पहाड़ों से घिरा हुआ एक खूबसूरत सा कस्बा.....आज पूरे एक महीने की कड़ाके की सर्दी के बाद सूरज ने अपनी आभा का प्रकाश यहां बिखेरा था ...मसलन आज कस्बे के इस हिस्से में भीड़ ज्यादा थी...ये यहां की इकलौती मार्केट थी.... जहां से जरुरत का सारा समान मिल जाता था ...अक्सर यहां ऐसा होता ....पूरा साल यहां सर्दी रहती...और कुछ महीने तो तापमान माइनस में चला जाता ...लोग अपने घरों में सामान का स्टॉक अच्छा खासा रखते थे.... यहां कुछ नहीं पता चलता था कि मौसम कब बदल जाए.... महीने तक चली बर्फबारी आज जाकर थमी थी... इसलिए आज लोग बाहर निकले थे....
सफ़र खूबसूरत सा - 1
पहाड़ों से घिरा हुआ एक खूबसूरत सा कस्बा.....आज पूरे एक महीने की कड़ाके की सर्दी के बाद सूरज ने आभा का प्रकाश यहां बिखेरा था ...मसलन आज कस्बे के इस हिस्से में भीड़ ज्यादा थी...ये यहां की इकलौती मार्केट थी.... जहां से जरुरत का सारा समान मिल जाता था ...अक्सर यहां ऐसा होता ....पूरा साल यहां सर्दी रहती...और कुछ महीने तो तापमान माइनस में चला जाता ...लोग अपने घरों में सामान का स्टॉक अच्छा खासा रखते थे.... यहां कुछ नहीं पता चलता था कि मौसम कब बदल जाए.... महीने तक चली बर्फबारी आज जाकर थमी थी... इसलिए आज लोग ...Read More
सफ़र खूबसूरत सा (आखिरी भाग)
ये "कस्तूरी ने किचन से बाहर झांकते हुए कहा...." ये तो यही के बच्चों ने बनाया है "कस्तूरी ने तो वो हैरान रह गया"'जानती हो बिल्कुल ऐसा ही लैंप मैंने बाजार से खरीदा था ... मुझे बहुत पसंद आया था "अमोघ ने कहा" हां तो यही से गया था ....वो...हम हर साल एक एग्जीबिशन लगाते हैं...ये लैंप यहां के एक दुकानदार को इतना पसंद आया कि उसने एक साथ पचास पीस का आर्डर दे दिया था "कस्तूरी ने कहा" वाकई....ये बच्चे अलग है"अमोघ ने कहा तो वो मुस्कुरा दिया" आय एम सॉरी...पता होता आप आ रहे है तो कुछ ...Read More