चित्रदास और विचित्रदास, दो ऐसे दोस्त थे जिनके स्वभाव एक-दूसरे से बिल्कुल उलट थे, जैसे दिन और रात। गंगा के किनारे बसे एक छोटे से गाँव में ये दोनों साथ बड़े हुए। बचपन में उनकी दोस्ती की मिसाल दी जाती थी, पर जैसे-जैसे वे बड़े हुए, उनके रास्ते अलग हो गए। चित्रदास एक अच्छा इंसान था, उसका दिल सोने सा था। वह गाँव में सबका चहेता था। कोई भूखा हो, तो चित्रदास अपनी रोटी उसे दे देता। गाँव की बूढी औरतों के लिए वह बेटे की तरह था, और बच्चों के लिए दोस्त जैसा। लोग कहते, “चित्रदास जैसा इंसान विरला ही पैदा होता है।” पर चित्रदास का एक रंग और था, वह भगवान में विश्वास नहीं करता था। मंदिर की घंटियाँ उसे शोर लगती थीं, और पूजा-पाठ उसे समय की बर्बादी।
यमराज का न्याय - 1
चित्रदास और विचित्रदास, दो ऐसे दोस्त थे जिनके स्वभाव एक-दूसरे से बिल्कुल उलट थे, जैसे दिन और रात।गंगा के बसे एक छोटे से गाँव में ये दोनों साथ बड़े हुए। बचपन में उनकी दोस्ती की मिसाल दी जाती थी, पर जैसे-जैसे वे बड़े हुए, उनके रास्ते अलग हो गए।चित्रदास एक अच्छा इंसान था, उसका दिल सोने सा था। वह गाँव में सबका चहेता था। कोई भूखा हो, तो चित्रदास अपनी रोटी उसे दे देता। गाँव की बूढी औरतों के लिए वह बेटे की तरह था, और बच्चों के लिए दोस्त जैसा।लोग कहते, “चित्रदास जैसा इंसान विरला ही पैदा होता ...Read More