Chalis saal pahle book and story is written by महेश रौतेला in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Chalis saal pahle is also popular in Classic Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. चालीस साल पहले by महेश रौतेला in Hindi Classic Stories 7 1.8k Downloads 6.7k Views Writen by महेश रौतेला Category Classic Stories Read Full Story Download on Mobile Description चालीस साल पहले: मुझे उसका चालीस साल पहले का पहनावा याद है।क्यों ऐसा है पता नहीं! हल्के पीले रंग की स्वेटर। खोजी सी आँखें और गम्भीर चेहरा। मुस्कान अछूत सी। अपने अन्य दोस्तों का पहनावे का कोई आभास नहीं हो रह है। यहाँ तक की अपने कपड़ों का भी रंग याद नहीं है। दोस्त अजनबी बन जाते और अजनबी दोस्त। एक दोस्त को फोन किया। बातें होती रहीं जैसे कोई नदी बह रही हो, कलकल की आवाज आ रही थी पुरानी बातों की। वह डीएसबी, नैनीताल पर आ पहुँचा। बीएससी प्रथम वर्ष की यादें उसे झकझोर रही थीं। गणित वर्ग में हम साथ-साथ थे पर दोस्ती के समूह तब अलग-अलग थे। उस साल बीएससी गणित वर्ग का परिणाम तेरह प्रतिशत रहा था। वह बोला, आप तो अपनी मन की बात कह देते थे लेकिन मैं तो किसी को कह नहीं पाया। दीक्षा थी ना। मैंने कहा, हाँ, एक मोटी-मोटी लड़की तो थी,गोरी सी। वह बोला, यार, मोटी कहाँ थी! मैं जोर से हँसा। फिर वह बोला, उसने बीएससी पूरा नहीं किया। वह अमेरिका चली गयी थी। मैंने कहा, मुझे इतना तो याद नहीं है और मैं ध्यान भी नहीं रखता था तब। मेरे भुलक्कड़पन से वह थोड़ा असहज हुआ।मैंने किसी और का संदर्भ उठाया, बीएससी का ही। वह विस्तृत बातें बताने लगा जो मुझे पता नहीं थीं। फिर उसने कहा कभी मिलने का कार्यक्रम बनाओ। दिल्ली में रेलवे स्टेशन पर ही मिल लेंगे एक-दो घंटे। मैंने कहा तब तो मुझे एअरपोर्ट से रेलवे स्टेशन आना पड़ेगा या फिर रेलगाड़ी से आना पड़ेगा। उसने कहा, एअरपोर्ट पर ही मिल लेंगे। मैं सोचने लगा मेरा दोस्त ऐसा क्यों बोल रहा है अक्सर, हम किसी परिचित को घर पर मिलने को कहते हैं। नैनीताल में तो कई बार एक ही बिस्तर पर सोये थे। More Likes This तेरी मेरी यारी - 5 by Ashish Kumar Trivedi आखेट महल - 1 by Prabodh Kumar Govil कहानी फ्रेंडशिप की - 1 by Shahid Raza मीरा प्रेम का अर्थ - 3 - माधव की मीरा by sunita maurya द्वारावती - 41 by Vrajesh Shashikant Dave तमस ज्योति - 1 by Dr. Pruthvi Gohel इंद्रप्रस्थ - 2 by Shakti More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories