अर्णव शर्मा, एक आम सा सीधा सादा लड़का, एक ऑफिस मे काम करता ग्राफ़िक डिज़ाइनर था। शांत था, ज्यादा बोलने वाला नही था। अकेले रहना पसंद था। बोलने से ज्यादा वो लिखता रहता था, उसके हाथ मे एक डायरी और पेन जरूर रहती है, उसका अकेला पन उसे लिखने की प्रेरणा देता था ऐसा नही था दोस्त और फॅमिली नही थी। है वो सब भी है पर उसे फिर भी अकेले रहना पसंद नही था। ना कोई जिंदगी मे प्रॉब्लम थी। पर वो कहते है ना साले दोस्त कभी अकेले छोड़ते हि नही। पर फिर भी शाम के पाँच बजे से लेकर आठ बजे तक अपने लिए टाइम निकाल लेता था।
Chai ki Pyali - 1
Part: 1अर्णव शर्मा, एक आम सा सीधा सादा लड़का, एक ऑफिस मे काम करता ग्राफ़िक डिज़ाइनर था। शांत था, बोलने वाला नही था। अकेले रहना पसंद था।बोलने से ज्यादा वो लिखता रहता था, उसके हाथ मे एक डायरी और पेन जरूर रहती है, उसका अकेला पन उसे लिखने की प्रेरणा देता था ऐसा नही था दोस्त और फॅमिली नही थी। है वो सब भी है पर उसे फिर भी अकेले रहना पसंद नही था। ना कोई जिंदगी मे प्रॉब्लम थी।पर वो कहते है ना साले दोस्त कभी अकेले छोड़ते हि नही। पर फिर भी शाम के पाँच बजे से ...Read More