहीं था। अतः उस भिक्षुक ने उनसे प्रश्न किया।"आप दोनों किस देवता के उपासक हैं।"उनमें से एक ने उत्तर दिया "हम वायु देव के उपासक हैं। वायु देव हमें जीवन शक्ति प्रदान करते हैं। इसलिए उन्हें प्राण भी कहा जाता है।"उस भिक्षुक ने बड़े ध्यान से उत्तर को More Likes This भगवद गीता क्या है और इसे क्यों पढ़ना चाहिए - अध्याय 1 by parth Shukla एक औरत की ख़ामोश उड़ान - 1 by Mohini समरादित्य महाकथा - 1 by Kapil Jain श्री दुर्गा सप्तशती- आचार्य सदानंद – समीक्षा छन्द 1 by Ram Bharose Mishra हनुमान बाहुक रहस्य -प.गंगाराम शास्त्री समीक्षा - 1 by Ram Bharose Mishra हनुमत हांक - समीक्षा व परिचय - 1 by Ram Bharose Mishra नारद भक्ति सूत्र - प्रस्तावना by Radhey Shreemali More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories