सागर शहर की सुबह हमेशा की तरह सुनहरी थी। सूरज की पहली किरणें जब प्रेम के कमरे की खिड़की से अंदर आतीं, तो उनकी चमक कैमरे के लेंस पर पड़ती — जैसे कोई तस्वीर खुद ज़िंदगी को कैद कर रही हो। प्रेम, जो शहर का एक जाना-पहचाना फोटोग्राफर था, हर सुबह अपने कैमरे को ऐसे साफ करता मानो वो उसका सबसे प्यारा साथी हो। उसकी ज़िंदगी का असली प्यार उसका कैमरा था —
Full Novel
लैंस के पार एक तस्वीर प्यार की - 1
लैंस के पार एक तस्वीर प्यार की Part 1:सागर शहर की सुबह हमेशा की तरह सुनहरी थी।सूरज की पहली जब प्रेम के कमरे की खिड़की से अंदर आतीं,तो उनकी चमक कैमरे के लेंस पर पड़ती —जैसे कोई तस्वीर खुद ज़िंदगी को कैद कर रही हो।प्रेम, जो शहर का एक जाना-पहचाना फोटोग्राफर था,हर सुबह अपने कैमरे को ऐसे साफ करता मानो वो उसका सबसे प्यारा साथी हो।उसकी ज़िंदगी का असली प्यार उसका कैमरा था —पर उसे क्या पता था कि आज से उसकी ज़िंदगी में एक और प्यार दस्तक देने वाला है।प्रेम का खुद का छोटा-सा फोटोग्राफी बिज़नेस था — ...Read More
लैंस के पार एक तस्वीर प्यार की - 2
Part - 2तो दोस्तों पार्ट 2 आ चुका है । ️उस रात जब शादी खत्म हुई,तो हॉल में बस लोग बचे थे —लाइट्स धीमी हो चुकी थीं,फूलों की खुशबू अब भी हवा में तैर रही थी।प्रेम अपनी टीम के साथ कैमरे पैक कर रहा था,पर उसका मन बार-बार उस गुलाबी लहंगे वाली लड़की की ओर जा रहा था।नाम तक नहीं पता था,लेकिन चेहरा ऐसे याद था जैसे बचपन की कोई प्यारी याद।सुबह जब प्रेम होटल के कमरे में उठा,तो बाहर से शादी के संगीत की आवाज़ आ रही थी —अभी विदाई का समय था।वो कैमरा लेकर नीचे पहुँचा।दुल्हन रो ...Read More
लैंस के पार एक तस्वीर प्यार की - 3 (अंतिम पार्ट )
फाइनल और लास्ट पार्ट आ चुका है। समय ऐसे ही गुजरता गया।दिन हँसी में बदल गए,रातें बातें करने में,और के फ़्रेमों में अब सिर्फ रेशमा ही बस गई थी।प्रेम के स्टूडियो की दीवार पर एक खास फोटो थी —रेशमा की वो तस्वीर जो उसने पहली बार क्लिक की थी,जब वो बालकनी में खड़ी थी।वो फोटो उसके लिए लकी बन चुकी थी।हर नए प्रोजेक्ट से पहले वो उसे देखता और मुस्कुराता।रेशमा भी अब उसके जीवन का हिस्सा बन चुकी थी।वो दोनों एक-दूसरे से कुछ भी नहीं छिपाते थे।पर ज़िंदगी हमेशा आसान नहीं होती —कभी-कभी सबसे खूबसूरत तस्वीरों में भीएक छोटी ...Read More